केयू सीनेट हॉल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर केयू आंतरिक शिकायत कमेटी व हरियाणा महिला आयोग, पंचकूला के संयुक्त तत्वावधान में ‘उच्च शिक्षण संस्थानों में यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता’ विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित
कुरुक्षेत्र, 07 मार्च। हरियाणा राज्य महिला आयोग, पंचकूला की अध्यक्षा श्रीमति रेनू भाटिया ने कहा है कि महिलाओं को सहानुभूति की नहीं बल्कि स्वयं सशक्त होने की जरूरत है। महिलाएं यदि स्वयं को सशक्त एवं मजबूत बनाएंगी तो जीवन की हर चुनौतियों का सामना कर सकेंगी। वे गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत कमेटी द्वारा व हरियाणा महिला आयोग, पंचकूला के संयुक्त तत्वावधान में ‘उच्च शिक्षण संस्थानों में यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। इस अवसर पर मुख्यातिथि श्रीमति रेनू भाटिया सहित कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, मुख्य वक्ता प्रो. शालिनी सिंह, आंतरिक शिकायत कमेटी की अध्यक्षा प्रो. सुनीता सिरोहा, प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. वनीता ढींगरा व वित्त अधिकारी डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
श्रीमति रेनू भाटिया ने कहा कि महिलाओं के प्रति समाज को नजरिया बदलने की जरूरत है क्योंकि जब तक महिलाओं के प्रति नकारात्मक सोच समाप्त नहीं होगी तब तक यौन शोषण समाप्त नहीं होगा। उन्होंने हरियाणा महिला आयोग द्वारा जागरूकता अभियान के तहत स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में महिला के अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सजगता कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने स्वयं के जीवन के उदाहरण देते हुए जीवन प्रबंधन के द्वारा महिला सशक्तिकरण की बात कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए महिला आयोग में तुरंत रिपोर्ट करें। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में आईसीसी कमेटी गठित करने की बात कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि वर्तमान में महिलाओं ने विज्ञान, अतंरिक्ष, शिक्षा एवं खेल, सेना, एनएसएस सहित अन्य क्षेत्रों में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 55 प्रतिशत लड़किया शिक्षा ग्रहण कर रही है वहीं 25 में से 13 छात्रावास लड़कियों के लिए निर्धारित है। इसके साथ ही कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सभी को स्वयं के घर से लड़कियों के प्रति भेदभाव को समाप्त करके अपनी सोच को बदलने का आह्वान किया।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग की प्रो. शालिनी सिंह ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि किसी भी प्रकार का शोषण मानव को मानसिक, मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक रूप से परेशान करता है तथा यह उसकी भावनात्मकता को भी प्रभावित करता है। यौन उत्पीड़न के प्रति महिलाएं सामाजिक शर्म, सूचना के अभाव, अविश्वास, आशाहीन, असहाय की स्थिति तथा आत्म-सम्मान को ठेस न पहंुच इसलिए शिकायत नहीं कर पाती। कार्यस्थल पर हुए दुर व्यवहार के कारण महिलाएं सही ढंग से कार्य नहीं कर पाती। कुवि की आंतरिक शिकायत कमेटी की निदेशिका प्रो. सुनीता सिरोहा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया व आंतरिक शिकायत कमेटी की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। मंच का संचालन प्रो. वनिता ढींगरा ने किया।
इस अवसर पर प्रो. सुनीता सिरोहा, प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. अमित लूदरी, प्रो. राम निवास, प्रो. वनिता ढींगरा, प्रो.शुचिस्मिता, प्रो. नीरा राघव, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, डॉ. विक्रम खरब सहित विभिन्न कॉलेजों के प्रतिनिधि, शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे।
महिला आयोग की अध्यक्षा रेनू भाटिया ने क्रश हॉल में लगी प्रदर्शनी का किया अवलोकन
महिला आयोग की अध्यक्षा रेनू भाटिया ने क्रश हॉल में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया व विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए स्लोगन ‘सिर्फ नजर नहीं नजरिया बदलना होगा’, ‘स्त्री के साथ हुए जुल्म की कहानी कलम की जुबानी’ आदि को बारीकी से देखा व उनको सराहा। इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा धरोहर संग्रहालय का भी अवलोकन किया व हरियाणा की लोक संस्कृति को संरक्षित करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को बधाई दी।