सुप्रीम कोर्ट निर्देशानुसार भी  हर जिला एस.पी. का न्यूनतम कार्यकाल होना चाहिए 2 वर्ष — एडवोकेट
अम्बाला   – अम्बाला जिले के पुलिस अधीक्षक ( एस.पी.) के तौर पर जशनदीप  सिंह रंधावा  ने 2  वर्ष पूरे कर लिए‌ है.  25 अक्तूबर, 2021 को  रंधावा‌ ने  जिले के पुलिस  कप्तान के तौर पर कार्यभार संभाला था  जहाँ आज भी वह कार्यरत हैं. अम्बाला पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनाती से  पूर्व वह  झज्जर, करनाल, रोहतक और सोनीपत जिलों के एसपी और साथ ही एसपी/ एसटीएफ ( स्पेशल टास्क फोर्स) भी  रह चुके हैं.
बहरहाल, शहर निवासी हाईकोर्ट एडवोकेट हेमंत कुमार ने  बताया कि 35 वर्षीय  रंधावा, जो 2012 बैच के आईपीएस हैं एवं जिनका मूल राज्य पंजाब है, को‌ आज से  करीब 8  वर्ष पूर्व दिसम्बर, 2015 में भी अम्बाला में बतौर डीसीपी (डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस) (अर्बन) तैनात किया गया था  जब अंबाला-पंचकूला जिलों में संयुक्त पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था होती थी हालांकि तब रंधावा  का अंबाला में कार्यकाल करीब तीन माह ही रहा था एवं  उन्हें मार्च, 2016 में झज्जर जिले के एसपी पद  तैनात किया गया था.
हेमंत ने आगे बताया कि  बारह वर्ष पूर्व अगस्त, 2011 में हरियाणा में तत्कालीन भूपेंद्र  हुड्डा सरकार दौरान अम्बाला और पंचकूला ज़िलों को एक साथ मिलाकर   संयुक्त पुलिस कमिशनेट का गठन किया  गया था  परन्तु  प्रदेश में भाजपा के  सत्ता में आने के बाद   अम्बाला कैंट विधायक और  स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज  के प्रयासों के फलस्वरूप  (ज्ञात रहे तब विज गृह मंत्री नहीं थे )  सात वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2016 में अम्बाला जिले को उपरोक्त संयुक्त अम्बाला-पंचकुला  पुलिस कमिशनेट से बाहर निकाल दिया गया और अम्बाला में  पुलिस की परंपरागत एसपी व्यवस्था पुन:  लागू कर दी गयी थी और 2011 बैच के आईपीएस  अभिषेक जोरवाल को पुनः बहाल एसपी व्यवस्था में अंबाला का पुलिस अधीक्षक तैनात किया  गया था.
वहीं पंचकूला में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था आज भी लागू है
बहरहाल, लगभग 22 महीने बाद  अगस्त, 2018 में‌ जोरवाल का तबादला कर दिया गया था और 2006 बैच के आईपीएस  अशोक कुमार को अम्बाला एसपी लगाया गया हालांकि साढ़े तीन माह में ही उनका ट्रांसफर  कर   दिया गया था और उनके स्थान पर 2013 बैच की महिला आईपीएस  आस्था मोदी  नवंबर, 2018 में अम्बाला की पुलिस अधीक्षक तैनात की गई  परन्तु तीन माह बाद  ही फरवरी, 2019 में आस्था के स्थान पर 2015 बैच के आईपीएस  मोहित हांडा को ज़िले का नया एसपी लगाया गया.  स्थानीय विधायक  के साथ ट्रैफिक चालान मुद्दे पर कुछ विवाद होने के फलस्वरूप चार माह में हांडा का  भी तबादला  कर दिया गया  था एवं जून, 2019 में फिर जोरवाल अम्बाला में  दूसरी बार  एसपी लगाए गए.
