कुवि की सांस्कृतिक उपलब्धि पर कलाकारों को किया सम्मानित
जगजीत सिंह की याद में वॉयस ऑफ केयूके वसुंधरा बनी विजेता
कुरुक्षेत्र, 26 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से केयू ऑडिटोरियम में गुरुवार सायं 6 बजे गजल सम्राट जगजीत सिंह की याद में वॉयस ऑफ केयूके सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें कुवि की सांस्कृतिक उपलब्धियों के लिए कलाकारों एवं शिक्षकों को सम्मानित किया गया। वॉयस ऑफ केयूके में वसुंधरा ने प्रथम स्थान हासिल किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा रहे।
इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देश भर के 1 हजार से अधिक विश्वविद्यालयों में तीसरे स्थान पर रहा है, जबकि सरकारी विश्वविद्यालयों में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रथम स्थान है। इस उपलब्धि के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में यह विभाग क्लबों के माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्रों को जहां एक ओर मंच प्रदान करेगा वहीं पर दूसरी ओर इस तरह की गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे।
इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि गज़ल सम्राट जगजीत सिंह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं। उनकी याद में हर वर्ष वॉयस ऑफ केयूके का आयोजन किया गया जिसमें 31 हजार रुपये के पुरस्कार विजेता कलाकारों को वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि दूसरे स्थान पर संगीत विभाग के विनीत कुमार, तीसरे स्थान पर आर्य पी.जी. कॉलेज पानीपत की शीतल, चौथे स्थान पर संगीत विभाग के अर्णव, पांचवें स्थान पर जी.एन.जी. कॉलेज यमुनानगर की विद्यार्थी कंवलजीत रही। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जगजीत सिंह के भाई करतार सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने जगजीत सिंह की याद में गज़ल गाकर कार्यक्रम में खूब रंग लगाए।
डॉ. पूनिया ने बताया कि इससे पहले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. ए.आर. चौधरी, चीफ वार्डन कुसुमलता, कुलसचिव की धर्मपत्नी सुमिता शर्मा, प्रो. अनिता दुआ ने द्वीप प्रज्वलन कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रो. ए.आर. चौधरी ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने सांस्कृतिक रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के लिए संस्कृति के क्षेत्र में एआईयू द्वारा आयोजित 37वें राष्ट्रीय उत्सव में अखिल भारतीय स्तर पर तीसरा स्थान हासिल करना विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
इस मौके पर मुख्यातिथि ने सांस्कृतिक उपलब्धि के लिए योगदान देने वाले सभी शिक्षकों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आबिद अली ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन विभाग के उपनिदेशक डॉ. गुरुचरण ने किया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार पाने वाली विधाओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सबका मन मोह लिया। इस मौके पर प्रो. परमेश, प्रो. शुचिस्मिता, प्रो. आरती श्योकंद, डॉ. जसबीर ढांडा, डॉ. जगदीश गुप्ता, डॉ. रामनिवास, डॉ. संदीप कंधवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।