श्रीमदभगवद् की प्रेरणा से विश्व शांति और सद्भाव विषय पर होने वाली कांफ्रेंस में भाग लेंगे दुनियाभर से बुद्धिजीवी
अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस की वेबसाइट से एक क्लिक से मिलेगी कांफ्रेंस से सम्बन्धित हर सूचना
कुरुक्षेत्र 18 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर विश्वविद्यालय में 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन 29-30 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक करेगा। इस कांफ्रेंस का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 29 नवम्बर को करेंगी। इस अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी में देश व विदेश से विद्वान भाग लेंगे। यह तीन दिवसीय संगोष्ठी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड हरियाणा सरकार व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयासों से आयोजित की जा रही है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहा है। इस संगोष्ठी का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू करेंगी। इस कांफ्रेंस में देश व दुनिया से विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ भाग लेंगे व श्रीमदभगवद् की प्रेरणा से विश्व शांति और सद्भाव विषय पर अपने विचारों को सांझा करेंगे। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की वेबसाइट के माध्यम से देश-विदेश से आने वाले बुद्धिजीवियों को संगोष्ठी के बारे में एक क्लिक के माध्यम से हर सूचना मिल सकेगी।
डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी एवं सेमिनार के निदेशक प्रो. तेजेन्द्र शर्मा ने बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग, हिंदी विभाग, आईएस एंड आईएस, सोशल वर्क विभाग, यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मैनेजमेंट, अंग्रेजी विभाग, पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग, यूआईईटी संस्थान, आईआईएचएस, विधि विभाग, संस्कृत विभाग, तथा सेंटर फार बीआर अम्बेडकर स्टडीज़ के संयुक्त प्रयास से आयोजित की जा रही है।
इस 3 दिवसीय संगोष्ठी में विभिन्न तकनीकी सत्रों में योगस्थ कुरु कर्माणि समकालीन परिप्रेक्ष्य में, श्रीमद्भगवद् गीता और समकालीन युगबोध, विश्व शान्ति एवं गीता दर्शन, सामाजिक कार्य क्षेत्र में भगवद गीता सीखने के शैक्षिक और व्यावहारिक निहितार्थ, भगवद गीता से नए युग की व्यावसायिक अनिवार्यताओं की स्थिरता, भगवद् गीता एंड कंटेम्परेरी लिटरेचर इन इंग्लिग, भगवद गीता के संदर्भ में एक पर्यटक आकर्षण के रूप में आध्यात्मिकता और धार्मिकता,भगवद गीता – विश्व शांति और सद्भाव के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक शास्त्र, समग्र विकास के माध्यम से सार्वभौमिक कल्याण का गीता परिप्रेक्ष्य, कानून को समझने में गीता की प्रासंगिकता, वर्तमान संदर्भ में अंतद्वंदों का समाधान: श्रीमद्भगवद् गीता के आलोक में तथा सामाजिक समरसता में गीता का महत्व विषय पर विद्वान चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि इस कांफ्रेंस में भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देशों के विद्वानों ने सहमति प्रदान की है।