उसके चौदह माह बाद अगस्त, 2020  में राजेश कालिया, जो तब आईपीएस नहीं बल्कि एचपीएस‌ ( हरियाणा पुलिस सेवा) अधिकारी थे,  को अम्बाला एसपी लगाया गया था. हालांकि 22 दिसंबर 2020  को अम्बाला  नगर निगम चुनावो में पार्टी उम्मीदवारों  के प्रचार हेतू  शहर आये मुख्यमंत्री के काफिले के  मार्ग में जिस प्रकार किसान-प्रदर्शनकारियों द्वारा जाम लगाया गया और सीएम गाड़ी को भी नुक्सान पहुंचाने का प्रयास किया गया, उसी के फलस्वरूप  कालिया का तबादला कर दिया गया और 2008  बैच के आईपीएस  हामिद अख्तर को ज़िले का पुलिस कप्तान तैनात किया गया  था अक्तूबर, 2021 में  हामिद के स्थान पर रंधावा को  अंबाला एसपी तैनात किया गया था.
हेमंत का कहना है कि हालांकि   वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों  की तैनाती-तबादले राज्य सरकार (मुख्यमंत्री ) का स्वैच्छिक अधिकार है और वह  जब चाहे इस सम्बन्ध में उपयुक्त आदेश जारी कर सकते  है. हालांकि  हरियाणा पुलिस कानून, 2007, जो नवंबर, 2008 से लागू  है,  की धारा 13 (1)  में राज्य में किसी रेंज के इंस्पेक्टर-जनरल (पुलिस महानिरीक्षक ) एवं  जिले के एस.पी. (पुलिस अधीक्षक) का न्यूनतम कार्यकाल एक वर्ष निर्धारित है.
उपरोक्त दर्शाये गए  अम्बाला  पुलिस अधीक्षकों के कार्यकाल के रिकॉर्ड के आधार पर  कहा जा सकता है कि  गत 7 वर्षों में बेशक कुल मिलाकर  अम्बाला  एसपी के तौर पर सबसे अधिक कार्यकाल अभिषेक जोरवाल का अर्थात 36 महीने रहा था जो दो बार अम्बाला एसपी तैनात किये गए थे   परन्तु निरंतर तौर पर उन्होंने भी एक‌‌ बार में दो वर्ष ‌‌‌ का कार्यकाल पूरा नहीं किया था  जो रिकॉर्ड अब अम्बाला के मौजूदा एसपी जशनदीप रंधावा के नाम दर्ज हो गया है. आज से 17 वर्ष पूर्व सितम्बर, 2006 में  सुप्रीम कोर्ट द्वारा  प्रकाश सिंह केस अर्थात देश में पुलिस सुधारों पर दिए गए ऐतिहासिक निर्णय में भी हर जिला एसपी का कार्यकाल न्यूनतम दो वर्ष होने का निर्देश दिया गया था.
हेमंत ने बताया कि  संघ लोक सेवा आयोग (  यूपीएससी ) द्वारा ली गयी  अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा – 2011  उत्तीर्ण कर  रंधावा का आईपीएस  में चयन एवं नियुक्ति हुई ‌थी एवं तब उनकी आयु  24 वर्ष  थी. उनका शैक्षणिक योग्यता बीई (इंजीनियरिंग डिग्री) है.   परीक्षा के फाइनल परिणाम में  उनका देश भर में 104 वां  रैंक आया था.  रोचक बात यह है कि अंबाला के वर्तमान डीसी ( उपायुक्त) डा. शालीन भी उसी यूपीएससी  सिविल सेवा परीक्षा – 2011 में 81 वां  रैंक प्राप्त कर आईएएस में  चयनित हुए‌ थे. शालीन मूल रूप से हरियाणा के ही निवासी हैं एवं उन्होंने शैक्षणिक कैरियर में एमबीबीएस‌ ( चिकित्सक) की डिग्री अर्जित की हुई है.

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