प्रसिद्ध आईटी कंपनी इंफोसिस में केयू के 51 विद्यार्थी चयनित
कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि उद्यमिता एवं रोजगार को बढ़ाना कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्राथमिकता है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए यूआईईटी संस्थान में इंक्यूबेशन सेंटर बनाया गया है इसके साथ ही केयू में प्रशिक्षण, प्रशिक्षुता एवं रोजगार केन्द्र, कुटिक, स्वरोजगार सृजन केन्द्र भी बनाए गए हैं जो विद्यार्थियों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे है। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने यह विचार प्रसिद्ध आईटी कंपनी इंफोसिस द्वारा केयू यूआईईटी संस्थान के 51 विद्यार्थियों के चयन अवसर पर व्यक्त किए। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने संस्थान की निदेशक एवं चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि केयू के होनहार छात्र प्रतिष्ठित सरकारी एवं उच्च शैक्षणिक संस्थानों व तकनीकी कंपनियों में उच्च पदों पर आसीन होकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को गौरवान्वित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह संस्थान के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। कुवि कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का पूरा दृष्टिकोण उद्यमिता और रोज़गार को बढ़ावा देना है इसी कड़ी में यूआईईटी संस्थान निरंतर विद्यार्थियों को मेगा प्लेसमेंट की ओर अग्रसर हो रहा है।
इस मौके पर केयू डीन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी तथा यूआईईटी निदेशक प्रो. सुनील ढींगरा ने कहा कि कंपनी द्वारा प्रथम चरण की तकनीकी परीक्षा में 55 विद्यार्थी शामिल हुए जिसमें 51 विद्यार्थियों ने परीक्षा पास की। इसके साथ ही साक्षात्कार के बाद 51 विद्यार्थी सफल हुए जो संस्थान के लिए बड़ी गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में यूआईईटी संस्थान निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
इंफोसिस के मानव संसाधन प्रमुख राजीव अमन ने बताया कि हम अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए कंपनी की सभी गतिविधियों की आवश्यकता को बारीकी से विद्यार्थियों को अवगत करवा कर उनका शैक्षणिक और तकनीकी ज्ञान वर्धन रखते हैं ताकि कंपनी की आवश्यकता के अनुसार कला कौशल को पूरा कर सकें। यूआईईटी संस्थान के विद्यार्थियों में कौशल कंपनी क्रियाकलापों के अनुसार भरपूर मात्रा में है जिसका भविष्य में हमें फ़ायदा मिलेगा। संस्थान के ट्रेनिंग प्लेसमेंट प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. निखिल कुमार मारीवाला, डॉ. संजीव आहूजा ने बताया कि चयनित उम्मीदवार को ट्रेनी इंजीनियर के पद कार्य दिया जाएगा। इस अवसर पर संस्थान के शिक्षक, चयनित विद्यार्थी मौजूद रहे।
प्रोडक्ट डिजाइन में एनिमेशन का उज्ज्वल भविष्य : गौरव कथुरिया
केयू जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रोडक्ट डिजाइन कार्यशाला में विद्यार्थियों ने सीखे गुर
कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा गुरुवार को प्रोडक्ट डिजाइन विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ नाइका कंपनी, गुरुग्राम के सीनियर प्रोडक्ट डिजाइनर गौरव कथुरिया ने कहा कि प्रोडक्ट डिजाइन में एनिमेशन का उज्ज्वल भविष्य है तथा डिजाइन के द्वारा हर समस्या का समाधान संभव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रयोग होने वाले ग्राफिक्स डिजाइनिंग की विभिन्न तकनीकों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग सोशल मीडिया और वेब तकनीकी का युग है। उन्होंने युआई यूएकस, ऐप डिजाइनिंग का एनिमेशन उद्योग में प्रयोग होने वाली विभिन्न