कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई
कुरुक्षेत्र, 28 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट रोहान गौड़ को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने एनसीसी के बहु प्रतिष्ठित स्टूडेंट ऑफ द ईयर (वाइस चांसलर गोल्ड मेडल अवार्ड) से सम्मानित किया। इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने एनसीसी कैडेट रोहान गौड़ को बधाई देते हुए कहा यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए बडे़ गर्व एवं हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि यह अवार्ड अन्य सभी विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत का कार्य करेगा तथा राष्ट्र सेवा के लिए युवाओं को आगे बढ़ने की ओर प्रेरित भी करेगा। गौरतलब है कि डायरेक्टर जनरल एनसीसी, नई दिल्ली की अनुशंसा पर यह मेडल हर वर्ष एनसीसी के एक सर्वश्रेष्ठ कैडेट को दिया जाता है। कैडेट की इस अभूतपूर्व सफलता पर कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ संजीव कुमार ने कैडेट रेहान गौड़ को गोल्ड मेडल व प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया। डीजी, एनसीसी नई दिल्ली से एक साल में सिर्फ एक ही एनसीसी कैडेट को इस सम्मान के लिए चुना जाता है, और एनसीसी कैडेट को गन- शूटिंग, शस्त्र प्रशिक्षण, मैप रीडिंग, ड्रिल, फील्ड क्राफ्ट, बैटल क्राफ्ट, मार्च पास्ट, कठिन शरीक परीक्षण व लिखित परीक्षा के तहत बेस्ट कैडेट का चयन किया जाता है।
एनसीसी इंचार्ज लेफ्टिनेंट डॉ. अजय जांगड़ा ने बताया कि इस परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय से जुड़े सभी संस्थानों के एनसीसी यूनिट्स से दो-दो छात्र भेजे जाते हैं और परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट को गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जाता है। उन्होंने बताया कि रोहान गौड़ ने 12 से अधिक स्टेट लेवल एनसीसी कैंप और एक नेशनल कैंप में भी एनसीसी यूनिट का प्रतिनिधित्व लिया है।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, लेफ्टिनेंट डॉ. अजय जांगड़ा व भूतपूर्व सैनिक अजय शर्मा मौजूद रहे।
कुरुक्षेत्र, 28 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट रोहान गौड़ को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा ने एनसीसी के बहु प्रतिष्ठित स्टूडेंट ऑफ द ईयर (वाइस चांसलर गोल्ड मेडल अवार्ड) से सम्मानित किया। इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने एनसीसी कैडेट रोहान गौड़ को बधाई देते हुए कहा यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए बडे़ गर्व एवं हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि यह अवार्ड अन्य सभी विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत का कार्य करेगा तथा राष्ट्र सेवा के लिए युवाओं को आगे बढ़ने की ओर प्रेरित भी करेगा। गौरतलब है कि डायरेक्टर जनरल एनसीसी, नई दिल्ली की अनुशंसा पर यह मेडल हर वर्ष एनसीसी के एक सर्वश्रेष्ठ कैडेट को दिया जाता है। कैडेट की इस अभूतपूर्व सफलता पर कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव डॉ संजीव कुमार ने कैडेट रेहान गौड़ को गोल्ड मेडल व प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित किया। डीजी, एनसीसी नई दिल्ली से एक साल में सिर्फ एक ही एनसीसी कैडेट को इस सम्मान के लिए चुना जाता है, और एनसीसी कैडेट को गन- शूटिंग, शस्त्र प्रशिक्षण, मैप रीडिंग, ड्रिल, फील्ड क्राफ्ट, बैटल क्राफ्ट, मार्च पास्ट, कठिन शरीक परीक्षण व लिखित परीक्षा के तहत बेस्ट कैडेट का चयन किया जाता है।
एनसीसी इंचार्ज लेफ्टिनेंट डॉ. अजय जांगड़ा ने बताया कि इस परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय से जुड़े सभी संस्थानों के एनसीसी यूनिट्स से दो-दो छात्र भेजे जाते हैं और परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट को गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जाता है। उन्होंने बताया कि रोहान गौड़ ने 12 से अधिक स्टेट लेवल एनसीसी कैंप और एक नेशनल कैंप में भी एनसीसी यूनिट का प्रतिनिधित्व लिया है।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, लेफ्टिनेंट डॉ. अजय जांगड़ा व भूतपूर्व सैनिक अजय शर्मा मौजूद रहे।
केयू हिन्दी विभाग में विद्यार्थियों को एचआईवी एड्स के बारे में किया जागरूक
कुरुक्षेत्र, 28 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार हिन्दी विभाग में विद्यार्थियों को एचआईवी एड्स के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ यूथ रेडक्रॉस के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. दिनेश राणा व डीन प्रो. डॉ. पुष्पा रानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रो. डीएस राणा ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए मानव सेवा हेतु रेडक्रॉस से जुड़ने से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मानव एवं समाज कल्याण कार्यों में सभी अग्रणी रहना चाहिए।
