कुरुक्षेत्र, 17 जनवरी :  मौसम के तीखे तेवरों से सब्जी उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ाई हुई है। जानकारों के अनुसार सर्दी एवं ठंड का समय वैसे तो कई सब्जियां उगाने के लिए अच्छा होता है, लेकिन जैसे जैसे सर्दियों का मौसम तीव्रता पर पहुँचता है, वातावरण के तापमान में अधिक गिरावट आ जाती है। पाला तथा कोहरे के कारण कुछ सब्जियों के पौधे मर जाते हैं। सर्दी के मौसम में उगने वाली कुछ सब्जियां भी ठंड के एक निश्चित तापमान को सहन कर सकती हैं, लेकिन बहुत अधिक तापमान गिरने पर कुछ पौधों जैसे टमाटर, आलू, बैंगन, मिर्च इत्यादि को पाला लगने से काफी नुकसान हो सकता है। कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक गया है। पाला पड़ने से कुरुक्षेत्र के थानेसर, लाड़वा तथा पिहोवा के कुछ स्थानों पर टमाटर तथा आलू की फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। इस समय के तापमान में पाले से सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचने से किसान चिंतित हैं। किसान लगातार कृषि विशेषज्ञों एवं कृषि वैज्ञानिकों से बचाव के लिए सम्पर्क कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह ने कहा कि अधिक सर्दी एवं पाले से अथवा तेज धूप निकलने से भी सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचता है। राज कुमार, प्रवीण मुल्तानी, अशोक कुमार व विजय इत्यादि ने बताया कि ऐसे मौसम में सब्जी मंडी के सब्जी विक्रेताओं को भी यही चिंता सता रही है कि अगर अधिक सर्दी पड़ती है तो फिर सब्जियां सड़ जाती हैं। इन दिनों कड़ाके की सर्दी ने मैदानी इलाकों के किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है। कुरुक्षेत्र में भी सर्दी एवं पाले से सब्जियों को काफी नुकसान हो रहा है। हालांकि गेहूं के लिए ये मौसम काफी अच्छा माना जा रहा है लेकिन बागवानों के लिए यह बड़ी परेशानी बना हुआ है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार लगातार कई दिनों तक कोहरा व पाला का प्रकोप कायम बने रहने से आलू, टमाटर, धनिया, बैंगन तथा अन्य साग भाजी की बची हुई फसल भी पूरी तरह खराब हो जाने की आशंका है।

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