तकनीकों की बारीकियों को समझाया। डिजाइन के द्वारा किसी समस्या को सुलझाने के लिए डिजिटल प्रोडक्ट डवेलेप करने की प्रक्रिया को बारीकी से समझाया। उन्होने बताया कि आने वाले युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। परन्तु प्रोडक्ट डिजाइन रिसर्च व डिजाइन के माध्यम से डवेलप किया जाता है जिस कारणवश एआई का सकारात्मक प्रभाव होता है। उन्होंने कार्यशाला के दौरान गौरव कथुरिया ने विद्यार्थियों को अलग-अलग ग्रुप में हैंडसऑन एक्टिविटी के तहत डिजीटल प्रोडक्ट डेवलेप करने को निर्धारित समय के अंदर करने को दिया जिसमें विद्यार्थियों ने अपने-अपने कौशल का परिचय देते हुए मैंटल हैल्थ पर डिजीटल प्रोडक्ट की रूपरेखा तैयार की।
कार्यशाला के संयोजक राहुल अरोड़ा ने कहा कि आने वाला युग डिजाइन का युग है। डिजाइन एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से किसी भी समस्या का समाधान संभव है। आइआरसीटीसी की एप एक डिजिटल प्रोडक्ट है जिससे रेलवे की एक ही एप तैयार करने से रेलवे से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का निवारण किया गया व साथ-साथ रेलवे सेवाओं की प्राप्ति भी एप के माध्यम से ली जा सकती है। इसके अलावा फाइंड माई ट्रेन एप के माध्यम से ट्रेन की लाइव लोकेशन का आसानी पता लगाया जा सकता है।
इस अवसर पर डॉ रोशन लाल तथा नितिन चावला ने मुख्य वक्ता का प्रशस्ति चिन्ह देकर स्वागत किया। कार्यशाला में ग्राफिक्स एनिमेशन के शिक्षक मोनिका दुआ, अपर्णा वत्स, सन्नी जांगड़ा सहित संस्थान के शिक्षक तथा ग्राफिक्स एवं एनिमेशन के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
केयू जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रोडक्ट डिजाइन कार्यशाला में विद्यार्थियों ने सीखे गुर
कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा गुरुवार को प्रोडक्ट डिजाइन विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ नाइका कंपनी, गुरुग्राम के सीनियर प्रोडक्ट डिजाइनर गौरव कथुरिया ने कहा कि प्रोडक्ट डिजाइन में एनिमेशन का उज्ज्वल भविष्य है तथा डिजाइन के द्वारा हर समस्या का समाधान संभव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रयोग होने वाले ग्राफिक्स डिजाइनिंग की विभिन्न तकनीकों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग सोशल मीडिया और वेब तकनीकी का युग है। उन्होंने युआई यूएकस, ऐप डिजाइनिंग का एनिमेशन उद्योग में प्रयोग होने वाली विभिन्न तकनीकों की बारीकियों को समझाया। डिजाइन के द्वारा किसी समस्या को सुलझाने के लिए डिजिटल प्रोडक्ट डवेलेप करने की प्रक्रिया को बारीकी से समझाया। उन्होने बताया कि आने वाले युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। परन्तु प्रोडक्ट डिजाइन रिसर्च व डिजाइन के माध्यम से डवेलप किया जाता है जिस कारणवश एआई का सकारात्मक प्रभाव होता है। उन्होंने कार्यशाला के दौरान गौरव कथुरिया ने विद्यार्थियों को अलग-अलग ग्रुप में हैंडसऑन एक्टिविटी के तहत डिजीटल प्रोडक्ट डेवलेप करने को निर्धारित समय के अंदर करने को दिया जिसमें विद्यार्थियों ने अपने-अपने कौशल का परिचय देते हुए मैंटल हैल्थ पर डिजीटल प्रोडक्ट की रूपरेखा तैयार की।
कार्यशाला के संयोजक राहुल अरोड़ा ने कहा कि आने वाला युग डिजाइन का युग है। डिजाइन एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से किसी भी समस्या का समाधान संभव है। आइआरसीटीसी की एप एक डिजिटल प्रोडक्ट है जिससे रेलवे की एक ही एप तैयार करने से रेलवे से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का निवारण किया गया व साथ-साथ रेलवे सेवाओं की प्राप्ति भी एप के माध्यम से ली जा सकती है। इसके अलावा फाइंड माई ट्रेन एप के माध्यम से ट्रेन की लाइव लोकेशन का आसानी पता लगाया जा सकता है।
