कुरूक्षेत्र, 6 सितम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की गोयल प्राइज अवार्ड कमेटी ने इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2021-22 गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। एस सोमनाथ ने निकट भविष्य में केयू में आयोजित होने वाले समारोह में गोयल अवार्ड प्राप्त करने की सहमति भी दी है।
हरियाणा के राज्यपाल और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एस सोमनाथ को गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने के गोयल प्राइज अवार्ड कमेटी के निर्णय की सराहना की है।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मानवता के लाभ के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए अथक प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हाल ही में बेंगलुरु में अपने भाषण में इसरो के काम की सराहना की थी, जिसमें उन्होंने “जीवनयापन में आसानी और गवर्नेंस में आसानी“ के साथ-साथ “दूरस्थ लोगों तक शिक्षा, संचार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने“ के लिए इसरो के अंतरिक्ष मिशनों की सराहना की थी।
गोयल प्राइज अवार्ड कमेटी के को-चेयरमैन प्रो. एसपी सिंह ने बताया कि गोयल अवार्ड अमेरिका में रह रहे एक अप्रवासी भारतीय स्वर्गीय रामस्वरूप गोयल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास से शुरू किया गया। अभी तक विभिन्न विषयों से जुड़े 110 प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को वर्ष 1992 से आज तक गोयल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
गोयल अवार्डस के कंवीनर प्रो. संजीव अरोड़ा ने बताया कि गोयल पुरस्कार के कुछ प्रतिष्ठित पुरस्कार विजेताओं में आईआईएससी बेंगलुरु के पूर्व निदेशक प्रोफेसर सीएनआर राव, आईआईएससी में भटनागर पूर्व फेलो डॉ. गोवर्धन मेहता, डॉ आरए माशेलकर, पूर्व महानिदेशक सीएसआईआर, डॉ. ओबैद सिद्दीकी, टीआईएफआर के राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र के पूर्व निदेशक और डॉ. एके सूद, प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर, भारत सरकार शामिल हैं। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के कस्तूरीरंगन को 1998 में गोयल पुरस्कार तथा सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक को 2015 में गोयल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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