चंडीगढ़। सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में मरीजों को अब बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में पर्ची बनवाने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। सीएचसी मुलाना में आभा की मदद से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा है। जल्द ही इसे प्रत्येक जिले के दो स्वास्थ्य केंद्रों में लागू किया जाएगा। 

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव और उनके स्टाफ ने आभा कार्ड बनवाया। इस दौरान मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोई भी मरीज अपने स्वास्थ्य रिकार्ड को अपनी आभा (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता) आईडी से लिंक कर सकता है। वह अपनी सहमति से डिजिटल स्वास्थ्य रिकार्ड को सुरक्षित रूप से संग्रहीत, एक्सेस और साझा कर सकता है। 

मिशन के संयुक्त निदेशक (सूचना प्रौद्योगिकी) कैलाश सोनी ने आभा कार्ड के लाभ गिनाते हुए बताया कि कैसे यह मिशन प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से अलग है। प्रदेश में अब तक 1.63 करोड़ से अधिक आभा कार्ड बनाए जा चुके हैं। सीएचसी मुलाना को आभा कार्ड धारकों के लिए प्रदेश का पहला आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाया गया है, जो पूरी तरह कार्यात्मक है
यहां मरीज ऑनलाइन पंजीकरण कराकर इलाज करा सकते हैं। उन्हें पंजीकरण के लिए लाइनों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है। जल्द ही यह योजना राज्य के सभी 22 जिलों में प्रति स्वास्थ्य संस्थान दो स्वास्थ्य केंद्रों यानि कुल 44 स्वास्थ्य संस्थानों में लागू की जाएगी।
मिशन के संयुक्त निदेशक (सूचना प्रौद्योगिकी) कैलाश सोनी ने आभा कार्ड के लाभ गिनाते हुए बताया कि कैसे यह मिशन प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से अलग है। प्रदेश में अब तक 1.63 करोड़ से अधिक आभा कार्ड बनाए जा चुके हैं। सीएचसी मुलाना को आभा कार्ड धारकों के लिए प्रदेश का पहला आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र बनाया गया है, जो पूरी तरह कार्यात्मक है। 

यहां मरीज ऑनलाइन पंजीकरण कराकर इलाज करा सकते हैं। उन्हें पंजीकरण के लिए लाइनों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है। जल्द ही यह योजना राज्य के सभी 22 जिलों में प्रति स्वास्थ्य संस्थान दो स्वास्थ्य केंद्रों यानि कुल 44 स्वास्थ्य संस्थानों में लागू की जाएगी।

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