इस अवसर पर डॉ रोशन लाल तथा नितिन चावला ने मुख्य वक्ता का प्रशस्ति चिन्ह देकर स्वागत किया। कार्यशाला में ग्राफिक्स एनिमेशन के शिक्षक मोनिका दुआ, अपर्णा वत्स, सन्नी जांगड़ा सहित संस्थान के शिक्षक तथा ग्राफिक्स एवं एनिमेशन के विद्यार्थियों ने भाग लिया।
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन विभिन्न अजैविक तनावों के जिम्मेवारः डॉ. सर्वजीत सिंह गिल
कुवि के पर्यावरण अध्ययन संस्थान द्वारा इंटरैक्टिव व्याख्यान आयोजित
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। एमडीयू रोहतक के जैव प्रौद्योगिकी केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सर्वजीत सिंह गिल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन विभिन्न अजैविक तनावों जैसे सूखा, गर्म हवाएं, ठंडी हवाएं और बाढ़ की आवृत्ति और तीव्रता में खतरनाक वृद्धि कर रहे हैं, जो फसल की पैदावार को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं और भोजन की कमी पैदा कर रहे हैं। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन संस्थान द्वारा लाईफ साइंस के छात्रों के लिए क्लाइमेट रेसिलिएंस क्रॉप्सः स्ट्रेटेजीज फॉर मिटिगेशन ऑफ़ आबिओटिक स्ट्रेस्सेस इन क्रॉप्स प्लांट्स विषय पर आयोजित इंटरैक्टिव व्याख्यान में बोल रहे थे।
डॉ. सर्वजीत सिंह गिल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन विभिन्न कीट और रोगजनक आबादी की संरचना और व्यवहार को भी बदल रहा है, जिससे दुनिया भर में उपज में कमी आ रही है। कृषि में अतिरिक्त बाधाएं मानव-जनित प्रदूषकों की बढ़ती मात्रा के साथ-साथ मिट्टी के माइक्रोबायोम पर जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव के कारण होती हैं। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक 2013, गरीब कल्याण योजना, ग्लोबल हंगर इंडेक्स के बारे में भी बात की।
पर्यावरण अध्ययन के निदेशक और डीन लाइफ साइंस प्रो. जितेंद्र शर्मा ने टिकाऊ कृषि के लिए शमन दृष्टिकोण के रूप में कृषि जैव प्रौद्योगिकी और आनुवंशिक इंजीनियरिंग के महत्व पर जोर दिया। डॉ. मीनाक्षी सुहाग ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. दीप्ति ग्रोवर द्वारा भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। डॉ. संदीप गुप्ता, डॉ. मीनाक्षी सुहाग, डॉ. पूजा अरोड़ा के साथ शोधार्थी आशिमा नेहरा, दीपक कुमार, कीर्ति, अभिषेक और शांत कुमार सहित विभिन्न विभागों के 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
कुवि के पर्यावरण अध्ययन संस्थान द्वारा इंटरैक्टिव व्याख्यान आयोजित
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। एमडीयू रोहतक के जैव प्रौद्योगिकी केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सर्वजीत सिंह गिल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन विभिन्न अजैविक तनावों जैसे सूखा, गर्म हवाएं, ठंडी हवाएं और बाढ़ की आवृत्ति और तीव्रता में खतरनाक वृद्धि कर रहे हैं, जो फसल की पैदावार को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं और भोजन की कमी पैदा कर रहे हैं। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पर्यावरण अध्ययन संस्थान द्वारा लाईफ साइंस के छात्रों के लिए क्लाइमेट रेसिलिएंस क्रॉप्सः स्ट्रेटेजीज फॉर मिटिगेशन ऑफ़ आबिओटिक स्ट्रेस्सेस इन क्रॉप्स प्लांट्स विषय पर आयोजित इंटरैक्टिव व्याख्यान में बोल रहे थे।
डॉ. सर्वजीत सिंह गिल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन विभिन्न कीट और रोगजनक आबादी की संरचना और व्यवहार को भी बदल रहा है, जिससे दुनिया भर में उपज में कमी आ रही है। कृषि में अतिरिक्त बाधाएं मानव-जनित प्रदूषकों की बढ़ती मात्रा के साथ-साथ मिट्टी के माइक्रोबायोम पर जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभाव के कारण होती हैं। उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक 2013, गरीब कल्याण योजना, ग्लोबल हंगर इंडेक्स के बारे में भी बात की।
