बाबैन राकेश शर्मा
भारत देश को ऋषि मुनियों की धरती कहा जाता है जहां सदियों से ही ऋषि-मुनियों ने त्याग तपस्या कर इस देश में खुशहाली की कामना की है। भारत की पावन धरा हमेशा से ही ऋषि, मुनियों व महात्माओं की तपोभूमि रही हैं। बाबैन-मथाना रोड पर गांव खैरी के शिव मंदिर के सामने शनिवार से साध्वी मीरा गिरी द्वारा अग्नि तपस्या शुरु की है जो पांच धूनों के बीच बैठ कर लगातार 41 दिन चलेगी। गर्मी के मौसम में जब सूर्य देवता आग उगल रहा हैं और हर कोई प्रचंड गर्मी से बेहाल है ऐसे में जब तापमान 45 से 50 डिग्री के बीच है में बैठ कर साध्वी मीरा गिरी जी अग्नि तपस्या के माध्यम से विश्वकल्याण की कामना कर रही हैं। भीषण गर्मी में सामान्य तौर पर आदमी इस तरह से खुले आसमान के नीचे नहीं बैठ सकता, वहीं चारों और अग्नि जलाकर इस तरह की तपस्या करना बहुत कठिन कार्य है।
साध्वी मीरा गिरी की हैं 41 दिवसीय धूणी तपस्या
साध्वी मीरा गिरी के द्वारा शनिवार से अग्नि तपस्या को शुरू किया गया और यह तपस्या 10 जुलाई तक चलेगी। खैरी में ग्रामीणों की मौजूदगी में हवन यज्ञ कराकर यह अग्नि तपस्या शूरू करवाई गई है।
महंत विशाल दास महाराज ने बताया कि विश्व की एकता अखंडता बनाए रखने के लिए साध्वी मीरा गिरी यह तपस्या कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो और पाप का विनाश हो, देश खुशहाल हो इसलिए पांच धूणी तपस्या करते हैं। उन्होंने कहा कि साध्वी मीरा गिरी के चारों ओर पांच धूणे जलाए गए हैं और उनकी यह तपस्या दोपहर 11 बजे से शुरू होती है जो कि 2 बजे तक चलती है। इस भीषण गर्मी में जलती हुई आग के बीच साध्वी मीरा गिरी एक ही अवस्था में मौन धारण करके बैठती हैं। अलाव का ताप इतना तेज होता है कि सामान्य आदमी जलती हुई आग के 50 फीट दूरी से भी भयंकर ताप महसूस करता है लेकिन इन पांच जलते हुए धुणो के बीच एक ही अवस्था में बैठे रहती हैं। तपस्या के दौरान साध्वी मीरा गिरी के शरीर पर महज एक धोती रहती है। इसके अलावा जब तक उनकी यह तपस्या चलेगी तब तक अन्न भी ग्रहण नहीं करते हैं। मंदिर में बड़ी संख्या में आए हुए महिला और पुरुष श्रद्धालुओं द्वारा हरि कीर्तन किया जा रहा है। जब तक साध्वी मीरा गिरी की तपस्या चलती है तब तक वहां उपस्थित श्रद्धालु हरि कीर्तन करते रहते हैं। इस मौके पर ब्लॉक समिति वाइस चेयरमैन अमन शर्मा, गुलजार सैनी, नरेश सैनी, विजय कुमार, सुरजीत, तनिष शर्मा, राहुल शर्मा, मनु कुमार, जीत कुमार, अशोक शर्मा व अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।
साध्वी मीरा गिरी की हैं 41 दिवसीय धूणी तपस्या
साध्वी मीरा गिरी के द्वारा शनिवार से अग्नि तपस्या को शुरू किया गया और यह तपस्या 10 जुलाई तक चलेगी। खैरी में ग्रामीणों की मौजूदगी में हवन यज्ञ कराकर यह अग्नि तपस्या शूरू करवाई गई है।
महंत विशाल दास महाराज ने बताया कि विश्व की एकता अखंडता बनाए रखने के लिए साध्वी मीरा गिरी यह तपस्या कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो और पाप का विनाश हो, देश खुशहाल हो इसलिए पांच धूणी तपस्या करते हैं। उन्होंने कहा कि साध्वी मीरा गिरी के चारों ओर पांच धूणे जलाए गए हैं और उनकी यह तपस्या दोपहर 11 बजे से शुरू होती है जो कि 2 बजे तक चलती है। इस भीषण गर्मी में जलती हुई आग के बीच साध्वी मीरा गिरी एक ही अवस्था में मौन धारण करके बैठती हैं। अलाव का ताप इतना तेज होता है कि सामान्य आदमी जलती हुई आग के 50 फीट दूरी से भी भयंकर ताप महसूस करता है लेकिन इन पांच जलते हुए धुणो के बीच एक ही अवस्था में बैठे रहती हैं। तपस्या के दौरान साध्वी मीरा गिरी के शरीर पर महज एक धोती रहती है। इसके अलावा जब तक उनकी यह तपस्या चलेगी तब तक अन्न भी ग्रहण नहीं करते हैं। मंदिर में बड़ी संख्या में आए हुए महिला और पुरुष श्रद्धालुओं द्वारा हरि कीर्तन किया जा रहा है। जब तक साध्वी मीरा गिरी की तपस्या चलती है तब तक वहां उपस्थित श्रद्धालु हरि कीर्तन करते रहते हैं। इस मौके पर ब्लॉक समिति वाइस चेयरमैन अमन शर्मा, गुलजार सैनी, नरेश सैनी, विजय कुमार, सुरजीत, तनिष शर्मा, राहुल शर्मा, मनु कुमार, जीत कुमार, अशोक शर्मा व अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।