पारा 41 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। गर्मी की बढ़ती तपिश में हलक सूखने लगे हैं। ऐसे हालात में लोग पूछ रहे हैं कब मिलेगा पीने को पूरा पानी। नहरों में दो दिन पहले पानी बंद हो गया है। टैंक और तालाब पूरी तरह से भरे नहीं हैं। अब पानी 40 दिन बाद आएगा। 

यूं कहें कि मई और जून माह सबसे गर्म होते हैं और इन दिनों में ही पानी का सबसे ज्यादा संकट होने वाला है। जिले के 312 गांवों में से 300 के लगभग में पेयजल संकट बना है और तो और शहरों में भी यही हाल बना हुआ है। टेल वाली कालोनियों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। 

प्रतिदिन हो रही 15 से 20 टैंकर सप्लाई, 25-30 करने की तैयारी

जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो शहर में वर्तमान में 15 से 20 टैंकर काम कर रहे हैं। अब गर्मी बढ़ने लगी है और पानी की कमी है। ऐसे में टैंकरों की संख्या 25 से 30 करने की तैयारी है। नागरिकों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए प्रयास हो रहे हैं। इस बार गर्मी में पानी की किल्लत होने की संभावना को देखते हुए यह कदम उठाए जा रहे हैं। 

शहर की टेल वाली कालोनियों में पानी की किल्लत पुराने शहर के टाइयान पाना, नाई कलालों का क्षेत्र के अलावा अलावा बाहरी कालोनियों में टीबा बस्ती, ढाणा रोड टेल वाला क्षेत्र, शांति नगर, बैंक कालोनी, हनुमान गेट क्षेत्र, उत्तम नगर, डाबर कालोनी, जीतुवाला जोहड़ क्षेत्र, लाजपत नगर के अलावा भी अनेक कालोनियों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। समय रहते जन स्वास्थ्य विभाग को ठोस कदम उठाने होंगे। 

जल घरों के पास नए ट्यूबवेल भी बनाए जाएंगे

गर्मी में पेयजल संकट का तोड़ निकालने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग जल घरों के पास नए ट्यूबवेल भी लगाने की तैयारी कर रहा है। पिछले दिनों विभाग के चीफ इंजीनियर पीआर पंवार ने भी शहर के जल घरों और एसटीपी का दौरा कर यहां सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए थे। यह भी कहा था कि जिले में पेयजल संकट से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।

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