पिहोवा , 15 जूनl लंबित मांगों के समर्थन में रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा की एक बैठक हुई। इसमें रोडवेज कर्मियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। बैठक में कर्मचारी नेता जयबीर घणघस, नरेंद्र विनोद, जगदीप लाठर, माया राम, दिनेश हुड्डा, अमित महराणा, अशोक खोखर, संजीव कुमार, नीरज शर्मा आदि ने हिस्सा लिया। कर्मचारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा 23 जून 2023 को रोडवेज कर्मचारियों की कई मांगो पर सहमति जताते हुए इनका परिपत्र जारी करने का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन इन मांगों पर अभी तक कोई विचार नहीं हुआ। चालकों, परिचालकों व लिपिकों से ड्यूटी से अलग कई तरह के कार्य लिए जा रहे हैं। लेकिन इन कार्यों के लिए नियमानुसार पे ग्रेड ना देकर कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। चालक, परिचालक, उपनिरीक्षक, निरीक्षक व कर्मशाला के कर्मचारियों की देय अर्जित अवकाशों को कम करके उनका नुकसान किया जा रहा हैं। चालक, परिचालकों के रात्रि ठहराव भत्ता को 30 से 10 सीमित करने का फरमान जारी कर दिया हैं। ओवर टाइम पॉलिसी को ताक पर रखकर चालक परिचालकों से 14 से 15 घंटे कार्य लेकर ओवरटाइम सीमित देकर उनका नुकसान किया जा रहा हैं। कर्मशाला के कर्मचारियों को सर्विसेज रूल 2016 के साथ जोड़कर अवकाशों को कम करके प्रताड़ित किया जा है। ग्रुप डी के कर्मचारियों से तकनीकी पद का कार्य लिया जा रहा हैं।  जबकि उन्हें प्रमोशन नहीं दी जा रही। सभी प्रकार की पूर्ण प्रक्रिया के बाद भर्ती किए गए 2016 के चालकों व दादरी डिपो के 52 हेल्पर्स को पक्का नहीं किया  गया। रोडवेज विभाग में जनता लगभग 45 तरह की फ्री कैटेगिरी यात्रा सुविधाओं का लाभ ले रही है। लेकिन 35 से 38 साल तक कार्य करने वाले रोडवेज कर्मचारियों को फ्री सुविधा ना देकर अन्याय किया जा रहा हैं। बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ सांझे मोर्चे के बैनर तले 26 जून को सभी महाप्रबंधकों के कार्यालयों पर महानिदेशक, अतिरिक्त परिवहन सचिव व सभी महा प्रबंधकों की तानाशाही के खिलाफ 10 से चार बजे तक भूख हड़ताल करके ज्ञापन दिया जाएगा। यदि सरकार ने 23 जून 2023 को मानी गई मांगों को लागू नहीं किया तो 14 जुलाई को परिवहन मंत्री के आवास का घेराव करके बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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