शहरों में 8 से 12 और गांवों में 15 से 17 घंटे बिजली के कट लग रहे: अनुराग ढांडा
इस समय 1500 मेगावाट बिजली की कमी, बीजेपी सरकार ने कोई तैयारी नहीं की: अनुराग ढांडा
2015 में मनोहर लाल ने हरियाणा के हिस्से की 750 मेगावाट बिजली कर दी थी केंद्र को सरेंडर : अनुराग ढांडा
आज खट्टर साहब केंद्रीय ऊर्जा मंत्री हैं, क्या केंद्र से हरियाणा को दिलाएंगे 750 मेगावाट बिजली? : अनुराग ढांडा
मुख्यमंत्री रहते खट्टर ने निराश किया, ऊर्जा मंत्री बनने के बाद निभाएं हरियाणवी होने का फ़र्ज: अनुराग ढांडा
यमुनानगर पावर प्लांट बनाने के लिए नहीं हो रहा काम, बीजेपी की मंशा क्या है? – अनुराग ढांडा
24 घंटे बिजली के लिए सरकार के पास तीन महीने का वक्त, वर्ना सरकार बदलते देर नहीं लगेगी : अनुराग ढांडा
चंडीगढ़, 12 जून
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने प्रेसवार्ता कर बिजली के मुद्दे पर हरियाणा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम खट्टर को केंद्र में ऊर्जा मंत्री बनाया गया है। पिछले साढ़े नौ साल तो उन्होंने हरियाणा में कुछ नहीं किया। पिछ्ले 10 साल में बीजेपी ने हरियाणा में बिजली के मुद्दे पर कोई काम नहीं किया। हरियाणा में हर साल मार्च से लेकर अक्टूबर तक बिजली की जबरदस्त किल्लत रहती है। न गांव में बिजली है न शहरों में और खेतों का हाल तो सबको पता है। आज के दिन पूरे प्रदेश में बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है। इस वक्त 1500 मेगावाट की कमी चल रही है, जो आने वाले समय में बढ़कर 2000 मेगावाट हो सकती है। लेकिन इसके लिए बीजेपी की प्रदेश सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि आज शहरों और कस्बों में 8 से 12 घंटे पॉवर कट लग रहे हैं, पॉवर बैकअप पर सोसायटी चल रही हैं। गांव में जहां सरकार दावा करती थी कि जगमग योजना ले आए और हरियाणा के सभी गांव को जगमग कर दिया उन गांवों में आज के दिन 15 से 17 घंटे कट लग रहे हैं। हरियाणा में ये स्थिति बिजली की उपलब्धता की है।
उन्होंने कहा उद्योगों को सलाह दी जा रही है कि रात में काम करें। ऐसे में हरियाणा कैसे तरक्की करेगा, जबकि आज के दिन में पॉवर बुनियादी जरूरत है। यदि बीजेपी 10 साल सत्ता में रहने के बावजूद बुनियादी जरूरत भी पूरी नहीं कर पा रही है तो फिर हरियाणा की तरक्की के सभी दावे बेईमानी है। 2015 में जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर होते थे, उस वक्त झाड़ली एनटीपीसी प्लांट से हरियाणा में सेंट्रल पुल को लगभग 750 मेगावाट सरेंडर कर दिया था। वो भी हरियाणा के लोगों के हितों के खिलाफ लिया गया फैसला था। जिसका उस समय विरोध हुआ था।
उन्होंने कहा मैं मनोहर लाल खट्टर से पूछना चाहता हूं कि आज वो केंद्रीय ऊर्जा मंत्री हैं क्या वो हरियाणा का वो उधार उतरेंगे जो 2015 में 750 मेगावाट पुल में सरेंडर किया था। आज जब हरियाणा को जरूरत है तो क्या 750 मेगावाट केंद्रीय पुल से दिलाएंगे और जो 2015 में हरियाणा के लोगों के साथ विश्वासघात किया था क्या उस गलती को सुधारने का प्रयास ऊर्जा मंत्री के तौर पर करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के मुख्यमंत्री थे तब अडानी ग्रुप के साथ एक समझौता किया था जिसमें मुंद्रा से हरियाणा को 1400 मेगावाट बिजली प्राप्त होनी थी। वो 25 साल के लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट के तहत बिजली ली गई थी, जिसका रेट 2.92 रुपए रेट तय हुआ था। लेकिन मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के लोगों का विश्वास तोड़ते हुए मिड टर्म में अनुबंध की शर्तों को बदला और 3.20 रुपए प्रति यूनिट रेट कर दिया। जबकि 25 साल का लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट था। नए समझौते में न केवल बिजली का रेट बढ़ा दिया गया बल्कि 1400 मेगावाट बिजली को घटाकर हरियाणा सरकार ने 1096 मेगावाट बिजली की आपूर्ति के लिए एग्री कर लिया। जब 2023 में धान का सीजन था, तब 1096 मेगावाट में से 500 मेगावाट बिजली ही पहुंच पाई थी। यानी हरियाणा सरकार की तरफ से अडानी ग्रुप पर बहुत मेहरबानियां की गई। मैं मनोहर लाल खट्टर से पूछना चाहता हूं कि आज वो केंद्रीय ऊर्जा मंत्री हैं क्या ये मेहरबानियां जारी रहेंगी या हरियाणा की जनता की सुध लेंगे।
उन्होंने कहा कि तीसरा मामला यमुनानगर में पॉवर प्लांट का है। जिसको बीजेपी की सरकार ने हरियाणा से हटाने की कोशिश की थी। जब इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने विरोध कर दबाव बनाया तो फरवरी के महीने में कहा गया कि यमुनानगर पॉवर प्लांट को 57 महीने में बना दिया जाएगा और ये हरियाणा से बाहर नहीं जाएगा। मैं पूछना चाहता हूं कि फरवरी से आज तक क्या इस पॉवर प्लांट पर एक कदम भी आगे बढ़ाया गया और काम शुरू हुआ। क्योंकि वहां पर अभी तक एक ईंट भी नहीं लगी है। आखिर सरकार की मंशा क्या है? क्या वो इस पॉवर प्लांट को बनाना नहीं चाहते?
उन्होंने कहा मैं पूछना चाहता हूं कि मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर साढ़े नौ साल तक काम करके गए। उनके काम का सर्टिफिकेट उनको बीजेपी ने खुद उनको मुख्यमंत्री पद से हटाकर दे दिया है कि उन्होंने हरियाणा के हित में कोई काम नहीं किया है। आज उनके पास एक बड़ा मंत्रालय है और बड़ी जिम्मेदारी है। जिससे हरियाणा का काफी हित हो सकता है। क्या मनोहर लाल खट्टर ऊर्जा मंत्री के पद पर बैठकर एक हरियाणवी होने का फर्ज भी निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि जो सोल्टेज इस वक्त हरियाणा में बिजली की चल रही है। उसकी पूर्ति करने में और हरियाणा में 24 घंटे बिजली देने में क्या बीजेपी सरकार सक्षम हो पाएगी? पहले जो उम्मीदें हरियाणा के लोगों ने लगाई थी वो मनोहर लाल खट्टर ने तोड़ी, अबकी बार फिर हरियाणा के लोग ये उम्मीद लगा रहे हैं कि ऊर्जा मंत्री के तौर पर मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के गांव और शहर में 24 घंटे बिजली सुनिश्चित करवा पाएंगे। जो प्रधानमंत्री मोदी ने आम आदमी पार्टी की नकल करने की कोशिश की और कहा कि हम भी मुफ्त बिजली दे देंगे क्या उसको लागू करने में मनोहर लाल खट्टर सक्षम हो पाएंगे? क्योंकि इनके पास दो तीन महीने का समय बचा है। यदि बीजेपी हरियाणा के लोगों को मुफ्त और 24 घंटे बिजली मुफ्त करा पाती है तो ठीक नहीं तो सरकार बदलते समय नहीं लगता। हरियाणा के लोगों ने लोकसभा चुनाव में अपना रुख जता दिया है और विधानसभा चुनाव में तो इससे भी ज्यादा नाराजगी है। तो फिर बीजेपी की सरकार बदलने के बाद क्या 24 घंटे और मुफ्त बिजली सुनिश्चित करना क्या ये काम भी आम आदमी पार्टी की सरकार के द्वारा होगा। इस पर बीजेपी अपना रुख स्पष्ट करे।