कुरुक्षेत्र। अनाज मंडियों में गेहूं की सरकारी खरीद सोमवार को शुरू हो गई। पहले दिन कोई भी किसान थानेसर की नई अनाज मंडी में गेहूं बेचने के लिए नहीं आया। आढ़तियों का कहना है कि अभी आवक शुरू होने में एक सप्ताह और लगने की उम्मीद है। अभी खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह से पकी नहीं है। जिले भर के 23 क्रय केंद्रों पर पहले दिन सन्नाटा रहा। अधिकारी दिन भर गेहूं आने का इंतजार करते रहे, लेकिन फसल नहीं पहुंची। विभाग की तरफ से गेहूं खरीद केंद्रों पर कांटा, बैनर, छलने के साथ -साथ शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता नियंत्रक मामले के अधिकारी सुरेंद्र सैनी ने बताया कि जिले में 23 केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन किसी भी केंद्र पर गेहूं की खरीद नही हुई। गत वर्ष 4.78 लाख मीट्रिक टन के करीब गेहूं खरीद की गई थी। इस वर्ष 5 लाख मीट्रिक टन खरीदारी का लक्ष्य दिया गया है। जिला भर में करीब एक लाख 25 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल खड़ी है। अभी गेहूं की पकाई में समय लगेगा। जिला भर की मंडियों में खाद्य आपूर्ति, हैफेड और वेयर हाऊस की ओर से खरीद की जाएगी।
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मांगों को लेकर आढ़तियों ने दिया सांकेतिक धरना
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के आह्वान पर मांगों को लेकर आढ़तियों ने थानेसर मार्किट कमेटी कार्यालय के समक्ष पांच दिवसीय धरना शुरू किया। आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आढ़ती मायाराम व हरविंद्र बंसल ने कहा कि आढतियों की मांग है कि किसानों की सभी फसलें जैसे कॉटन, सरसो, सूरजमुखी, बाजरा इत्यादि और अन्य सभी फसले सरकार द्वारा एमएसपी पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए और आढ़त पूरी 2.5 प्रतिशत मिलनी चाहिए जो कि गेहूं पर 53.125 रुपये व धान पर 55.075 रुपये बनती है , जबकि पिछले चार वर्षों से सरकार द्वारा गेहूं पर 46 रुपये और धान पर 45.88 रुपए फिक्स आढ़त दी जा रही है जो की बहुत कम है। पिछले 4 वर्षो से एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है। इससे आढ़तियों के साथ-साथ किसानों में बहुत रोष है।
फोटो परिचय
कुरुक्षेत्र। थानेसर अनाज मंडी में पसरा सन्नाटा। 1केयूके18
कुरुक्षेत्र। धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते आढ़ती। 1केयूके19
डॉ. राजेश वधवा