केयू यूआईईटी संस्थान में शिक्षा महाकुंभ 2.0 के अतंर्गत हवन यज्ञ आयोजित
कुरुक्षेत्र, 07 दिसम्बर। 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि शिक्षा को वैश्विक मंच प्रदान करना ही शिक्षा महाकुम्भ का उद्देश्य है। शिक्षा महाकुंभ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व संबंधित महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नये आयाम देने के लिए केयू यूआईईटी संस्थान में 16-17 दिसम्बर को आयोजित होने वाले शिक्षा महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए देश भर से राष्ट्रीय विद्वान एकत्रित होंगे। यह उद्गार कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने शनिवार को यूआईईटी संस्थान में आयोजित होने वाले शिक्षा महाकुंभ 2.0 की तैयारियों के अंतर्गत आयोजित हवन यज्ञ के उपरांत कहे। उन्होंने कहा कि यह हवन विश्व शांति, शिक्षा और समाज कल्याण के लिए किया गया क्योंकि भारतीय संस्कृति के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए हवन किया जाता है। इसलिए हमारी संस्कृति में हवन यग का महत्व है। इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री विजय नड्डा, यूआईईटी निदेशक प्रो. सुनील ढींगरा, डॉ. सुदेश ठाकुर, डॉ. शमशेर सिंह, डॉ. पवन दिवान, डॉ. राजेश अग्निहोत्री ने समाज के कल्याण के लिए हवन में आहुति डाली।
शिक्षा महाकुंभ को लेकर उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री विजय नड्डा और डॉ. शमशेर सिंह व डॉ. सुदेश ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए विद्यार्थियों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आयामों पर चर्चा होना वर्तमान समय की मांग  है। यह भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। शिक्षा महाकुंभ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयोजक व यूआईईटी निदेशक प्रो सुनील ढींगरा ने कहा कि शिक्षा महाकुंभ की मेज़बानी मिलना संस्थान के लिए फ़ायदेमंद रहेगा। एनईपी के विभिन्न पहलुओं को लेकर शिक्षा महाकुम्भ में कुवि के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर के विद्वतजनों व विषय विशेषज्ञ का मार्गदर्शन मिलेगा।
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शिक्षा महाकुम्भ को सफल एवं प्रभावशाली बनाने के लिए बैठक आयोजित

इस अवसर पर हवन यज्ञ के बाद आयोजित कोर कमेटी की बैठक में शिक्षा महाकुंभ को सफल एवं प्रभावशाली बनाने संबंधी आवश्यक बिंदुओं की योजनाओं और पहलुओं को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय कुमार नड्डा और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति ने उपस्थित सभी सदस्यों को संबोधित करते हुए समाज के सभी वर्गों से इस अभियान में जुड़ने और इसे सफल बनाने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा महाकुंभ में भाग लेने के लिए कई विकल्प हैं, जैसेःशोध पत्र प्रस्तुतिकरण कन्क्लेव्स (विशेष संवाद) विचार प्रस्तुति, प्रायोजन, संस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी पारंपरिक ज्ञान और कौशल का प्रदर्शन, स्वयंसेवी सहभागिता, व्यवसायिक प्रदर्शनियां और स्टॉल्स आदि। इस मौके पर डॉ. शमशेर, कृष्णा पांडे, जितेंद्र गर्ग, डॉ. रवि संजय चौधरी, डॉ रामावतार, डॉ. उर्मिला, डॉ अनीता ग्रेवाल व हरिकेश पपोसा आदि मौजूद रहे।

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