कुरुक्षेत्र, 28 जनवरी। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। महिला विकास निगम के माध्यम से राज्य की विधवा, तलाकशुदा या कानूनी रूप से अलग हुई महिलाओं को बैंकों के माध्यम से अपना स्वयं का व्यवसाय करने के लिए 3 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।
उपायुक्त ने कहा कि योजना के तहत बैंक ऋण के ऊपर लगे ब्याज की प्रतिपूर्ति हरियाणा महिला विकास निगम द्वारा अनुदान के रूप में अदा करके की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपए व अवधि 3 वर्ष जो भी पहले होगी। योजना का लाभ लेने के लिए महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच हो। महिला की वार्षिक आमदनी 3 लाख रुपए से ज्यादा ना हो और महिला हरियाणा की स्थायी निवासी हो। योजना में मसाला यूनिट, डोना बनाना, रेडीमेड गारमेंट्स, ब्यूटी पार्लर, ऑटो रिक्शा इत्यादि शामिल है। इच्छुक महिलाएं आवेदन करने के लिए व फार्म प्राप्त करने के लिए हरियाणा महिला विकास निगम कार्यालय में संपर्क कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लेने के लिए करें ऑनलाइन पंजीकरण:नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र,28 जनवरी। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। अब लाभार्थियों को विवाह के ऑनलाईन पंजीकरण करवाने के उपरान्त ही योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए लाभपात्र विवाहिता की शादी का ई-दिशा पोर्टल पर पंजीकरण होना अत्यंत आवश्यक है।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ लेने वाले परिवार को अपनी बेटी की शादी के 6 महीने पूरे होने से पहले ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण करने उपरान्त ही विवाहित कन्या के माता-पिता को उक्त योजना का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अनुसूचित एवं विमुक्त जाति के परिवार का नाम बीपीएल सूची में है तो उसको कन्या विवाह शगुन योजना के अंतर्गत 71 हजार रुपए का लाभ दिया जाएगा। सभी वर्गों की विधवाओं, बेसहारा महिला, अनाथ बच्चे, बीपीएल सूची में है या उनकी आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है तो उनको इस योजना में 51 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
बी.पी.एल सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपए का लाभ
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि बी.पी.एल सूची में सामान्य या पिछड़े वर्ग के परिवार को 31 हजार रुपए का अनुदान मिलेगा। इसी तरह अनुसूचित वर्ग या विमुक्त जाति का परिवार बी.पी.एल सूची में नहीं है और जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है, उनको 31 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। विवाहित युगल 40 प्रतिशत या इससे ज्यादा दिव्यांग है तो उन्हें 51 हजार रुपए और पति-पत्नी में से एक जन 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग है तो उसको 31 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
निराश्रित बच्चों के लिए पेंशन योजना, सरकार हर माह दे रही 1850 रुपये की वित्तीय सहायता:नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र, 28 जनवरी। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि जिला में 21 वर्ष तक की आयु का बच्चा जो अपने माता-पिता की सहायता अथवा देखभाल से उनकी मृत्यु होने के कारण, अपने पिता के घर से पिछले 2 वर्ष की अवधि से अनुपस्थित होने के कारण अथवा माता-पिता के लम्बी सजा, जोकि एक वर्ष से कम न हो या मानसिक व शारीरिक अक्षमता के कारण वंचित हो जाते हैं और जिनके माता-पिता, अभिभावक की सभी साधनों से वार्षिक आय दो लाख से अधिक नहीं है। वह बच्चा हरियाणा सरकार के सामाजिक न्याय एवं सहकारिता विभाग द्वारा दी जा रही वित्तीय सहायता का लाभ पात्र है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त विभाग द्वारा एक परिवार में दो बच्चों तक 1850 रुपये प्रति माह प्रति बच्चा पेंशन प्रदान की जा रही है।