गीता हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करना सिखाती हैः सतीश कुमार
कुवि के पर्यावरण अध्ययन संस्थान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन का प्लेनरी सेशन आयोजित
कुरुक्षेत्र, 6 दिसम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन संस्थान द्वारा 9वें अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन का प्लेनरी सेशन श्रीमद्भगवद्गीता और सतत पारिस्थितिकी तंत्र विषय पर आयोजित किया गया। इस सत्र में भारत के विभिन्न हिस्सों से शिक्षाविदों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों और विद्वानों सहित 150 से अधिक उपस्थित लोगों ने भाग लिया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने अपने उद्घाटन भाषण में विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देने में गीता की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गीता जीवन का दर्शन है और प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में गीता अवश्य पढ़नी चाहिए।
स्वदेशी जागरण मंच के सह-संगठक सतीश कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भगवान कृष्ण वास्तविक गुरु हैं जिन्होंने कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में अर्जुन को प्रेरित किया। गीता हमें अपने पर्यावरण की रक्षा करना सिखाती है। उन्होंने छात्रों को नौकरी चाहने वाले की बजाय उद्यमी बनने का सुझाव दिया।
डीन फैकल्टी ऑफ लाईफ सांइसिज और पर्यावरण अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. जितेंद्र शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण में श्रीमद्भगवद्गीता की भूमिका पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार सादा जीवन और प्रकृति के प्रति सम्मानजनक रवैया दो प्रमुख बिंदु हैं।
भारतीय प्रबंधन संस्थान, तिरुचिरापल्ली के निदेशक प्रो. पवन कुमार सिंह ने ‘भगवद गीता के दृष्टिकोण में सामूहिक सह-अस्तित्व और वैश्विक पर्यावरण’ पर अपने विचार साझा किए।
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के धार्मिक अध्ययन संस्थान के अध्यक्ष प्रो. किशन राम बिश्नोई ने श्रीमद्भगवद गीता और जम्भवाणी के आध्यात्मिक दृष्टिकोणों में संबंध बताया। उनके अनुसार जल, वायु, मिट्टी और ऊर्जा मानव जाति को अपनी मुफ्त सेवाएं प्रदान करते हैं, लेकिन बदले में हम मनुष्य उनका शोषण कर रहे हैं।
डॉ. राजेंद्र सिंह जिन्हें भारत के जलपुरुष के नाम से जाना जाता है, ने मानव अस्तित्व के लिए जल के महत्व को समझाया। उन्होंने गीता की समावेशी प्रकृति के बारे में चर्चा की।
इस्कॉन, मॉरीशस के राम विजय दास ने गीता के वास्तविक अर्थ के बारे में बात की और छात्रों को गीता के संदेश का पालन करने के लिए प्रेरित किया।
मंच का संचालन डॉ. दीप्ति ग्रोवर ने कुशलतापूर्वक किया। डॉ. हरदीप राय शर्मा ने अतिथियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर डीन अकादमिक मामले प्रो. दिनेश कुमार, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. ए.आर. चौधरी, प्रो. संजीव अरोड़ा, प्रो. तेजिंदर शर्मा, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, प्रो. नरेंद्र सिंह, प्रो. सुनीता दलाल, प्रो. नीरा राघव प्रो. विभा अग्रवाल, डॉ. मीनाक्षी सुहाग, डॉ. पूजा अरोड़ा और डॉ. दीप्ति ग्रोवर मौजूद रहे।