कुरुक्षेत्र 14 दिसंबर जल है तो कल है, इसी पंक्ति को चरितार्थ करते हुए केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा जल बचाओ अभियान के तहत अनेक योजनाओं को चलाया जा रहा है। इन योजनाओं के तहत ऐसे जल प्रहरियों को सम्मानित भी किया जा रहा है, जिन्होंने जल का संरक्षण करने में अपनी अहम भूमिका निभाई। ऐसे जल प्रहरियों को सम्मानित कर सभी देशवासियों को जल की उपयोगिता और संरक्षण का संदेश देने के साथ साथ उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा रहा है ताकि वे अब भी सरकार के जल संरक्षण के अभियान में अपना योगदान दे। अहम पहलू यह है कि जल संरक्षण में अपनी अहम भूमिका अदा करने पर हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच को राष्ट्रीय जल प्रहरी अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने विशेष बातचीत करते हुए कहा कि सरस्वती नदी के उत्थान व जल संरक्षण के लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की तरफ से अंतरराष्ट्रीय जल प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया गया है। अपनी इस उपलब्धि को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा चलाई गई जल सरंक्षण नीतियों को समर्पित करते है, इन्हीं नीतियों पर चलते हुए उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय नीति आयोग व सरकारी टेल के द्वारा महाराष्ट्र भवन में देश के वाटर मैन राजेंद्र सिंह द्वारा उन्हे सम्मान प्रदान किया गया। देश में कुल 32 लोगों को इस राष्ट्रीय जल प्रहरी अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण की इस मुहिम में अपने विशेष अभियान के चलते पिछले लंबे समय से जल संरक्षण का कार्य कर रहे और पवित्र सरस्वती नदी को भारतीय धरा पर दोबारा अवतरित करवाने के प्रयास में लगे है।
दिल्ली के महाराष्ट्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में पांच देशों के हाई कमिश्नर, भारतीय संसद के कई सांसदों, केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में धुमन सिंह किरमच को जल प्रहरी अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार को प्राप्त करने वाले धुमन सिंह किरमच हरियाणा के पहले और एकमात्र जल प्रहरी है। धुमन सिंह किरमच सरस्वती हेरिटेज बोर्ड में पिछले लंबे समय से सरस्वती नदी के गौरवशाली अतीत को दोबारा धरती पर लाने के प्रयास में लगे हैं और इसी के चलते वह जल संरक्षण की दिशा में कई प्रयास भी कर रहे है। उन्हें इन प्रयासों में सफलता भी मिली हैं। बाढ़ और भारी वर्षा की स्थिति में प्राकृतिक जलाशयों के माध्यम से जल संरक्षण करना उनकी दूरदर्शी सोच और मेहनत का नतीजा रहा, जिसके चलते बाढ़ और वर्षा का पानी शहरी क्षेत्रों को डुबोने की बजाय इन प्राकृतिक जलाशयों में सम्माहित किया गया, जिससे धरती का जल स्तर भी ऊपर उठा और डार्क जोन से भी राहत मिली। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में वह दिन-रात जल संरक्षण के अपने अभियान में जुटे हुए हैं। उन्होंने सभी देशवासियों से अपील की वे सब भी जल प्रहरी बनकर जल संरक्षण में अपना योगदान दे।