पर्यावरण अध्ययन के निदेशक और डीन लाइफ साइंस प्रो. जितेंद्र शर्मा ने टिकाऊ कृषि के लिए शमन दृष्टिकोण के रूप में कृषि जैव प्रौद्योगिकी और आनुवंशिक इंजीनियरिंग के महत्व पर जोर दिया। डॉ. मीनाक्षी सुहाग ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. दीप्ति ग्रोवर द्वारा भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। डॉ. संदीप गुप्ता, डॉ. मीनाक्षी सुहाग, डॉ. पूजा अरोड़ा के साथ शोधार्थी आशिमा नेहरा, दीपक कुमार, कीर्ति, अभिषेक और शांत कुमार सहित विभिन्न विभागों के 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।
केयू विधि विभाग में भारतीय संविधान को लेकर क्विज प्रतियोगिता आयोजित
कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग में ’भारतीय संविधान जागरूकता अभियान’ के अंतर्गत भारतीय संविधान पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुरुक्षेत्र के सचिव एवं सीजेएम नितिन राज ने कहा कि इस प्रतियोगिता ने छात्रों के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान किया है, जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि हुई है। उन्होंने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता विधि विभाग की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने छात्रों को एक बेहतर व्यक्ति बनने, अपने करियर का विवेकपूर्ण चयन करने, और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा दी। उन्होनें विजेता टीमों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
विधि विभाग की अधिष्ठात्री एवं अध्यक्षा प्रोफेसर प्रीति जैन ने विजेताओं को बधाई देते हुए बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को भारतीय संविधान के बारे में जागरूक करना और उनकी ज्ञान को बढ़ाना है। इस प्रतियोगिता में विभाग की 16 टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में दो टीमों ने प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया। प्रथम स्थान पर अनुपमा और मंदीप की टीम रही, जबकि द्वितीय स्थान पर पूजा और स्वाति की टीम रही।
निर्णायक मंडल में डॉ. प्रमिला, डॉ. प्रियंका चौधरी, डॉ. अंजू बाला, डॉ. आरुषि मित्तल, डॉ. पूजा, डॉ. प्रीति शर्मा शामिल थे। कार्यक्रम का समन्वय सांस्कृतिक समिति की संयोजिका डॉ. प्रियंका चौधरी ने कुशलतापूर्वक किया।
कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विधि विभाग में ’भारतीय संविधान जागरूकता अभियान’ के अंतर्गत भारतीय संविधान पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कुरुक्षेत्र के सचिव एवं सीजेएम नितिन राज ने कहा कि इस प्रतियोगिता ने छात्रों के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान किया है, जिससे उनके ज्ञान में वृद्धि हुई है। उन्होंने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता विधि विभाग की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने छात्रों को एक बेहतर व्यक्ति बनने, अपने करियर का विवेकपूर्ण चयन करने, और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा दी। उन्होनें विजेता टीमों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
विधि विभाग की अधिष्ठात्री एवं अध्यक्षा प्रोफेसर प्रीति जैन ने विजेताओं को बधाई देते हुए बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को भारतीय संविधान के बारे में जागरूक करना और उनकी ज्ञान को बढ़ाना है। इस प्रतियोगिता में विभाग की 16 टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में दो टीमों ने प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त किया। प्रथम स्थान पर अनुपमा और मंदीप की टीम रही, जबकि द्वितीय स्थान पर पूजा और स्वाति की टीम रही।
