– अंबाला को शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल बना कर प्रस्तुत करना है सपना: कुलभूषण शर्मा
-उत्कृष्ट श्रेणी की है फिनलैंड की शिक्षा व्यवस्था: डॉ. कुलभूषण शर्मा
-शिक्षा के क्षेत्र में भारत को विश्वगुरु बनाना हमारा लक्ष्य है: कुलभूषण शर्मा
-फिनलैंड की शैक्षणिक व्यवस्था का जायजा लेकर वापस लौटी निसा की टीम
अंबाला। नई शिक्षा नीति 2020 चरणबद्ध तरीके से देश में लागू हो रही है। लक्ष्य तय किया गया है कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु बनें। इसी लक्ष्य पर नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) काम रही है। इस लक्ष्य के संग ही देश के शिक्षाविदों ने निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा के नेतृत्व में कैंब्रिज एजुकेशन लैब की साक्षेदारी में फिनलैंड का दौरा किया और वहां की शिक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
टीम का निसा ऑफिस में हुआ स्वागत
फिनलैंड से लौटी टीम का निसा ऑफिस में स्वागत हुआ। इस मौके पर आयोजित प्रेस वार्ता में निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा ने फिनलैंड टूर की उपलब्धियों को मीडिया के समक्ष रखा।
निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.कुलभूषण शर्मा ने मीडिया को बताया कि निसा और फेडरेशन का सपना है कि देश में अंबाला शिक्षा के क्षेत्र में मॉडल बनें। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 22 अक्टूबर से 28 अक्टूबर, 2023 के बीच हुई इस अविश्वसनीय यात्रा ने नौ अलग-अलग राज्यों के 24 भारतीय स्कूल मालिकों को फिनलैंड की उत्कृष्ट शैक्षिक प्रणाली की नींव का पता लगाने का अवसर मिला। यह कार्यक्रम हेलसिंकी और तुर्कू में छह दिनों तक चला। इस टूर के दौरान अंतरराष्ट्रीय तौर पर शैक्षिक दृष्टिकोण का गहन ज्ञान का आदान-प्रदान किया गया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की पहली यात्रा के दौरान फिनिश नेशनल एजेंसी फॉर एजुकेशन का एक विशेष दौरा था। इसमें फिनिश शैक्षिक प्रणाली का मार्गदर्शन करने वाले मौलिक विचारों का एक महत्वपूर्ण परिचय हासिल हुआ। इस दौरान इस बात का व्यापक विश्लेषण किया गया कि फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली किस तरह से कार्य कर रही है। वहां की शिक्षा व्यवस्था में उल्लेखनीय बात यह रही कि विद्यार्थियों व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार शैक्षिक रणनीति को अनुकूलित करने के लिए आवश्यक लचीलेपन को अपनाया जाता है।
कार्यक्रम के बाद के दिन कई शैक्षिक चरणों का जायजा लिया गया। इसमें प्रमुख तौर पर प्रारंभिक बचपन की शिक्षा, प्राथमिक स्कूली शिक्षा, हाई स्कूल और यहां तक कि विश्वविद्यालय स्तर पर शिक्षक तैयारी भी शामिल थी। फिनिश शैक्षिक प्रणाली को क्रियान्वित करने के अवसर ने प्रतिभागियों को रचनात्मक शिक्षण दृष्टिकोण, प्रौद्योगिकी के सुचारु एकीकरण और संपूर्ण शैक्षिक प्रक्रिया में अनुकूलन द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका का निरीक्षण करने का अवसर भारतीय टीम हो हासिल हुआ। निसा की टीम के सदस्यों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा कि छात्रों को सिखाने के लिए और उनके कोर्स को दिलचस्प बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कैसे किया जाता है। डॉ. शर्मा ने बताया कि फिनलैंड के शिक्षाविदों ने बताया कि उनके देश में कैसे अत्याधुनिक संसाधन और तकनीक शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल सकती हैं।
डॉ. कुलभूषण शर्मा ने बताया कि हमने फिनलैंड में सीखा कि हम निजी स्कूलों में शिक्षा के तरीके को बदलने में मदद कर सकते हैं। शिक्षक फिनिश मॉडल से प्रेरणा ले सकते हैं, जो शिक्षा के लिए व्यापक और लचीला दृष्टिकोण अपनाने के मूल्य पर जोर देता है। फिनलैंड का यह कार्यक्रम विद्यार्थियों, शिक्षकों और भारतीय स्कूल समुदाय के अन्य सदस्यों के हित में मील का पत्थर साबित हो सकता है।