छंट गए संकट के बदल, रजनी शर्मा की चेयरमैनी बरकरार
फिर संकटमोचक बने सुभाष-साहिल सुधा, अविश्वास,
विश्वास में बदला, 2 से 15 तक पहुंचा विश्वासपात्रों का आंकड़ा
डॉ. राजेश वधवा
थानेसर पंचायत समिति चेयरपर्सन की कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे के बादल अब छंट गए हैं। पूर्व मंत्री सुभाष सुधा और युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष साहिल सुधा संकटमोचक बनकर उनकी कुर्सी पर आए खतरे के संकट को हरने का काम कर गए जिसके चलते पंचायत समिति के 15 सदस्यों ने चेयरमैन रजनी शर्मा को अपना समर्थन दे दिया। सभी ने आपसी भाईचारे को कायम रखते हुए समान भाव से विकास कार्य करवाने की बात कही।
आज पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष साहिल सुधा की मौजूदगी में वार्ड नंबर 2 से ब्लॉक समिति सदस्य रजिया खान, वार्ड नंबर 5 से ब्लॉक समिति सदस्य विशाल, वार्ड नंबर 8 से ब्लॉक समिति सदस्य सतबीर बादल, वार्ड नंबर 10 से ब्लॉक समिति सदस्य गौतम कुमार, वार्ड नंबर 11 से ब्लॉक समिति सदस्य एवं चेयरमैन रजनी शर्मा, वार्ड नंबर 12 से ब्लॉक समिति सदस्य पूजा रानी, वार्ड नंबर 15 से ब्लॉक समिति सदस्य एवं वाइस चेयरमैन नेहा दोचक,वार्ड नंबर 16 से ब्लॉक समिति सदस्य नीतीश शर्मा बलाही, वार्ड नंबर 17 से ब्लॉक समिति सदस्य अंजू बाला बगथला, वार्ड नंबर 18 से ब्लॉक समिति सदस्य मनदीप कौर, वार्ड नंबर 19 से ब्लॉक समिति सदस्य सुखविंदर सिंह, वार्ड नंबर 22 से ब्लॉक समिति सदस्य शीशपाल, वार्ड नंबर 24 से ब्लॉक समिति सदस्य सुनील कुमार, वार्ड नंबर 23 से ब्लॉक समिति सदस्य पूजा रानी, वार्ड नंबर 25 से ब्लॉक समिति सदस्य मीनाक्षी ने अपना समर्थन चेयरमैन रजनी शर्मा को दिया।
इस मौके पर सुभाष सुधा ने कहा कि इन सदस्यों के बीच चल रहा गतिरोध खत्म हो गया है। सभी ने आपसी सहमति और भाईचारे से विकास कार्यों को मिलकर करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि चेयरपर्सन को पंचायत समिति में अपना बहुमत साबित करने के लिए आठ मत चाहिए थे, परंतु 15 सदस्यों का समर्थन पाकर उनकी कुर्सी एकदम सेफ हो गई।
गौरतलब है कि नवंबर 2022 में प्रदेश में पंचायत समिति के चुनाव हुए थे। इन चुनावों के बाद पंचायत समिति थानेसर की चेयरपर्सन रजनी शर्मा को बनाया गया था। पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने उन्हें चेयरपर्सन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस वर्ष हुए विधानसभा चुनावों से पहले ही 25 में से 16 सदस्य कांग्रेस खेमे में चले गए थे और चुनाव परिणाम आने के बाद 22 सदस्यों ने शपथपत्र सौंपकर चेयरपर्सन को बदलने की मांग उठाई थी। उसी दिन से खींचतान बढ़ने के कयास लगाए जा रहे थे। जिला प्रशासन की ओर से दो बार बैठक का समय दिया गया। हालांकि प्रशासनिक कारणों के चलते बैठक नहीं हो पाई। अब 15 जनवरी को तीसरी बार बैठक का समय दिया गया था, परंतु 15 सदस्यों द्वारा रजनी शर्मा को समर्थन दिए जाने के बाद आज अविश्वास बैठक नहीं हो पाई। यानी अविश्वास, विश्वास में बदल गया।