प्रदेश सरकार किसानों का अन्नदाता के रुप में करती है सम्मान, किसानों के हित को जहन में रखते हुए लगभग 400 पैक हाउस बनाने पर सरकार खर्च करेंगी 1900 करोड़ रुपए का बजट, किसानों को फसल खराबे के रूप में 4 हजार करोड़ रुपए
कुरुक्षेत्र 13 सितंबर हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों को हमेशा अन्नदाता के रुप में सम्मान दिया है। इसलिए किसानों की आय में लगातार इजाफा करने के लिए सरकार फसलों के भाव को लगातार बढ़ा रही है। इससे हरियाणा प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति देश के अन्य राज्यों से बहुत अधिक बेहतर है। इस सरकार ने किसानों को बीमा कंपनी के माध्यम से 8500 करोड़ रुपए, खराबे के मुआवजे के रुप में 4 हजार करोड़ रुपए और पीएम किसान सम्मान योजना के तहत 2 हजार रुपए की किस्त के रुप में लगातार पैसा जमा करवाने का काम कर रही है।
कृषि मंत्री जेपी दलाल बुधवार को देर सायं गीता ज्ञान संस्थानम केंद्र में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल, भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य साहिल सुधा, जिला परिषद के वाईस चेयरमैन डीपी चौधरी ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद से मुलाकात की है। कृषि मंत्री ने कहा कि कुरुक्षेत्र, करनाल और यमुनानगर में हरियाणा की सबसे ज्यादा उपजाऊ जमीन है। इस क्षेत्र के किसानों ने अपनी मेहनत और सरकार की नीतियों को अपनाकर बासमती धान को विदेशों में भेजा और पर्याप्त मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित की। इसलिए इस क्षेत्र के किसान पूर्णत: संपन्न है और अपना भला-बुरा भली-भांति जानते है। इस प्रदेश में लगातार पानी का दोहन होने के कारण भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है और प्रदेश के समक्ष जल संकट की एक बहुत बड़ी चुनौती सामने आन खड़ी हुई है। इस जल संकट को देखते हुए प्रदेश सरकार ने किसानों को फसल विविधिकरण अपनाने, फलों की खेती, बागवानी और सब्जियों को उगाने के लिए अनेकों स्कीमें लागू की है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 लाख एकड़ भूमि पर डीएसआर प्रणाली से धान की खेती की जाएगी। इसके लिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में सरकार की तरफ से सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी। इस प्रदेश के किसानों ने अपना पसीना बहाकर और नई तकनीकी का प्रयोग करके खेती को उपजाऊ बनाने का काम किया है। इस प्रदेश की जमीन उपजाऊ होने के कारण फसलों की अच्छी पैदावार हो रही है, जिससे किसानों की आय में इजाफा होने के साथ-साथ यहां के किसान आर्थिक रुप से काफी समृद्घ हो गए है। उन्होंने कहा कि जापान इंटरनेशनल कोओपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने हरियाणा में लगभग 400 पैक हाउस बनाने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है। इस बड़ी परियोजना हेतु जेआईसीए ने 1900 करोड़ रुपये के लंबी अवधि के ऋण के लिए समझौता प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया। पैक हाऊस के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परियोजना प्रबंधक सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी। परियोजना का पहला चरण 2024 से 2028 तक होगा तथा दूसरा चरण 2029 से 2033 तक होगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य किसान का उत्पाद खेत से सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने का है, इसके लिए पैकेजिंग, ब्रांडिंग व परिवहन की व्यवस्था पर जोर देना होगा और पैक हाऊस कोल्ड चेन व वेल्यू चेन स्थापित किए बिना यह संभव नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि आज के समय में किसानों की प्रगति व खुशहाली हेतु सरकार, उद्योगपति व किसानों को एक साथ आने की जरूरत है। किसानों को परंपरागत खेती के अलावा आज बागवानी व अन्य संबद्ध क्षेत्रों में कार्य करने की आवश्यकता है, जिससे उनकी कृषि लागत में कमी आएगी और उपज का अच्छा दाम मिलने से आमदनी में भी वृद्धि होगी। किसानों को परंपरागत फसलों की खेती के साथ साथ फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में सरकार के साथ-साथ उद्योगपति खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर किसानों को बड़ी राहत पहुंचा सकते हैं। राज्य सरकार ने कृषि विकास को बढ़ावा देने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए विभिन्न पहले लागू की हैं। उर्वरक, बीज और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान करने के साथ-साथ सरकार ने मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने हेतु कई योजनाएं लागू की हैं।
हरियाणा सरकार प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज श्रृंखला कर रही स्थापित
कृषि मंत्री ने कहा कि आज जोत भूमि घटती जा रही है, इसलिए किसानों को आमदनी के अन्य स्रोतों की ओर बढऩा होगा। परंपरागत खेती के साथ-साथ बागवानी, फल, फूल, मत्स्य पालन, झींगा पालन इत्यादि को अपनाना होगा। वर्तमान में हरियाणा में लगभग 2500 एकड़ क्षेत्र में झींगा पालन हो रहा है। विदेशों में भी इसकी मांग है। एक एकड़ में किसान 15 से 20 लाख रुपये तक की आय अर्जित कर सकते हैं। हरियाणा सरकार प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज श्रृंखला स्थापित करने पर लगातार जोर दे रही है। प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगने से किसानों को कम दाम पर उपज बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा और उत्पादों की पैकेजिंग, ब्रांडिंग होकर विदेशों में भी निर्यात करने में मदद मिलेगी।
जल संरक्षण हेतु हरियाणा सरकार चला रही कई योजनाएं
कृषि मंत्री ने कहा कि जल संरक्षण हेतु हरियाणा सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। किसानों को जागरूक करने के लिए सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की है, जिसके तहत धान के स्थान पर कम पानी से तैयार होने वाली फसलों की खेती करने पर किसानों को 7000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसके अलावा डीएसआर तकनीक से धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को 4000 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए भी किसानों को 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। खेतों में भी तालाब बनाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा, तालाब प्राधिकरण, अटल भू जल योजना इत्यादि योजनाएं चलाई जा रही हैं।
गन्नौर में बन रही भारत की सबसे बड़ी मंडी
कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा के किसान खुशनसीब हैं कि यहां मंडियों का आधारभूत ढांचा बेहद मजबूत है, इसलिए उन्हें फसल बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है। 10,000 करोड़ रुपए की लागत से सरकार गन्नौर में भारत की सबसे बड़ी सब्जी मंडी इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट स्थापित कर रही है। इसके निर्माण के बाद हमारे किसानों के उत्पाद विदेशों तक आसानी से पहुंचेंगे।