सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच वर्ष 2008 में हुए विवादित भूमि सौदे को उजागर करने वाले 1991 बैच के आइएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका आज बुधवार को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वर्तमान में कैबिनेट मंत्री अनिल विज के परिवहन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव पद पर कार्यरत खेमका के सम्मान में आईएएस आफिसर एसोसिएशन ने शाम को विदाई पार्टी भी रखी है। 

कब चर्चा में आए थे अशोक खेमका?

बार-बार तबादलों और इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट से चर्चाओं में रहने वाले अशोक खेमका उस समय सबसे अधिक चर्चा में आए थे, जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में चकबंदी निदेशक रहते हुए गुरुग्राम में डीएलएफ और राबर्ट वाड्रा के बीच हुए भूमि सौदे की म्युटेशन रद करने के आदेश दिए थे। इसके बाद से ही हुड्डा और वाड्रा की मुश्किलें शुरू हुईं थी, जो अब भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे हैं। बीज घोटाला भी खेमका ने ही उजागर किया।

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