निर्णायक मंडल में डॉ. प्रमिला, डॉ. प्रियंका चौधरी, डॉ. अंजू बाला, डॉ. आरुषि मित्तल, डॉ. पूजा, डॉ. प्रीति शर्मा शामिल थे। कार्यक्रम का समन्वय सांस्कृतिक समिति की संयोजिका डॉ. प्रियंका चौधरी ने कुशलतापूर्वक किया।
केयू यूजीसी एमएमटीटीसी के लघु अवधि पाठ्यक्रम में समुदाय सहभागिता एवं शिक्षक की भूमिका पर हुआ मंथन
कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा आयोजित साप्ताहिक बहुविषयक लघु अवधि पाठ्यक्रम के तीसरे दिन विषय विशेषज्ञों एवं शिक्षकों ने समुदाय सहभागिता एवं शिक्षक की भूमिका पर मंथन किया। पहले सत्र में कुवि के शिक्षा विभाग की सेवानिवृत्त प्रो. सुषमा शर्मा ने समुदायों के उत्थान और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। दूसरे सत्र में संगीत विभाग की पूर्व प्रो. शुचिस्मिता ने संगीत समुदायों के बीच एकता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण की बात कही। वहीं डॉ. राजन शर्मा ने भारतीय ज्ञान और भगवद गीता से अंतर्दृष्टि का उपयोग करके सामुदायिक जुड़ाव को संस्थागत मूल्यों में एकीकृत करने के तरीके पर बात की। अंतिम सत्र में इग्नू, नई दिल्ली के प्रो. आर. भास्कर ने भारत में पर्यावरण आंदोलनों को लेकर पर्यावरण सक्रियता के इतिहास और प्रभाव पर चर्चा की तथा पारिस्थितिक चुनौतियों का समाधान करने में सहयोगी सामुदायिक प्रयासों के महत्व पर बल दिया। इस लघु अवधि पाठ्यक्रम में देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा आयोजित साप्ताहिक बहुविषयक लघु अवधि पाठ्यक्रम के तीसरे दिन विषय विशेषज्ञों एवं शिक्षकों ने समुदाय सहभागिता एवं शिक्षक की भूमिका पर मंथन किया। पहले सत्र में कुवि के शिक्षा विभाग की सेवानिवृत्त प्रो. सुषमा शर्मा ने समुदायों के उत्थान और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। दूसरे सत्र में संगीत विभाग की पूर्व प्रो. शुचिस्मिता ने संगीत समुदायों के बीच एकता, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और भावनात्मक जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण की बात कही। वहीं डॉ. राजन शर्मा ने भारतीय ज्ञान और भगवद गीता से अंतर्दृष्टि का उपयोग करके सामुदायिक जुड़ाव को संस्थागत मूल्यों में एकीकृत करने के तरीके पर बात की। अंतिम सत्र में इग्नू, नई दिल्ली के प्रो. आर. भास्कर ने भारत में पर्यावरण आंदोलनों को लेकर पर्यावरण सक्रियता के इतिहास और प्रभाव पर चर्चा की तथा पारिस्थितिक चुनौतियों का समाधान करने में सहयोगी सामुदायिक प्रयासों के महत्व पर बल दिया। इस लघु अवधि पाठ्यक्रम में देश भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों एवं प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कुवि इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ में दो दिवसीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में विधि संस्थान में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में चौबीस टीमों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता के पहले दिन प्रारंभिक राउंड एवं सैमी फाइनल राउंड का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में एडवोकेट राजेंद्र जुनेजा, साहिल मंगला, डॉ. पूनम लांबा, डॉ. पूजा, डॉ. प्रोमिला, मिस्टर यश, एडवोकेट विक्रम शर्मा, डॉ. ज्योति, एडवोकेट नवदीप सिंह, एडवोकेट गगन, एडवोकेट भवदीप, एडवोकेट आरती अग्रवाल, अधिवक्ता अनन्या भारद्वाज, अधिवक्ता अमित कुमार, अधिवक्ता वरुण कपूर, अधिवक्ता राकेश लालका जूरी सदस्य थे। फाइनल राउंड में निर्णायक मंडल की भूमिका राजेश गौड, एडिशनल एडवोकेट जनरल, सुमित गुप्ता, एडिशनल एडवोकेट जनरल और पवन लौंगिया, डिप्टी एडवोकेट जनरल पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ ने किया। मूट कोर्ट प्रतियोगिता में इशिका गोयल, वरदान, समीर की टीम को प्रथम स्थान और हर्षित और नाम्या को दूसरा स्थान मिला।