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त स्कीम का लाभ लेने के इच्छुक व्यक्ति के पास बेसहारा होने का प्रमाण पत्र, बच्चों के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र व आवेदक का 5 वर्ष या उससे अधिक की अवधि का हरियाणा राज्य में निवासी होने का दस्तावेज जैसे कि फोटोयुक्त वोटर कार्ड या राशन कार्ड आदि की स्वयं सत्यापित फोटो प्रति सहित परिवार पहचान पत्र होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आवेदक के पास यदि उपरोक्त दस्तावेजों में से कोई दस्तावेज नहीं है, तो वह कोई अन्य प्रमाण पत्र सहित 5 वर्ष से हरियाणा में रिहायश का हलफनामा दे सकता है। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे के माता-पिता या अभिभावक किसी भी सरकार द्वारा पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रहा है, वो उपरोक्त स्कीम का लाभ नहीं ले पाएंगे। स्कीम का लाभ लेने के इच्छुक प्रार्थी अपने नजदीकी अंत्योदय सरल केंद्र, अटल सेवा केंद्र सहित सीएससी केंद्र पर आवेदन कर सकते हैं।
दयालु योजना के तहत मृत्यु या दिव्यांग होने पर दी जाती है आर्थिक सहायता:नेहा सिंह
कुरुक्षेत्र, 28 जनवरी। उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु) लागू की गई है। इसके तहत प्रदेश के गरीब परिवारों में 6 से 60 साल की आयु तक के किसी व्यक्ति की मृत्यु होने अथवा दिव्यांग होने पर आर्थिक मदद दी जा रही है। इस योजना के दायरे में एक लाख 80 हजार रुपए तक की आय वाले परिवार आएंगे। ऐसे परिवारों में 1 अप्रैल 2023 से किसी की मृत्यु हुई है या 100 प्रतिशत दिव्यांग हुआ है तो वह परिवार इस योजना का पात्र माना जाएगा। आवेदन के लिए परिवार के पास पीपीपी होना जरूरी है। यदि परिवार में किसी की एक्सीडेंट या प्राकृतिक मृत्यु हुई है, तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा। यदि एक्सीडेंट में दिव्यांग हुआ है तो उसका दिव्यांगता प्रमाण पत्र, अस्पताल के डिस्चार्ज के दस्तावेज और एफआईआर की कॉपी जरूरी है।
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि दयालु योजना का मुख्य उद्देश्य पीडि़त परिवार की आर्थिक सहायता करना है, जिससे उन्हें सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा मिल सके। उन्होंने बताया कि परिवार पहचान पत्र में जो बैंक खाता नंबर दिया हुआ है, उसी में सहायता राशि को भेजा जाएगा। दुर्घटना होने के तीन माह के भीतर इस योजना के तहत आवेदन करना आवश्यक है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने दयालु पोर्टल बनाया हुआ है। जिस पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
उपायुक्त ने कहा कि दयालु योजना के तहत गरीब परिवारों के 6 से 12 साल तक के बच्चे की मृत्यु या 100 प्रतिशत दिव्यांग होने पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे, इसी प्रकार से 12 से 18 वर्ष की आयु पर 2 लाख रुपए 18 से 25 वर्ष की आयु तक 3 लाख रुपए, 25 से 45 वर्ष की आयु पर 5 लाख रुपए और इसके बाद 60 साल की आयु पर 3 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
जिला जेल में आयुष विभाग द्वारा पांच दिवसीय सूर्य नमस्कार प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन:डा. सुदेश जाटियान
