सांझी की साज-सज्जा में किया जाता है लोक प्रतीकों का प्रयोग सांझी, संझया, कनागत परले पार.. देखण चाल्लो हे सांझी के लणिहार
कुरुक्षेत्र: लोकजीवन में सांझी लुप्त होती एक ऐसी लोककला है जिसको सदियों से बनाते हुए आ रहे हैं। इस लोककला को गोबर और मिट्टी से प्राकृतिक स्वरूप में बनाया जाता है।…