हरियाणा के हिसार में फर्जी जाति प्रमाण पत्र से सरपंच का चुनाव जीती ढाणी मिरदाद की दुर्गी देवी की अग्रिम जमानत याचिका पर कोर्ट आज गुरुवार को फैसला सुना सकती है। दुर्गी देवी ने 5 दिसंबर को अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। बुधवार को पुलिस अपना पक्ष कोर्ट में रख चुकी है। महिला सरपंच 3 दिसंबर को पद की शपथ ले चुकी है। पुलिस इसके बाद से ही उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है।
BC-A जाति सर्टिफिकेट पर विवाद
शिकायत कर्ता पुनीत इंदौरा ने 14 नंवबर को पुलिस में शिकायत दी थी कि महिला दुर्गी देवी ने एससी जाति की होने के बावजूद BC-A का सर्टिफिकेट बनवाकर गांव में सरपंच पद के लिए आवेदन किया। दुर्गी देवी गांव के युवक सोमबीर के साथ लव मैरिज करके करीब 4 साल पहले आई थी। सोमबीर की जाति धानक है जो कि एससी कैटेगरी में आती है। दुर्गी देवी ने अपने पिता अशोक की फैमिली आईडी में भी अपनी जाति कैटेगरी एससी दशाई हुई है।
शादी के बाद दुर्गी देवी ने अपने ही गांव के सरपंच व पटवारी के साथ साजबाज होकर अपने नाम से एक OBC कैटेगरी में नायक जाति का सर्टिफिकेट बनवा लिया था और अब आरोपियों ने दोबारा से अपना एक ओर नया ओबीसी का सर्टिफिकेट अपने गांव के सरपंच व पटवारी से साजबाज होकर बना लिया। जिसका ओबीसी सर्टिफिकेट नंबर OBC/2022/403 है।
BC-A के लिए पद था आरक्षित
पुनीत इंदौरा ने बताया कि सरपंच पद के लिए हमारे गांव ढाणी मिरदाद में बीसी- ए कैटेगरी की रिजर्वेशन आई थी। दुर्गी देवी ने पति सोमबीर और सतीश उर्फ दीपू के साथ साजबाज होकर गांव में सरपंच पद के लिए आवेदन किया है। झूठे दस्तावेज लगाकर ओबीसी सर्टिफिकेट की फाइल बनवा ली और किसी सरल केंद्र पर जाकर उसको ऑनलाइन करवा लिया और तहसील कार्यालय बरवाला से एक फर्जी ओबीसी सर्टिफिकेट बनवा लिया। इसी तरह से इन्होंने अपनी फैमिली आईडी में भी अपनी जाति बीसीए दिखाई हुई है। जो कि फर्जी तरीके से बनवाई हुई है।