सामाजिक परिवर्तन का केंद्र व आधार बना संघ: आलोक कुमार
-शताब्दी वर्ष में दोगुना हो स्वयंसेवकों व शाखाओं की संख्या
कुरुक्षेत्र। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिला स्तरीय शाखा संगम रविवार देर शाम एसएमबी गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में जिले की 80 से अधिक शाखाएं एक साथ लगीं, जिनमें 1000 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग किया। संघ के अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने कार्यक्रम में स्वयंसेवकों के मार्गदर्शन किया। पूरा वातावरण भारत माता की जय के नारों से गुंजायमान रहा और राष्ट्रभक्ति के भाव से ओतप्रोत रहा। शाखा के सामान्य क्रियाकलापों के अलावा घोष पर बज रही देशभक्ति गीतों की स्वर लहरियों ने सबका मन मोहा। कार्यक्रम नियुद्ध, व्यायाम योग, शारीरिक कार्यक्रम, गीत व शुभाषित भी प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर संघ के प्रान्त प्रचारक डॉ. सुरेंद्र पाल, सह प्रान्त कार्यवाह डॉ. प्रीतम सिंह, विभाग संघ चालक सुधीर कुमार, जिला संचालक रणजीत , विभाग कार्यवाह डॉ. संजीव, जिला कार्यवाह संजय कौशिक व जिला कार्यकारिणी , खंड नगर कार्यकारिणी सहित वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आलोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है तथा 99 साल की यात्रा में संघ ने अनेक सामाजिक परिवर्तन देखे हैं। संघ के स्वयंसेवकों के लिए यह सुखद पहलू है कि संघ सामाजिक बदलावों के केवल साक्षी नहीं बल्कि आधार व केंद्र भी रहा है। अपनी शाखा पद्धति से संघ ने करोड़ों राष्ट्रभक्त नागरिक पैदा किए जिन्होंने समाज जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह समाज में सेवा के कार्य को प्राथमिकता दें तथा समाज परिवर्तन में सहयोग करें। समाज का परिवर्तन संघ के कार्यकर्ताओं की मदद के बिना हो ही नहीं सकता उन्होंने अनेकों बड़े उदाहरण समाज के सामने हैं। यह बदलाव सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक, आर्थिक, किसान, मजदूर सहित दैनिक जीवन हर क्षेत्र में स्पष्ट दिखाई देते हैं।
आलोक कुमार ने कहा कि संघ विजयदशमी 2025 को अपने 100 वर्ष पूरे कर लेगा तथा उससे अगले वर्ष 2026 की विजयदशमी तक अपने लक्ष्य को पूर्ण कर लेगा। सभी स्वयंसेवक दिनरात राष्ट्र व संगठन के काम में जुटे और 2026 के कार्यक्रम में शाखाओं व स्वयंसेवकों की संख्या आज से दो गुणा हो ऐसा प्रयास करें।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मूल कार्य शाखा लगाना है । शाखा एक ऐसा यंत्र है जो व्यक्ति निर्माण का कार्य करती है इस व्यक्ति निर्माण से ही समाज में परिवर्तन आते हैं।
उन्होंने कहा कि 1925 में विजयादशमी के दिन डॉक्टर हेडगेवार जी के द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जो बीज रोपा था आज वह विशाल वटवृक्ष का रूप ले चुका है। आज संघ हर क्षेत्र में किसी न किसी रूप में सक्रिय है। कोरोना कल में भी संघ के सबसे पहले अपने कार्य सेवा के शुरू करें संघ के कार्यकर्ताओं ने विपरीत परिस्थितियों में जब उनके परिजनों ने अपने स्वजन का संस्कार करने से मना कर दिया तो संघ के कार्यकर्ताओं ने यह कार्य भी किया । ऐसे भी कई उदाहरण है जब बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने संघ के कार्यकर्ताओं से निवेदन किया कि वह हॉस्पिटल का कार्य शुरू करना चाहते हैं परंतु वह चाहते हैं कि इसकी सारी देखरेख संघ के कार्यकर्ता करें।
सामाजिक समता व समरसता का प्रतीक बना कार्यक्रम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरम्भ से ही सामाजिक समरसता का प्रतीक रहा है और शाखा संगम कार्यक्रम में भी यह स्पष्ट तौर पर दिखाई दिया। हर वर्ग, जाति, सम्प्रदाय के स्वयंसेवक एक साथ सभी गतिविधियों में भाग लेते नजर आए। किसान, मजदूर से लेकर आला अधिकारी, सामान्य राजनीतिक कार्यकर्ता से लेकर मंत्री और विधायक सब केवल स्वयंसेवक के रूप में गतिविधि करते नजर आए। इसके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर, व्यवसायी, शिक्षक, प्राध्यापक सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व नजर आया। जिला के प्रत्येक उपमंडल,खण्ड व अधितर गांवों से कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। अनेकों कार्यकर्ताओं की दो व तीन पीढ़ियों ने एक साथ भाग लिया।