करनाल, 4 अगस्त। उपायुक्त उत्तम सिंह ने कहा कि बढ़ते हुए साईबर अटैक अथवा साईबर अपराधों को रोकने में सरकार, प्रशासन ही नहीं उपभोक्ता की भी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे हमलों को रोकने में उपभोक्ताओं की सजगता और सतर्कता की बहुत बड़ी भूमिका होती है। साईबर अटैक के लिए आवश्यक है कि उपभोक्ता, फोरम, वैबसाईट्स पर अपनी संवेदनशील जानकारी ईमेल आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड की डिटेल शेयर न करें। अपना पासवर्ड मजबूत रखें, कोई भी लिंक क्लिक करने से पहले देखें कि वह वैबसाईट ठीक है या नहीं। उन्होंने कहा कि सिस्टम की सुरक्षा के लिए अपने सिस्टम को अपडेट करते रहें और भरोसेमंद सॉफ्टवेयर इंस्टाॅल करें।
उन्होंने बताया कि स्पैम मैसेज को खोलने से बचें और ओपन वाईफाई का इस्तेमाल न करें। साथ ही एक ही वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग करें। आप एक सुरक्षित नेटवर्क से जुड़कर सावधानी और सजगता बरतकर साईबर हमले अथवा अपराध की गिरफ्त में आने से बच सकते हैं। इसी कड़ी में पुलिस विभाग द्वारा भी साईबर अपराधों से निपटने के लिए हेल्पलाईन नम्बर 1930 शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि अटैकर्स कमजोर सिस्टम पर हमला करने और उस पर नियंत्रण करने के लिए मैलिसस कोड का सहारा लेते हैं। साईबर सिक्योरिटी पर अटैक अनेक प्रकार से किए जा सकते हैं। इसके लिए मैलवेयर, फिशिंग अटैक, डिनायल आॅफ सर्विस, मेन इन द मिडिल के माध्यम से किया जा सकता है। इसको सिस्टम को हैक करने, क्रिप्टो करेंसी के रूप में पैसे की मांग के लिए या फिर डार्क वैब पर डेटा बेचने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरह के हमलो में संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण जानकारी जो उपयोगकर्ता की वैबसाईट पर उपलब्ध है, उसे बिना किसी वैबसाईट या यूजर्स के ज्ञान के हाईजैक कर लिया जा सकता है।
बाॅक्स – साईबर सिक्योरिटी टिप्स
उपायुक्त ने बताया कि यदि आप इंटरनेट का उपयोग बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते हैं, तो आपका अपने डिवाईस में साईबर सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए एंटी वाॅयरस को जरूर इंस्टाॅल करना चाहिए। एक अच्छा एंटी वाॅयरस आपको मैलवेयर और डाटा सिक्योरिटी बीच के खतरे से बचाने का काम करता है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि बैंक कभी भी आपसे एटीएम कार्ड नम्बर, सी.वी.वी., यू.पी.आई., ओ.टी.पी. तथा पिन आदि की मांग नहीं करता है। गृह मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन साईबर क्राईम रिपोर्टिंंग पोर्टल शुरू किया गया है। यहां आप साईबर क्राईम के बारे में रिपोर्ट करा सकते हैं।