विधि संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) सुशीला देवी चौहान ने निर्णायकों मंडल के सदस्यों का स्वागत किया और विजेता टीमों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. अनिल वोहरा ने प्रतिभागियों की सराहना की और विजेताओं को पुरस्कार वितरण किये। इस अवसर पर उपनिदेशक डॉ. रमेश सिरोही, करमदीप सैनी सहित अन्य प्राध्यापक मौजूद रहे।
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में विधि संस्थान में मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में चौबीस टीमों ने भाग लिया।
प्रतियोगिता के पहले दिन प्रारंभिक राउंड एवं सैमी फाइनल राउंड का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में एडवोकेट राजेंद्र जुनेजा, साहिल मंगला, डॉ. पूनम लांबा, डॉ. पूजा, डॉ. प्रोमिला, मिस्टर यश, एडवोकेट विक्रम शर्मा, डॉ. ज्योति, एडवोकेट नवदीप सिंह, एडवोकेट गगन, एडवोकेट भवदीप, एडवोकेट आरती अग्रवाल, अधिवक्ता अनन्या भारद्वाज, अधिवक्ता अमित कुमार, अधिवक्ता वरुण कपूर, अधिवक्ता राकेश लालका जूरी सदस्य थे। फाइनल राउंड में निर्णायक मंडल की भूमिका राजेश गौड, एडिशनल एडवोकेट जनरल, सुमित गुप्ता, एडिशनल एडवोकेट जनरल और पवन लौंगिया, डिप्टी एडवोकेट जनरल पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ ने किया। मूट कोर्ट प्रतियोगिता में इशिका गोयल, वरदान, समीर की टीम को प्रथम स्थान और हर्षित और नाम्या को दूसरा स्थान मिला।
विधि संस्थान की निदेशक प्रो. (डॉ.) सुशीला देवी चौहान ने निर्णायकों मंडल के सदस्यों का स्वागत किया और विजेता टीमों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. अनिल वोहरा ने प्रतिभागियों की सराहना की और विजेताओं को पुरस्कार वितरण किये। इस अवसर पर उपनिदेशक डॉ. रमेश सिरोही, करमदीप सैनी सहित अन्य प्राध्यापक मौजूद रहे।
कुवि में चल रहे ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स का तीसरा दिन सम्पन्न
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र द्वारा वाणिज्य विभाग के सहयोग से आयोजित दो सप्ताह के ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स के तीसरे दिन की शुरुआत पिछले दिन के सत्रों की समीक्षा के साथ हुई। सुबह के सत्र की रिपोर्ट ममता वर्मा ने प्रस्तुत की, जबकि शाम के सत्र की रिपोर्ट डॉ. राजीव कुमार ने पेश की। कोर्स समन्वयक प्रोफेसर सुभाष चंद ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
पहले सत्र में, प्रोफेसर वी.के. बिश्नोई ने सतत उद्यमिता, नवाचार और अनुसंधान के संबंध में एक रोचक चर्चा का संचालन किया। उन्होंने स्थिरता के दो मुद्दों – स्थायी व्यवसाय और पर्यावरण के संदर्भ में स्थिरता पर जोर दिया। प्रोफेसर बिश्नोई ने नवाचार और अनुसंधान की अवधारणा को एलन मस्क, हेनरी फोर्ड, स्टीव जॉब्स, जेफ बेजोस और अलेक्जेंडर ऑस्टरवाल्डर द्वारा दिए गए उद्धरणों के माध्यम से स्पष्ट किया। दूसरे सत्र में, प्रोफेसर बिश्नोई ने नवाचार, सतत उद्यमिता, सामाजिक उद्यमिता और ग्रामीण उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने नायका, जोमैटो, ब्लिंकट, स्विग्गी, लेंसकार्ट और स्पेसएक्स जैसी सफल कंपनियों के उदाहरणों का उपयोग करते हुए शुद्ध नवाचार की ओर ध्यान आकर्षित किया।
