अम्बाला, 31 अक्टूबर – उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए हमे मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। माननीय सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले को लेकर बहुत गंभीर है , इसलिए किसान भाई भी इस मामले की गंभीरता को समझें व पराली को खेत में ही मिलाएं।
उन्होंने कहा कि पराली को खेतों में ही मिलाने से जहां खेत उपजाऊ होगा, वहीं भूमि की उपज-शक्ति भी बढ़ेगी। डाकर वाले खेतों में जितनी पराली को मिलाया जाएगा उतना ही भूमि में पानी को सोखने की क्षमता बढ़ेगी। जितना खेतों में पराली के फाने दबाएं जाएंगे उतना ही खेतों की शक्ति व उपजाऊ शक्ति बढ़ जाएगी। खेतों में उर्वरको की खपत भी घट जाएगी व किसान खुशहाल होगा।
उन्होंने कहा कि खेतों में खड़े फानों में पानी देने के बाद गेहूं की बिजाई करने पर लगभग 25 दिन के बाद पराली खेतों में बैठ जाती है तथा गेहूं उपर आ जा जाती है। इसलिए किसान इस विधि को अपना कर खेतों को उपजाऊ बना सकते हैं। सरकार की तरफ से प्राइवेट सैलरों के साथ-साथ सरकारी सैलर लगाने बारे भी विचार किया जा रहा है। सरकार प्राइवेट सैैलरों को आने वाली कठिनाइयों से भी परिचित है तथा उनके लिए भी कार्य योजना तैयार कर रही है।

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