उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड में पाकिस्तान कनेक्शन की आशंका सही साबित हुई है। हत्याकांड के 177 दिन बाद गुरुवार को NIA ने स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट पेश की है। इस पूरे मामले को आतंकी मॉड्यूल माना गया है। बताया गया है कि देशभर में डर फैलाने के लिए हत्या की गई। इसीलिए वीडियो भी बनाया गया। मुख्य आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें दो पाकिस्तानी भी शामिल हैं।
NIA ने अपनी इन्वेस्टिगेशन के बाद कराची में रहने वाले दो आरोपियों को जोड़ा है। हालांकि, अब तक ये क्लियर नहीं हो पाया है कि पाकिस्तान के दोनों आरोपियों का इस मर्डर क्या और कैसा रोल रहा है? ये दोनों युवक कई ग्रुप के एडमिन होने के साथ भड़काऊ मैसेज भेजते थे। इन्हीं ग्रुपों में ये सभी आरोपी जुडे़ हुए थे। दोनो फिलहाल NIA की पकड़ से दूर हैं।
NIA मामलों की स्पेशल कोर्ट के जज के अवकाश पर होने के चलते न्यायालय ने ऑफिस रिपोर्ट के लिए 3 जनवरी 2023 की तारीख तय की गई है। सभी आरोपियों की कोर्ट में पेशी भी नहीं हो पाई है। 3 जनवरी को ही चालान पर भी सुनवाई होगी।
कन्हैयालाल हत्याकांड में रियाज और गौस समेत 11 आरोपी
जयपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश चार्जशीट में NIA टीम ने 11 लोगों को आरोपी बनाया है। चार्जशीट में साफ लिखा गया है कि- आरोपियों ने एक आतंकी मॉड्यूल के रूप में काम कर बदला लेने की साजिश रची थी। आरोपी कट्टरपंथी थे और भारत समेत दुनिया भर में आने वाले आपत्तिजनक ऑडियो/वीडियो/ मैसेज से प्रेरित थे। दोनों आरोपियों ने पूरे देश में खौफनाक तरीके से अंजाम देने के लिए चाकूओं और हथियारों की व्यवस्था की थी।
आरोपियों के मन में कन्हैयालाल की फेसबुक पोस्ट को लेकर आक्रोश था। कट्टरपंथी होने के चलते पूरे भारत में आतंक फैलाने के मकसद से आरोपियों ने हत्या का वीडियो बनाया और उसे वायरल किया। उन्होंने भारत के लोगों के बीच इस्लाम के प्रति लिखने पर डरने और आतंक फैलाने के इरादे से एक और धमकी भरा वीडियो भी शूट किया था।
NIA को ट्रांसफर हुआ था केस
दरअसल, इस केस में सबसे पहले 29 जून को उदयपुर के धानमंडी थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद उसी दिन NIA ने इस केस को री-रजिस्टर्ड कर अपनी जांच शुरू की। चार्जशीट से सामने आया है कि आरोपियों एक आतंकी गिरोह-मॉड्यूल के रूप में काम कर बदला लेने की साजिश रची थी।
आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 120बी, 449, 302, 307, 324, 153(ए), 153(बी), 295(ए), यूए(पी) अधिनियम की धारा 16, 18 और 20 और धारा के तहत चार्जशीट में दर्ज की गई है। यही नहीं आर्म्स एक्ट के 4/25(1बी) की धारा भी लगाई गई है।
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