लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर स्वयं से करनी होगी शुरुआत : प्रो. सोमनाथ सचदेवा
महिलाओं में आत्मविश्वास जागृत करने की आवश्यकता : प्रो. राजेश गिल
केयू की आंतरिक शिकायत कमेटी द्वारा ‘शिक्षा के माध्यम से जेंडर संवेदनशीलता’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित
कुरुक्षेत्र, 10 फरवरी।
 हरियाणा राज्य महिला आयोग, पंचकूला की अध्यक्षा श्रीमति रेनू भाटिया ने कहा है कि हमारा जीवन जीने का स्तर तो ऊंचा हो गया है लेकिन इसके साथ-साथ हमें महिलाओं को लेकर अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति सोच को बदलने की शुरुआत स्वयं से करनी होगी। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत कमेटी द्वारा ‘शिक्षा के माध्यम से जेंडर संवेदनशीलता’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वयं को कमजोर ने समझे तथा जिंदगी में आने वाली सभी चुनौतियों और बाधाओं का डटकर सामना करें। इस अवसर पर मुख्यातिथि श्रीमति रेनू भाटिया सहित कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, मुख्य वक्ता प्रो. राजेश गिल, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ, डीन स्टूडेंट वेलफेयर एवं आंतरिक शिकायत कमेटी की अध्यक्षा प्रो. शुचिस्मिता सहित प्रो. वनीता ढींगरा ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं पुष्पांजलि अर्पित कर सेमिनार का शुभारंभ किया।
श्रीमति रेनू भाटिया ने कहा कि महिलाएं अपनी सोच एवं दिमाग को कुशाग्र बनाए तथा अपने भविष्य को लेकर आत्मविश्वास के साथ आगे बढे़। महिलाएं स्वयं पर होने वाले अत्याचार, शोषण एवं सामाजिक भेदभाव के विरूद्ध भी अपनी आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपनी युवा पीढ़ी को अच्छा बनाना है तो अच्छे संस्कार देने होंगे। उन्होंने आह्वान किया कि इस संदर्भ में केवल बातें न करें बल्कि इसकों धरातल पर लाने का कार्य भी करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं से जुड़ी साईबर क्राइम घटनाओं की महत्वपूर्ण जानकारी भी साझा की। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति के प्रयासों की भी सराहना करते हुए कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा को बधाई दी।  उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए गठित आईसीसी कमेटी हरियाणा के बाकी शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रेरणादायी बनेगा। इससे पहले आंतरिक शिकायत समिति की अध्यक्षा प्रो. शुचिस्मिता ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इस अवसर कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि शिक्षा एवं जागरूकता के द्वारा ही जेंडर संवेदनशीलता की चुनौतियों का सामना किया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि भारत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान तथा उज्ज्वला योजना सहित अन्य सामाजिक जन जागृति अभियान द्वारा महिलाओं के प्रति सोच को बदलने का कार्य किया गया है लेकिन यह सरकार के साथ-साथ हम सभी की सामाजिक जिम्मेवारी एवं नैतिक जिम्मेवारी भी है। उन्होंने कहा कि लैंगिक संवदेनशीलता के लिए हमें अपने घर से लड़कियों के प्रति भेदभाव को समाप्त करके अपनी सोच को बदलना होगा। पाश्चात्य देशों की अपेक्षा भारत में महिलाओं की स्थिति ज्यादा सुदृढ़ है।
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ ने लड़कियों और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 55 प्रतिशत लड़किया शिक्षा ग्रहण कर रही है वहीं 25 में से 13 छात्रावास लड़कियों के लिए निर्धारित है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने, अच्छे चरित्र का निर्माण करने तथा महिला एवं पुरुष में किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने की भावना निहित है। उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी रही है तथा वर्तमान में महिलाएं देश के सर्वोच्च पदों पर आसीन होकर राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान दे रही हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. राजेश गिल ने कहा कि इस विषय पर अपने स्वार्थ से उपर उठकर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साइंस, तकनीक, इंजीनियरिंग तथा गणित के उच्च क्षेत्रों में महिलाओं की भागादारी बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा के सामाजिक स्तर पर उच्च से नीचे स्तर पर कार्य करने तथा महिलाओं में आत्मविश्वास जागृत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कुवि की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा हर महिने किए जाने वाली बैठक की भी सराहना की। कार्यक्रम में प्रो. वनीता ढींगरा ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का संचालन आईआईएचएस की डॉ. जिम्मी शर्मा ने किया।
उद्घाटन सत्र के बाद पहले सत्र में प्रो. प्रीति जैन, निदेशक एचआरडीसी और प्रोफेसर, विधि विभाग, प्रो. दिलीप कुमार, प्रोफेसर, विधि विभाग और डॉ. सुरेश, रसायन विज्ञान विभाग ने बतौर रिसोर्स पर्सन उपस्थित हुए। कार्यशाला में 180 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। वहीं डॉ. आशिमा, प्रो. नीलम ढांडा और प्रो. अनीता दुआ दूसरे सत्र की प्रतिष्ठित प्रवक्ता रही।
सेमिनार के समापन सत्र के मुख्य अतिथि कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने लैंगिक असमानता की बुराइयों को कम करने में समाज और सरकार के सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया।
इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ, प्रो. नीरा राघव, डॉ. कंवल गर्ग, डॉ. महासिंह पूनिया, डॉ. गुरचरण सिंह, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, अधिवक्ता पूजा एवं हिना सहित शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी मौजूद रहे।

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लैंगिक संवेदनशीलता पर प्रदर्शनी आयोजित

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा आयोजित ‘शिक्षा के द्वारा लैंगिक समानता’ विषय पर प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस अवसर पर हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा श्रीमति रेनू भाटिया, प्रो. राजेश गिल, कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ, छात्र कल्याण अधिष्ठाता व आईसीसी की अध्यक्षा प्रो. शुचिस्मिता तथा प्रो. वनीता ढींगरा सहित अन्य शिक्षकों ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए विद्यार्थियों के कार्य की सराहना की।

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