साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर दर्ज करवा सकते हैं साइबर क्राइम की शिकायत
करनाल, 22 अक्तूबर। उपायुक्त उत्तम सिंह ने बताया कि बढ़ते हुए साइबर अटैक अथवा साइबर अपराधों को रोकने में सरकार, प्रशासन ही नहीं उपभोक्ता की भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे हमलों को रोकने में उपभोक्ताओं की सजगता और सतर्कता की बहुत बड़ी भूमिका होती है। साइबर अटैक के लिए आवश्यक है कि उपभोक्ता, फोरम, वेबसाइट पर अपनी संवेदनशील जानकारी ईमेल आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड की डिटेल शेयर न करें। अपना पासवर्ड मजबूत रखें, कोई भी लिंक क्लिक करने से पहले देखें कि वह वेबसाईट ठीक है या नहीं। उन्होंने कहा कि सिस्टम की सुरक्षा के लिए अपने सिस्टम को अपडेट करते रहें और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
उन्होंने बताया कि स्पैम मैसेज को खोलने से बचें और ओपन वाईफाई का इस्तेमाल न करें। साथ ही एक ही वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग करें। आप एक सुरक्षित नेटवर्क से जुडक़र सावधानी और सजगता बरतकर साईबर हमले अथवा अपराध की गिरफ्त में आने से बच सकते हैं। इसी कड़ी में पुलिस विभाग द्वारा भी साइबर अपराधों से निपटने के लिए हेल्पलाइन नम्बर 1930 शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि अटैकर्स कमजोर सिस्टम पर हमला करने और उस पर नियंत्रण करने के लिए मैलिसस कोड का सहारा लेते हैं। साईबर सिक्योरिटी पर अटैक अनेक प्रकार से किए जा सकते हैं। इसके लिए मैलवेयर, फिशिंग अटैक, डिनायल ऑफ सर्विस, मेन इन द मिडिल के माध्यम से किया जा सकता है। इसको सिस्टम को हैक करने, क्रिप्टो करेंसी के रूप में पैसे की मांग के लिए या फिर डार्क वेब पर डेटा बेचने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरह के हमलो में संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण जानकारी जो उपयोगकर्ता की वेबसाईट पर उपलब्ध है, उसे बिना किसी वेबसाइट या यूजर्स के ज्ञान के हाईजैक कर लिया जा सकता है।
बॉक्स – साईबर सिक्योरिटी टिप्स
उपायुक्त उत्तम सिंह ने बताया कि यदि आप इंटरनेट का उपयोग बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते हैं, तो आपको अपने डिवाइस में साइबर सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए एंटी वायरस को जरूर इंस्टॉल करना चाहिए। एक अच्छा एंटी वायरस आपको मैलवेयर और डाटा सिक्योरिटी बीच के खतरे से बचाने का काम करता है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि बैंक कभी भी आपसे एटीएम कार्ड नम्बर, सी.वी.वी., यू.पी.आई., ओ.टी.पी. तथा पिन आदि की मांग नहीं करता है। गृह मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया गया है। यहां आप साइबर क्राइम के बारे में रिपोर्ट करा सकते हैं।