होलिका दहन 13 मार्च की रात्रि में किया जाएगा : महंत जगन्नाथ पुरी
कुरुक्षेत्र, 22 फरवरी : भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों में हर त्यौहार का अपना विशेष महत्व है। ऐसे में फाल्गुन महीने में खुशी एवं उल्लास का रंगों का त्यौहार होली भी महत्वपूर्ण है। इस बार होली पर साल का पहला चंद्रग्रहण लग रहा है। अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि होली का त्यौहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और इस साल फाल्गुन पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण लग रहा है। फाल्गुन पूर्णिमा की रात को ग्रहण लगता है और अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च की रात को होगा और अगले दिन सुबह 14 मार्च को होली खेली जाएगी। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि पंचांग के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा को किया जाता है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च की रात्रि में किया जाएगा। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। इसके अनुसार होलिका दहन 13 मार्च की रात को किया जाना तर्कसंगत होगा। होली 14 मार्च की सुबह खेली जाएगी। 14 मार्च को होली की पूर्णिमा तिथि का स्नान दान आदि धार्मिक कार्य किए जाएंगे। जबकि पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च को ही रखा जाएगा। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की पूजा होगी। फाल्गुन पूर्णिमा के स्नान के बाद दान-पुण्य करें।

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