शीशगंज गुरूद्वारे में हुई भारतीय किसान यूनियन की बैठक, 11 मार्च को जिलास्तर पर होगा विरोध प्रदर्शन
तरावड़ी, 6 मार्च (रोहित लामसर)। भारतीय किसान यूनियन की एक अहम बैठक का आयोजन तरावड़ी शहर के ऐतिहासिक शीशगंज गुरूद्वारे में किया गया। जिसमें काफी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने की। बैठक के दौरान किसानों ने कृषि विपणन बाजार नीति का विरोध किया। किसानों ने ऐलान करते हुए कहा कि 11 मार्च को प्रदेशभर में किसान जिलास्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि यूनियन पॉलिसी कृषि विपणन बाजार नीति का पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर वापिस लिए गए तीन कृषि कानूनों को नए रूप में लागू करने का आरोप लगाया है। किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध भी जताया। किसान नेता रतनमान ने कहा कि सरकार कृषि विपणन बाजार नीति के जरिए किसानों, आढ़तियों और मंडियों के अस्तित्व को खत्म करने का प्रयास कर रही है। जो किसानों के हित में नही है। उन्होंने कहा कि भाकियू की ओर से प्रदेशभर में किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इस किसान विरोधी नीति के विरोध में आने वाली 11 मार्च को प्रदेशभर में जिला सचिवालयों पर प्रदर्शन कर प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी किसान परिवार से हैं, उन्होंने यदि किसानों के हक क बात नही की ओर प्रदेश सरकार ने इस नीति को वापस नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार औद्योगिक घरानों के फायदे के लिए यह नीति ला रही है। जिससे अनाज मंडियों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह मंडियों के विस्तार पर ध्यान दे। बैठक में किसानों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री नायब सैनी भी पंजाब सरकार की तर्ज पर इस नीति को आने वाले बजट सत्र में रद्द करके केंद्र सरकार को लौटा दें। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी तो पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। बैठक में जिलाध्यक्ष सुरेंद्र घुम्मन, प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान, जिला महासचिव सुरेंद्र बैनीवाल, कंवर सिंह राणा, संदीप राणा, विनोद राणा, शुभम राणा, लक्ष्मण दास, बारूराम, बजिंद्र समेत कई किसान नेता मौजूद रहे।