चंडीगढ़। पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बुधवार को आमजन ने ऑपरेशन अभ्यास में बखूबी साथ निभाया। शाम को 7.50 बजे हूटर की आवाज के साथ ही लगभग सभी स्थानों पर लाइटें बुझा दी गईं, जिससे गांव और शहर अंधेरे में डूब गए।
इस दौरान सड़कें भी वीरान नजर आईं। रात आठ बजे हूटर बजने के साथ ही ब्लैक आउट खत्म हुआ, जिसके बाद पहले की स्थिति बहाल हो गई। हालांकि मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट के दौरान कुछ स्थानों पर लापरवाही भी सामने आई।
सभी जिलों में हुई मॉक ड्रिल
पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई के बाद बदले माहौल में प्रदेश सरकार ने भी सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल की रणनीति में बदलाव कर दिया।
पहले जहां 11 जिलों अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर और झज्जर में मॉक ड्रिल की जानी थी, वहीं बुधवार सुबह मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों संग बैठक में सभी जिलों में अभ्यास करने का आदेश जारी कर दिया।
शाम को गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने पंचकूला में स्थापित कंट्रोल रूम से ऑपरेशन अभ्यास के तहत प्रदेश में आयोजित सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल की मानिटरिंग की।