आरोपी ठगी से कमाए गए पैसों से खूब अय्याशी करता था. आरोपी ने बिहार में प्रॉपर्टी और महंगी गाड़ियां खरीद रखी थी. आरोपी हवाई जहाज से सफर करता था और महंगे-महंगे होटलों में रुकता था. दोस्तों के जन्मदिन पर लाखों रुपए उड़ा देता था.
बॉलीवुड फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर सरकारी अधिकारी बनकर गृह मंत्रालय में नौकरी लगवाने के नाम पर 70 लाख रुपए की ठगी का फरीदाबाद पुलिस ने खुलासा किया है. मामले में साइबर थाना बल्लभगढ़ ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है. आरोपी फेसबुक पेज पर सरकारी नौकरी का विज्ञापन डालता था. लोगों के संपर्क करने पर उन्हें गृह मंत्रालय की अपनी फर्जी आईडी और टेस्ट का लिंक गृह मंत्रालय की फर्जी ईमेल से भेजता था. लोगों को अपने विश्वास में लेने के लिए किराए की महंगी गाड़ी में आकर दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर मिलता था और पूर्व में भर्ती करवाए गए लोगों के फर्जी दस्तावेज दिखाता था.
फरीदाबाद की एसीपी मोनिका ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम शुभम (28) है, जो बिहार के आरा जिले का रहने वाला है. शुभम बोकारो और वाराणसी में रहता था. आरोपी बहुत ही शातिर किस्म का अपराधी है. आरोपी ने बॉलीवुड फिल्म स्पेशल 26 की तरह ही फरीदाबाद के रहने वाले मोहित और उसके जानकारों के साथ नौकरी के नाम पर 70 लाख रुपए की ठगी की थी. फिल्म में जिस प्रकार अक्षय कुमार सरकारी अधिकारी बनकर लाखों-करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम देते थे, उसी प्रकार आरोपी भी सरकारी अधिकारी बनकर भोले-भाले लोगों को ठगता था.
साइबर पुलिस स्टेशन में दो अक्टूबर को धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें डीसीपी क्राइम नीतीश कुमार अग्रवाल ने मामले में आरोपियों की धरपकड़ के निर्देश दिए थे, जिसके पश्चात एसीपी मोनिका के मार्गदर्शन और थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया, जिसमें उप निरीक्षक बाबूराम, धर्मेंद्र, हवलदार देवेंद्र, वीरपाल, सिपाही अंजू, कर्मवीर, रजनीश और सागर का नाम शामिल था. साइबर टीम ने साइबर तकनीक की सहायता से कड़ी मशक्कत करते हुए सात अक्टूबर को आरोपी को रांची से गिरफ्तार कर लिया.
आरोपी को अदालत में पेश करके सात दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया. पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सरकारी नौकरी का लालच देकर ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका है. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने वारदात को अंजाम देने से पहले मंत्रालय के बाहर का सारा इलाका अच्छी तरह से देखा और फेसबुक पर अपनी यश बंसल के नाम से एक फर्जी फेसबुक आईडी बना रखी है, जिस पर उसने जॉब्स इन देल्ही नाम से फर्जी पेज बना रखा था. उसने गृह मंत्रालय में क्लर्क के पद पर के लिए विज्ञापन डाला.
फेसबुक पर विज्ञापन देखकर पिछले वर्ष 2021 में फरीदाबाद के रहने वाले मोहित ने उसके फेसबुक पेज पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया, जिसमें आरोपी ने अपने आप को गृह मंत्रालय का अधिकारी बताया. आरोपी ने मोहित को विश्वास दिलाने के लिए सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके गृह मंत्रालय के फर्जी लैंडलाइन नंबर से मोहित को फोन किया और गृह मंत्रालय की एक फर्जी ईमेल आईडी से मोहित को अपना आईडी कार्ड और भर्ती के लिए टेस्ट का लिंक मोहित की मेल आईडी पर भेजा, जिससे मोहित को विश्वास हो गया कि यह गृह मंत्रालय की ऑफिशियल ईमेल आईडी है और आरोपी सच में गृह मंत्रालय में कार्य करता है.
इसके पश्चात आरोपी ने किराए की एक इनोवा गाड़ी हॉयर की और मोहित के सामने दबदबा जमाने के लिए उसे दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर मिला, जिसके पश्चात उसने मोहित को पहले कुछ लोगों को गृह मंत्रालय में भर्ती करवाए गए फर्जी दस्तावेज दिखाए, जिससे मोहित का उसके ऊपर विश्वास और पक्का हो गया. मोहित ने अपने कुछ दोस्तों व रिश्तेदारों को इसके बारे में बताया, जिसके पश्चात वह भी आरोपी के झांसे में आ गए. आरोपी ने अलग-अलग बैंक खातों में मोहित व उसके जानकारों से क्लर्क के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 60 लाख रुपए डलवा लिए.
इसके पश्चात आरोपी ने बताया कि उनकी नौकरी पक्की हो चुकी है. उसने मोहित व उसके जानकारों के फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, आईडी कार्ड और सैलरी स्लिप तैयार करके उसे मोहित को वॉट्सऐप पर भेज दिए और इसके पश्चात उसने दिल्ली में जगह बदल-बदल कर अलग-अलग समय बार 10 लाख रुपए कैश ले लिए. आरोपी ने ठगी की वारदात को अंजाम देने के पश्चात अपना मोबाइल नंबर बंद कर लिया, जिससे मोहित को शक हुआ और उसने थाने में इसकी शिकायत दी, जिसके पश्चात पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.