अपराह्न सत्र में डॉ. अजय सुनेजा ने सामाजिक उद्यमियों, सामाजिक उद्यमी बनने के कारणों, सामाजिक उद्यमियों द्वारा सेवा किए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों और भारत में सामाजिक उद्यमियों द्वारा सामना की जाने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की।
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र द्वारा वाणिज्य विभाग के सहयोग से आयोजित दो सप्ताह के ऑनलाइन रिफ्रेशर कोर्स के तीसरे दिन की शुरुआत पिछले दिन के सत्रों की समीक्षा के साथ हुई। सुबह के सत्र की रिपोर्ट ममता वर्मा ने प्रस्तुत की, जबकि शाम के सत्र की रिपोर्ट डॉ. राजीव कुमार ने पेश की। कोर्स समन्वयक प्रोफेसर सुभाष चंद ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
पहले सत्र में, प्रोफेसर वी.के. बिश्नोई ने सतत उद्यमिता, नवाचार और अनुसंधान के संबंध में एक रोचक चर्चा का संचालन किया। उन्होंने स्थिरता के दो मुद्दों – स्थायी व्यवसाय और पर्यावरण के संदर्भ में स्थिरता पर जोर दिया। प्रोफेसर बिश्नोई ने नवाचार और अनुसंधान की अवधारणा को एलन मस्क, हेनरी फोर्ड, स्टीव जॉब्स, जेफ बेजोस और अलेक्जेंडर ऑस्टरवाल्डर द्वारा दिए गए उद्धरणों के माध्यम से स्पष्ट किया। दूसरे सत्र में, प्रोफेसर बिश्नोई ने नवाचार, सतत उद्यमिता, सामाजिक उद्यमिता और ग्रामीण उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने नायका, जोमैटो, ब्लिंकट, स्विग्गी, लेंसकार्ट और स्पेसएक्स जैसी सफल कंपनियों के उदाहरणों का उपयोग करते हुए शुद्ध नवाचार की ओर ध्यान आकर्षित किया।
अपराह्न सत्र में डॉ. अजय सुनेजा ने सामाजिक उद्यमियों, सामाजिक उद्यमी बनने के कारणों, सामाजिक उद्यमियों द्वारा सेवा किए जाने वाले प्रमुख क्षेत्रों और भारत में सामाजिक उद्यमियों द्वारा सामना की जाने वाली प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की।
कुवि के विद्यार्थियों ने जिला युवा महोत्सव में समूह नृत्य, एकल नृत्य, समूह गीत, लोक ऑर्केस्ट्रा व भाषण में प्राप्त किया प्रथम स्थान, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई।
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। निदेशालय कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण एवं नेहरू युवा केन्द्र संगठन, हरियाणा, पंचकूला तथा राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा जिला युवा महोत्सव का आयोजन 21 से 22 नवम्बर तक मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर, कुरुक्षेत्र में किया गया जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने समूह नृत्य, एकल नृत्य, समूह गीत, लोक ऑर्केस्ट्रा व भाषण में प्रथम स्थान तथा एकल लोक गीत में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विजेता प्रतिभागियों को बधाई दी व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि जिला युवा महोत्सव में विद्यार्थियों ने विभिन्न विधाओं में पुरस्कार जीतकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी ने इस अवसर पर विजेता प्रतिभागियों सहित पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए गौरव एवं खुशी के क्षण हैं। इस मौके पर डॉ. हरविन्द्र सिंह लोंगोवाल, डॉ. मनीष, सन्नी मौजूद थे।
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। निदेशालय कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण एवं नेहरू युवा केन्द्र संगठन, हरियाणा, पंचकूला तथा राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा जिला युवा महोत्सव का आयोजन 21 से 22 नवम्बर तक मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर, कुरुक्षेत्र में किया गया जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने समूह नृत्य, एकल नृत्य, समूह गीत, लोक ऑर्केस्ट्रा व भाषण में प्रथम स्थान तथा एकल लोक गीत में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि के लिए कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विजेता प्रतिभागियों को बधाई दी व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि जिला युवा महोत्सव में विद्यार्थियों ने विभिन्न विधाओं में पुरस्कार जीतकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी ने इस अवसर पर विजेता प्रतिभागियों सहित पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए गौरव एवं खुशी के क्षण हैं। इस मौके पर डॉ. हरविन्द्र सिंह लोंगोवाल, डॉ. मनीष, सन्नी मौजूद थे।