कुरुक्षेत्र 28 जनवरी। जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. सुदेश जाटियान ने कहा कि जिला जेल में आयुष विभाग द्वारा सूर्य नमस्कार अभियान के अंतर्गत पांच दिवसीय सूर्य नमस्कार प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं एक दिवसीय नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. सुदेश जाटियान मंगलवार को जिला जेल में सूर्य नमस्कार अभियान के अंतर्गत पांच दिवसीय सूर्य नमस्कार प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करने उपरांत बोल रही थी। इससे पहले जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. सुदेश जाटियान,जेल अधीक्षक धर्मवीर सिंह, उप जेल अधीक्षक रोहन हुडडा, उप जेल अधीक्षक सुरेन्द्र पाल सिंह द्वारा भगवान धनवन्तरी को पुष्पार्पण कर व दीप प्रज्जवलन कर एक दिवसीय नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ किया गया। उन्होंने कहा कि इस विशेष पहल का उद्देश्य कैदियों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करना है। सूर्य नमस्कार जैसें योग अभ्यास न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मकता भी प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम कैदियों के पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। स्वास्थ्य शिविर में अनुभवी आयुष विशेषज्ञों डा. कुलवंत सिंह, डा. विरेन्द्र मेहरा, डा. तृप्ता एवं डा. आकृति द्वारा लगभग 193 कैदियों के स्वास्थ्य की जांच की गई और उन्हें जरुरी परामर्श प्रदान किया गया तथा सत्यवीर सिंह व सुभाष चन्द आयुर्वेदिक फार्मासिस्टों द्वारा कैदियों को निशुल्क दवाइयों का वितरण किया गया। उन्होंने गीता के उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता न केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करती है, बल्कि यह जीवन के कठिन क्षणों में साहस और प्रेरणा का स्त्रोत भी बनती है। गीता का अध्ययन जीवन में सकारात्मकता लाता है और गीता का अध्ययन कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। जेल में मौजूद कैदियों ने इस पहल की सराहना की और गीता को अपने जीवन मे अपनाने का संकल्प लिया।
इस कार्यक्रम में जिला योग संयोजक डा. जागीर सिंह व योग विशेषज्ञ मंजीत के सहयोग द्वारा आयुष योग सहायकों सविता,कर्मवीर सिंह व हरदीप सिंह द्वारा सूर्य नमस्कार प्रशिक्षण कार्यक्रम में कैदियों को सूर्य नमस्कार के विभिन्न चरणों का प्रशिक्षण दिया। इस मौके पर सहायक अधीक्षक राजेश कुमार एवं अन्य जेल स्टाफ तथा आयुष विभाग सहायक मनोज कुमार सहायक व अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।
शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य करना है प्राप्त:वर्मा
कुरुक्षेत्र 28 जनवरी। जिला शिक्षा अधिकारी रोहतास वर्मा ने कहा भारत विकसित राष्ट्र के महत्वाकांक्षी उद्देश्य की प्राप्ति की ओर बढ़ रहा है, जिसमें शिक्षा की भूमिका सबसे अहम रहने वाली है। हमें हर हाल में शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त करना है, जिसके लिए सभी स्वयंसेवक शिक्षकों को मिशन मोड में काम करना है होगा।
उन्होंने कहा कि उल्लास योजना भारत को साक्षर और शिक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल अशिक्षित व्यक्तियों को शिक्षा का अवसर प्रदान करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करती है। यह पहल भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम योजना भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश में पूर्ण साक्षरता प्राप्त करना है। यह योजना विशेष रूप से 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के अशिक्षित व्यक्तियों के लिए बनाई गई है, जिन्हें किसी कारणवश शिक्षा प्राप्त करने का अवसर नहीं मिला। यह योजना न केवल साक्षरता को बढ़ावा देती है, बल्कि एक शिक्षित और आत्मनिर्भर समाज के निर्माण में सहायक है।
उन्होंने कहा कि उल्लास कार्यक्रम के अंतर्गत अशिक्षित व्यक्तियों को अक्षर और अंकों की पहचान करवाना, पढऩे-लिखने और गणना करने की क्षमता विकसित करना है। शिक्षित होकर स्वास्थ्य, जागरूकता और रोजगार कौशल जैसे क्षेत्रों में जानकारी प्रदान की जाएगी। इतना ही नहीं शिक्षार्थियों को उनके प्रयासों के लिए प्रमाण-पत्र देकर शिक्षा का महत्व बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उल्लास एप पर सर्वेक्षण के माध्यम से आंकड़ों का संग्रह किया जाता है, जो न केवल साक्षरता की स्थिति को समझने में मदद करता है, बल्कि इसे भविष्य में सुधारने के लिए आधार भी प्रदान करता है।
