निगम क्षेत्र में मतदाता के तौर पर रजिस्टर्ड होने कारण हुआ नॉमिनेशन — हेमंत 
अम्बाला — आज से दो वर्ष पूर्व दिसम्बर,2020 में  अम्बाला नगर निगम की पहली प्रत्यक्ष (सीधी) निर्वाचित और महिला मेयर हरियाणा जनचेतना पार्टी – हजपा (वी) की शक्ति रानी शर्मा के छोटे सुपुत्र  एवं हरियाणा से निर्दलीय राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा (जिन्हें कार्तिकेय शर्मा भी कहा  जाता है) को हरियाणा सरकार द्वारा अम्बाला नगर निगम में सदस्य के तौर पर नॉमिनेट (मनोनीत)  किया गया हैं. उनके पिता  विनोद शर्मा अम्बाला शहर विधानसभा हलके से वर्ष 2005 और 2009 में लगातार दो बार कांग्रेस के टिकट  पर  विधायक निर्वाचित हो चुके है. उससे पूर्व वह पंजाब से एक बार कांग्रेस से  राज्य सभा सांसद और बनूढ़ हलके से विधायक भी रह चुके हैं. वर्ष 2014 में विनोद शर्मा ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर अपनी अलग पार्टी  ह्जपा (वी ) बनाई थी  जो आज हरियाणा में गैर मान्यता प्राप्त  रजिस्टर्ड राजनीतिक दल है.
बहरहाल, शहर के सेक्टर 7 निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार जिन्होंने सर्वप्रथम  2 अगस्त, 2022 में इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार को लिखकर कार्तिक की अम्बाला नगर निगम में  नॉमिनेशन का मामला उठाया था, ने बताया कि हाल ही में  23 दिसम्बर 2022 को प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अरुण कुमार गुप्ता, आईएएस के हस्ताक्षर से जारी एक गजट नोटिफिकेशन द्वारा कार्तिक को हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 4(3)(III) के अंतर्गत अम्बाला नगर निगम में मनोनीत किया गया है. इस प्रकार वह मोजूदा  नगर निगम के नॉमिनेटेड सदस्य बन गये हैं.
इसी वर्ष जून, 2022 में हरियाणा से राज्यसभा के लिए निर्दलीय सांसद  के तौर पर निर्वाचित  हुए कार्तिक ने  2 अगस्त 2022  को  संसद के ऊपरी सदन के   सदस्य  के तौर पर शपथ ग्रहण  ली थी.
उनका कार्यकाल  छः वर्षो अर्थात   1 अगस्त 2028 तक है.
हेमंत ने  गत चार महीनों में कई बार  हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री और विभाग के  प्रशासनिक  सचिव और निदेशक को कई रिमाइंडर भेजकर  राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा को अम्बाला नगर निगम में  मनोनीत करने  संबंधी अपील की  जिसकी   प्रति अम्बाला की  डीसी, अम्बाला  नगर निगम कमिश्नर और मेयर को भी भेजते रहे.
उन्होंने   आगे बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की  धारा 4(3) के  अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा  स्थानीय म्युनिसिपल ( नगर निगम) क्षेत्र, जिस विधानसभा हलके एवं लोकसभा हलके के अंतर्गत पड़ता है,  वहां  से न केवल  निर्वाचित विधायक एवं लोकसभा सांसद को बल्कि निगम क्षेत्र के निवासी उस रजिस्टर्ड मतदाता (वोटर) को, जो  राज्यसभा का सदस्य (सांसद) हो, को भी उस  नगर निगम  के सदस्य के तौर पर मनोनीत किया जा सकता है. चूँकि  कार्तिक शर्मा का नाम वर्तमान तौर पर  अंबाला नगर निगम के अंतर्गत  पड़ने वाले  माडल टाऊन क्षेत्र की  मतदाता सूची में दर्ज है, इसलिए हरियाणा   सरकार द्वारा उन्हें स्थानीय नगर निगम में  नॉमिनेटेड सदस्य बनाया   गया है.
हेमंत  ने यह भी  बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (आर) के अनुसार नगर निगम  क्षेत्र में पड़ने वाले संपूर्ण और आंशिक लोकसभा/विधानसभा क्षेत्र के  निर्वाचित  लोकसभा सांसद और  विधायक  नगर निगम के पदेन (अपने पद के कारण) सदस्य होते हैं. इसी आधार पर सर्वप्रथम जुलाई, 2019 में हरियाणा सरकार द्वारा  अम्बाला लोक सभा सीट से सांसद  रतन लाल कटारिया एवं मार्च, 2020  में न केवल अम्बाला शहर के  विधायक  असीम गोयल को बल्कि अम्बाला कैंट के  विधायक  और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री  अनिल विज को भी अम्बाला नगर निगम का सदस्य मनोनीत किया गया था चूंकि अंबाला नगर निगम का कुछ क्षेत्र अंबाला कैंट विधानसभा सीट के अंतर्गत भी पड़ता है. गत वर्ष 2021 में हरियाणा सरकार द्वारा  अंबाला नगर निगम में   3  अन्य मनोनीत सदस्यों, जो नगर निकाय ( म्युनिसिपल) प्रशासन में विशेष ज्ञान और अनुभव रखने की कैटेगरी से हैं, से भाजपा कोटे से सुरेश  सहोता, संदीप सचदेवा और जजपा कोटे से  पूजा चौधरी  का नाम अधिसूचित किया गया था.
हेमंत ने बताया कि हालांकि उक्त तीनो मनोनीत  सदस्य नगर निगम की किसी भी बैठक में वोट नहीं डाल सकते परन्तु जहाँ तक स्थानीय लोक सभा सांसद कटारिया और राज्य सभा सांसद कार्तिक एवं स्थानीय दोनों विधायकों का विषय है, तो कानूनन वह सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का  चुनाव करने सम्बन्धी और उनके हटाने बार बुलाई गई बैठकों के अलावा नगर निगम सदन की अन्य सामान्य  बैठकों में वोट डालने पर कोई रोक नहीं हैं.
अब यह देखने लायक होगा कि अम्बाला नगर निगम के मनोनीत सदस्य बनने के बाद कार्तिक शर्मा निगम सदन की बैठकों में कितना भाग लेते हैं. हालांकि आज तक निगम में नॉमिनेटेड सदस्य के तौर पर मनोनीत किये गये स्थानीय लोकसभा सांसद और शहर और कैंट के दोनों विधायकों ने  एक बार भी नगर निगम सदन में हिस्सा नहीं लिया है.  चूँकि कार्तिक  की माता शक्ति रानी अम्बाला नगर निगम मेयर हैं और इस कारण वह हर नगर निगम सदन की बैठक की अध्यक्षता करती हैं, इसलिए ऐसी आशा की जा सकती है कि माँ-बेटा दोनों  एक साथ नगर निगम सदन  की बैठकों में शामिल होंगे.

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