नीलोखेड़ी/करनाल, 16 अक्तूबर। एसडीएम अशोक कुमार ने हरियाणा सरकार परिवहन विभाग द्वारा जारी सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के अंतर्गत बुधवार को अपने कार्यालय में संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ।
एसडीएम ने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत सभी स्कूल की बसों में बच्चों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा निर्धारित किए गए सभी मानकों का होना बेहद जरूरी है। बच्चों की सुरक्षित यात्रा के सम्बन्ध में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी तथा बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के तहत प्राईवेट स्कूल संचालक सरकार द्वारा निर्धारित सभी मानकों की पालना करना सुनिश्चित करें, ताकि बच्चों को सुरक्षित वाहन की सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान यदि किसी स्कूल वाहन में सरकार द्वारा जारी हिदायतों की अनदेखी पाई गई तो उस स्कूल के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। प्राइवेट स्कूल वाहन मालिकों को निर्देश दिए कि वे हरियाणा सरकार द्वारा सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के नियमों का पालन अवश्य करें।
एसडीएम अशोक कुमार ने कहा कि सरकार की हिदायत अनुसार स्कूल बसों में एक सीसीटीवी कैमरा आगे एक पीछे होना चाहिए, जिनमें डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग टिल्ट जूम आदि की क्षमता हो। इन सीसीटीवी कैमरों की अच्छी रिकॉर्डिंग करने की क्षमता होनी चाहिए और इसमें 15 दिन की डीवीआर का रिकॉर्ड भी हो। स्कूली बसों में लड़कियां यात्रा करती है, तो उन बसों में महिला अटेंडेंट का होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम लगा हो। बस ड्राइवर के पास ड्राईविंग लाईसेंस सहित बस चलाने का कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए। बस संचालक के पास स्कूल वाहन का परमिट या स्वीकृति पत्र पास होना अनिवार्य है। शहर में बसों की स्पीड अधिकतम 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक होनी चाहिए। बसों में बच्चों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया स्टॉफ, कंडक्टर महिला अटेंडेंट पूरी तरह से ट्रेंड होने चाहिए। बसों में फस्र्ट एड किट के साथ फायर एक्सटिंगिशर होना भी अनिवार्य है।
उन्होंने प्राईवेट स्कूल संचालकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि स्कूल बसों में नियुक्त किया गया स्टाफ अपनी यूनिफार्म में होना चाहिए। स्कूल बसें पीले रंग की होनी चाहिए और उस पर नीले गहरे रंग की पट्टी लगानी अनिवार्य है। स्कूली बसों के शीशे ब्लैक नहीं होने चाहिए। उन्होंने बताया कि बसों की स्पीड कंट्रोल करने के लिए स्पीड गवर्नर लगे होने चाहिए। स्कूल बसों पर आगे तथा पीछे स्कूल बस अवश्य लिखा होना चाहिए। बस में सभी आवश्यक परमिट, इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, पॉल्यूशन प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज पूरे होने के साथ ही बस ड्राइवर अनुभवी कुशल होना चाहिए। उसके साथ एक परिचालक भी होने चाहिए। बस के टायरों की स्थिति अच्छी होनी चाहिए तथा बस में ऑटोमेटिक डोर लगा हो। ब्रेक एवं आपातकालीन ब्रेक की स्थिति ठीक होनी चाहिए। हेडलाइट एवं बैक लाइट चालू स्थिति में होनी जरूरी है। रिफलेक्टिव टेप आगे और पीछे नियमों के तहत लगी होनी चाहिए। रूट बोर्ड और समय सारिणी लगी होनी चाहिए। पुलिस,महिला व चाईल्ड हेल्प लाईन नम्बर के साथ-साथ नियंत्रण कक्ष और स्कूल मालिक का नंबर साफ लिखा होना जरूरी है, इत्यादि हिदायतों का पालन अवश्य करें।