शहजादपुर/नारायणगढ़, 26 दिसम्बर- नारायणगढ़ क्षेत्र के गन्ना उपजाने वाले किसानों के एक समूह को गन्ने की नवीनतम व वैज्ञानिक विधि से अवगत करवाने हेतू चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र उचानी (करनाल) का भ्रमण करवाया गया। यह भ्रमण सहायक गन्ना विकास अधिकारी नारायणगढ की तरफ से टेक्नोलॉजी मिशन ऑन शुगर कैन स्कीम के तहत करवाया गया। इसमें विभिन्न गांवों के लगभग 50 किसानों ने भाग लिया। इस मौके पर सहायक गन्ना विकास अधिकारी अपूर्वा, गन्ना विकास अधिकारी जसविन्द्र सिंह व तेजवीर भी उपस्थित रहें।
गन्ना वैज्ञानिक डा0 हरविन्द्र सिंह, डॉ0 महा सिंह, डॉ0 नवीन ने किसानों को गन्ने से सम्बध्ंिात महत्वपूर्ण जानकारी दी।
क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र उचानी गए गांव छोटी कोहड़ी के किसान मनविन्द्र सिंह, कुराली के प्रदीप कुमार, हडबोन के रिंकल, खेडकी के संदीप, बड़ी बस्सी के सुरजीत तथा नन्दवाली के कृष्ण कुमार ने बताया कि वह विगत दिवस वहां गए थे, उन्हें गन्ने की बिजाई, गन्ने की किस्म, गन्ने की अधिक पैदावार कैसे ली जाए इसके बारे में जानकारी मिली। इसके अलावा कृषि विशेषज्ञों ने उन्हें बताया कि अलग-अलग तरीके से गन्ने की बिजाई कैसे की जाए, खेत कैसे तैयार हो, कम खर्च में अधिक पैदावार, ज्यादा चीनी की रिकवरी, धरती की गुणवत्ता में सुधार, गन्ने के सह फसल विधि जैसे चना, गेहूं, मसरी, लहसून, चार फुट बिजाई के साथ सह फसल लेने के फायदें, खरपतवार नियंत्रण की जानकारी दी गई।
इसके अलावा गन्ने की सबसे गम्भीर बीमारियों के बारे में भी बताया गया। जिनमें मुख्य लाल सडऩ रोग की गन्ने में सही पहचान का तरीका, गन्ने में लाल सफेद धब्बे, गन्ने में शराब जैसी महक, गन्ने के उपरी भाग का सुखना, सीओ 238 किस्म में लाल सडऩ के रोग के कारण, मोनो कलचर, गन्ने में लाल सडऩ से बचाव के तरीके आदि जानकारी दी गई।
गन्ना विकास अधिकारी जसविन्द्र सिंह ने बताया कि गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ने की खेती से सम्बधिंत नवीनतम जानकारी देने के लिए समय-समय पर क्षेत्रीय अनुसंधान केन्द्र उचानी का भ्रमण करवाया जाता हैं। जिससे की गन्ना उत्पादक किसान कम खर्च में अधिक पैदावार ले सकें और उन्हें गन्ने की फसल में आने वाली बीमारियों से रोकथाम के बारे जानकारी भी मिल सकें ।

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