15225 लर्नर्स ने दी थी उल्लास परीक्षा
जिला उल्लास समन्वयक संजय कौशिक ने बताया कि गत वर्ष जिला में कुल 18500 लर्नर्स को चिन्हित किया गया था जिनमें से 15225 ने शिक्षा प्राप्त कर उल्लास की परीक्षा दी थी। जिले के सभी अधिकारियों व स्वयंसेवक शिक्षकों की मेहनत से कार्यक्रम सफलता पूर्वक चल रहा है। इस वर्ष 11500 लर्नर्स को शिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने उल्लास एप और एनआईएलपी पोर्टल के बारे में तकनीकी जानकारी साझा की और नए लर्नर्स पंजीकृत करने संबंधी लक्ष्य, वालंटियर, शिक्षकों की ओर से लर्नर्स की पढ़ाई संबंधी शिक्षण सामग्री, शिक्षण तकनीकों, सभी स्कूलों में उल्लास कॉर्नर स्थापित करने, उल्लास सर्वे करना, नियमित रूप से शिक्षण जारी रखने व उल्लास कार्यक्रम संबंधी अन्य जानकारियां साझा की। इस मौके पर सभी जिला के सभी एबीआरसी तथा खंड स्तर के उल्लास समन्वयक व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
फोटो नंबर 7 व 8
समस्याओं के समाधान के लिए समाधान शिविरों का फायदा उठाएं नागरिक:डा.रमन गुप्ता
समाधान शिविर में 26 शिकायतों में से किया 15 शिकायतों का निपटारा, लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है समाधान शिविर
कुरुक्षेत्र 28 जनवरी। नगराधीश डा. रमन गुप्ता ने कहा कि लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित समाधान शिविर में नागरिकों की समस्याओं का प्रभावी ढंग से समाधान किया गया। शिविर में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोग अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे।
नगराधीश डा. रमन गुप्ता मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में उपायुक्त नेहा सिंह के मार्गदर्शन में लगाए गए समाधान शिविर में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज समाधान शिविर में विभिन्न विभागों से सम्बन्धित 26 समस्याओं को सुना गया। उन्होंने कहा कि समाधान शिविर में रखी गई 26 समस्याओं में से 15 समस्याओं का मौके पर ही समाधान कर दिया गया है तथा शेष समस्याओं का समाधान करने के लिए सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। इससे पहले नगराधीश डा. रमन गुप्ता व कमेटी के सदस्य रामपाल पाली ने क्रिड और विभिन्न विभागों से सम्बन्धित 26 समस्याओं को सुना और उनमें से अधिकतर समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य लोगों की समस्याओं का समयबद्ध समाधान करना है, ताकि जनता का प्रशासन पर भरोसा और ज्यादा मजबूत हो। शिविर में कुल 26 शिकायतें आई, जिनमें से कई शिकायतों का मौके पर ही निपटारा किया गया, जबकि कुछ मामलों में आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई।
कमेटी के सदस्य रामपाल पाली ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह के आदेशानुसार समाधान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नागरिक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए शिविरों का फायदा उठाएं। शिविर के दौरान नागरिकों ने प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि समाधान शिविर के जरिए उनकी समस्याओं को सीधे अधिकारियों तक पहुंचाने का मंच मिल रहा है। ऐसे शिविरों के आयोजन से न केवल प्रशासन और जनता के बीच संवाद मजबूत हो रहा है, बल्कि शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया भी सरल और त्वरित हो रही है। इस मौके पर डीएसपी सुनील कुमार सहित अन्य विभागों से सम्बन्धित अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।