कुवि में ऑनलाइन अंतरविभागीय रिफ्रेशर कोर्स में सीखी अनुसंधान पद्धतियां
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के सामाजिक कार्य विभाग के सहयोग से 18 से 30 नवम्बर, 2024 तक दो सप्ताह का ऑनलाइन अंतरविभागीय रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया जा रहा है। इस कोर्स का उद्देश्य विभिन्न विषयों, जैसे राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानवशास्त्र, और अन्य में शोध क्षमताओं को बढ़ाना है।
19 से 21 नवम्बर को आयोजित सत्रों में परिकल्पनाओं का निर्माण, ऐतिहासिक अनुसंधान पद्धति, डेटा संग्रहण के उपकरणों का विकास, गुणात्मक अनुसंधान में सिद्धांतों का समावेश, शोध में आईसीटी उपकरणों का उपयोग, अनुसंधान पद्धतियों में एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग, खुले शैक्षिक संसाधन, डेटा विश्लेषण, प्रयोगात्मक अनुसंधान, डिजिटल एथनोग्राफी, अनुसंधान में नैतिकताएँ, और प्लेगियरिज़्म और कॉपीरॉइट उल्लंघन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस कोर्स में प्रो. भाग सिंह, प्रो. एस.के. चहल, डॉ. नम्रता लुहार, डॉ. ज्योत्सना अमीन, डॉ. मुरलीधरन, डॉ. चेतन शर्मा, डॉ. मनोज राणा, डॉ. हरदीप लाल जोशी, डॉ. सारु जोशी, और प्रो. सुनीता नाम्बियार जैसे प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने सत्रों का संचालन किया। प्रो. वनीता ढींगरा और डॉ. सतीश कुमार के समन्वय में यह कोर्स प्रतिभागियों को शोध कौशल को अपडेट करने और अनुसंधान पद्धतियों में नवीनतम प्रगति को समझने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।
कुरुक्षेत्र, 22 नवम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के सामाजिक कार्य विभाग के सहयोग से 18 से 30 नवम्बर, 2024 तक दो सप्ताह का ऑनलाइन अंतरविभागीय रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया जा रहा है। इस कोर्स का उद्देश्य विभिन्न विषयों, जैसे राजनीति विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मानवशास्त्र, और अन्य में शोध क्षमताओं को बढ़ाना है।
19 से 21 नवम्बर को आयोजित सत्रों में परिकल्पनाओं का निर्माण, ऐतिहासिक अनुसंधान पद्धति, डेटा संग्रहण के उपकरणों का विकास, गुणात्मक अनुसंधान में सिद्धांतों का समावेश, शोध में आईसीटी उपकरणों का उपयोग, अनुसंधान पद्धतियों में एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग, खुले शैक्षिक संसाधन, डेटा विश्लेषण, प्रयोगात्मक अनुसंधान, डिजिटल एथनोग्राफी, अनुसंधान में नैतिकताएँ, और प्लेगियरिज़्म और कॉपीरॉइट उल्लंघन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस कोर्स में प्रो. भाग सिंह, प्रो. एस.के. चहल, डॉ. नम्रता लुहार, डॉ. ज्योत्सना अमीन, डॉ. मुरलीधरन, डॉ. चेतन शर्मा, डॉ. मनोज राणा, डॉ. हरदीप लाल जोशी, डॉ. सारु जोशी, और प्रो. सुनीता नाम्बियार जैसे प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने सत्रों का संचालन किया। प्रो. वनीता ढींगरा और डॉ. सतीश कुमार के समन्वय में यह कोर्स प्रतिभागियों को शोध कौशल को अपडेट करने और अनुसंधान पद्धतियों में नवीनतम प्रगति को समझने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।