डीन प्रो. डॉ. पुष्पा रानी ने विद्यार्थियों को समाज में फैली कुरीतियों से बचने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने के लिए कठिन परिश्रम एवं अनुशासन में रहते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर एलएनजेपी अस्पताल के काउंसलर डॉ. बलविन्दर ने बताया कि एचआईवी एड्स एक जानलेवा बीमारी है तथा इसका इलाज अभी तक डॉक्टर नहीं ढूंढ पाए हैं। इसलिए जागरूकता ही एकमात्र बचने का उपाय है। इस अवसर पर यूथ रेडक्रॉस के फील्ड कोऑर्डिनेटर डॉ. संतोष कुमार ने विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में बताया। इस अवसर पर विभाग के सभी शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
कुरुक्षेत्र, 28 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार हिन्दी विभाग में विद्यार्थियों को एचआईवी एड्स के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ यूथ रेडक्रॉस के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. दिनेश राणा व डीन प्रो. डॉ. पुष्पा रानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रो. डीएस राणा ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए मानव सेवा हेतु रेडक्रॉस से जुड़ने से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मानव एवं समाज कल्याण कार्यों में सभी अग्रणी रहना चाहिए।
डीन प्रो. डॉ. पुष्पा रानी ने विद्यार्थियों को समाज में फैली कुरीतियों से बचने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने के लिए कठिन परिश्रम एवं अनुशासन में रहते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।
इस अवसर पर एलएनजेपी अस्पताल के काउंसलर डॉ. बलविन्दर ने बताया कि एचआईवी एड्स एक जानलेवा बीमारी है तथा इसका इलाज अभी तक डॉक्टर नहीं ढूंढ पाए हैं। इसलिए जागरूकता ही एकमात्र बचने का उपाय है। इस अवसर पर यूथ रेडक्रॉस के फील्ड कोऑर्डिनेटर डॉ. संतोष कुमार ने विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में बताया। इस अवसर पर विभाग के सभी शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
कुवि में ऑनलाइन अल्पावधि पाठ्यक्रम के दूसरे दिन साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा पर हुई चर्चा
कुरुक्षेत्र, 28 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भारत – यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र तथा कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग विभाग के सहयोग से, साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा (सभी विषयों) पर एक सप्ताह के ऑनलाइन अल्पावधि पाठ्यक्रम के दूसरे दिन के प्रो. सोनल चावला ने साइबर धोखाधड़ी के बारे में बताया कि ये डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके की जाने वाली दुर्भावनापूर्ण गतिविधियाँ हैं, जिनका उद्देश्य संवेदनशील जानकारी, धन या संपत्ति चुराना है। उन्होंने बताया कि साइबर धोखाधड़ी का प्रभावी पता लगाने और उसे कम करने के लिए उन्नत तकनीकों, जैसे मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन के साथ-साथ मजबूत साइबर सुरक्षा प्रथाओं के संयोजन की आवश्यकता होती है।
इस सत्र के दौरान प्रो. मयंक अग्रवाल ने सुरक्षित एप्लिकेशन बनाने में ब्लॉकचेन तकनीक की भूमिका पर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया। उन्होंने बताया कि कैसे ब्लॉकचेन का विकेन्द्रीकृत और अपरिवर्तनीय खाता डेटा अखंडता सुनिश्चित करता है और छेड़छाड़ को रोकता है। प्रो. अग्रवाल ने संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए ब्लॉकचेन में उपयोग की जाने वाली क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डाला।
दोपहर के सत्र में प्रो. अमन शर्मा ने साइबर कानून और साइबर अपराधों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल दुनिया को नियंत्रित करने वाले कानूनी ढाँचों और हैकिंग, पहचान की चोरी और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराधों को संबोधित करने के तरीके के बारे में बताया। इस सत्र के दौरान, डॉ. अर्चना ने साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के अर्थशास्त्र पर चर्चा की, जिसमें व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारों पर साइबर आपराधिक गतिविधियों के वित्तीय प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।
