ब्रह्माकुमारीज विश्व शांति धाम में 3 दिवसीय समर कैंप सम्पन्न
कुरुक्षेत्र, 18 जून। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय कुरुक्षेत्र के विश्व शांति धाम में चल रहा तीन दिवसीय समर कैंप आज सम्पन्न हो गया।इस समर कैंप में विद्यार्थियों ने मस्तिष्क वर्धक खेल, रिंग में से गेंदों को इकट्ठा करना, रस्सी से रिंग खींचना, गुब्बारों का संतुलन बनाना, प्लेट रेस, स्केटिंग, मिट्टी से चाक पर विभिन्न आकृतियां बनाना, वीडियो के माध्यम से प्रेरणादायक कहानी दिखाना और कार्ड मेकिंग आदि गतिविधियां की। यह सब बच्चों में छिपी प्रतिभा और चंचल मन को आकार देने का माध्यम बनी। बच्चों ने उत्सुकता पूर्ण प्रत्येक गतिविधि में भाग लेकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। प्रतिदिन बच्चों को म्यूजिकल एक्सरसाइज परमात्म गीतों की धुन पर करवाई गई। इसमें परमात्मा का संदेश भी दिया गया। प्रतिदिन उठ कर अपने माता-पिता, दादा-दादी के चरण स्पर्श, परमात्मा की प्रार्थना परमात्मा, माता-पिता और प्रकृति सभी का धन्यवाद करना आदि छोटी-छोटी बातों को जीवन में अपनाने का संदेश दिया गया। बच्चों को मोबाइल और बुरी संगति से दूर रहने का संदेश देने के लिए वीडियो दिखाई गई। बच्चों को सीख दी गई कि हम जैसा देखते हैं, वैसा बनते हैं। बच्चों द्वारा दी लघु नाटिका की प्रस्तुति मनभावनी थी, जो मोबाइल से दूर रहने, पौष्टिक भोजन खाने, बड़ों का सम्मान करने, पढ़ाई करने और सेल्फी न लेने की सीख दे गई। राजयोगिनी सरोज बहन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए पूछा कि आपको समर कैंप में आनंद आया क्या आप अगले साल भी आएंगे। बच्चों ने अपनी सहमति जताते हुए हाथ हिलाया। उन्होंने बताया कि समर कैंप के माध्यम से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है और विद्यार्थी जीवन सबसे श्रेष्ठ होता है। इसी पर जीवन निर्भर होता है। बच्चे फूल की तरह होते हैं, जिन्हें समय-समय पर सींचा जाए, तो अच्छा होता है। बच्चों में प्रतिभा छिपी होती है, उन्हें निखारने के लिए केवल जरिया चाहिए। उन्होंने राजयोग के बारे में बताया कि इस
के अभ्यास से शांति, रचनात्मक कार्य करने में रुचि और व्यक्तिगत परिवर्तन आता है। मनुष्य अपने को वश में करना सीखता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास के लिए अभिभावकों को भी सजग होना अति आवश्यक है। अपने बच्चों को जहां भी इस प्रकार की गतिविधियां हो, वहां अवश्य भेजना चाहिए। इस मौके पर बच्चों के अभिभावक भी मौजूद थे। वे फादर-डे पर अपने बच्चों द्वारा बनाए कार्ड देखकर गदगद हो गए। कार्यक्रम के समापन पर प्रभु प्रसाद खाकर सबने आनंद का अनुभव किया और अगले वर्ष भी समर कैंप लगाने का आग्रह किया।