कुरुक्षेत्र, 28 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के भारत – यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र तथा कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग विभाग के सहयोग से, साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा (सभी विषयों) पर एक सप्ताह के ऑनलाइन अल्पावधि पाठ्यक्रम के दूसरे दिन के प्रो. सोनल चावला ने साइबर धोखाधड़ी के बारे में बताया कि ये डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके की जाने वाली दुर्भावनापूर्ण गतिविधियाँ हैं, जिनका उद्देश्य संवेदनशील जानकारी, धन या संपत्ति चुराना है। उन्होंने बताया कि साइबर धोखाधड़ी का प्रभावी पता लगाने और उसे कम करने के लिए उन्नत तकनीकों, जैसे मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन के साथ-साथ मजबूत साइबर सुरक्षा प्रथाओं के संयोजन की आवश्यकता होती है।
इस सत्र के दौरान प्रो. मयंक अग्रवाल ने सुरक्षित एप्लिकेशन बनाने में ब्लॉकचेन तकनीक की भूमिका पर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया। उन्होंने बताया कि कैसे ब्लॉकचेन का विकेन्द्रीकृत और अपरिवर्तनीय खाता डेटा अखंडता सुनिश्चित करता है और छेड़छाड़ को रोकता है। प्रो. अग्रवाल ने संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए ब्लॉकचेन में उपयोग की जाने वाली क्रिप्टोग्राफ़िक तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डाला।
दोपहर के सत्र में प्रो. अमन शर्मा ने साइबर कानून और साइबर अपराधों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल दुनिया को नियंत्रित करने वाले कानूनी ढाँचों और हैकिंग, पहचान की चोरी और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराधों को संबोधित करने के तरीके के बारे में बताया। इस सत्र के दौरान, डॉ. अर्चना ने साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के अर्थशास्त्र पर चर्चा की, जिसमें व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकारों पर साइबर आपराधिक गतिविधियों के वित्तीय प्रभाव पर प्रकाश डाला गया।
यूजीसी एमएमटीटीसी व समाज कार्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अनुसंधन पद्धतियों, डेटा विश्लेषण का दिया ज्ञान
कुरुक्षेत्र, 28 नवंबर। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में 18 नवम्बर से 30 नवम्बर 2024 तक यूजीसी-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के सहयोग से सोशल साइंसेज में अनुसंधान विधियां पर 2 सप्ताह का ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया जा रहा है। यह कोर्स प्रतिभागियों को विभिन्न अनुसंधान पद्धतियों, डेटा विश्लेषण तकनीकों और समाजशास्त्र में उपयोगी उपकरणों पर व्यापक समझ प्रदान कर रहा है। सत्रों में साइटेशन एनालिसिस, रेग्रेशन, साइकोमेट्रिक टेस्ट निर्माण, एसएसपीएस का उपयोग समाजशास्त्र अनुसंधान में और मिक्स्ड मेथड रिसर्च जैसे विषय शामिल हैं। इस कोर्स में प्रोफेसर श्रीकांत पट्नायक, डॉ. अर्नोब बर्मुदोई, प्रोफेसर प्रियंका शर्मा, और प्रोफेसर शिवानी मिश्रा जैसे विशेषज्ञ सत्रों का नेतृत्व कर रहे हैं।
कोर्स में अनुसंधान प्रस्ताव लेखन, डेटा संग्रहण विधियां, और एनईपी का उच्च शिक्षा पर प्रभाव जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। यह पहल शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे समाजशास्त्र अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं और ज्ञान को अद्यतन कर सकते हैं।
कुरुक्षेत्र, 28 नवंबर। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में 18 नवम्बर से 30 नवम्बर 2024 तक यूजीसी-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के सहयोग से सोशल साइंसेज में अनुसंधान विधियां पर 2 सप्ताह का ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया जा रहा है। यह कोर्स प्रतिभागियों को विभिन्न अनुसंधान पद्धतियों, डेटा विश्लेषण तकनीकों और समाजशास्त्र में उपयोगी उपकरणों पर व्यापक समझ प्रदान कर रहा है। सत्रों में साइटेशन एनालिसिस, रेग्रेशन, साइकोमेट्रिक टेस्ट निर्माण, एसएसपीएस का उपयोग समाजशास्त्र अनुसंधान में और मिक्स्ड मेथड रिसर्च जैसे विषय शामिल हैं। इस कोर्स में प्रोफेसर श्रीकांत पट्नायक, डॉ. अर्नोब बर्मुदोई, प्रोफेसर प्रियंका शर्मा, और प्रोफेसर शिवानी मिश्रा जैसे विशेषज्ञ सत्रों का नेतृत्व कर रहे हैं।
कोर्स में अनुसंधान प्रस्ताव लेखन, डेटा संग्रहण विधियां, और एनईपी का उच्च शिक्षा पर प्रभाव जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। यह पहल शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे समाजशास्त्र अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी क्षमताओं और ज्ञान को अद्यतन कर सकते हैं।