कुरुक्षेत्र की अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश फास्ट ट्रैक स्पैशल कोर्ट अदालत ने हत्या करने के दोषी महाबीर पुत्र फूल सिंह व फूल सिंह पुत्र मामचन्द वासीयान तिगरी खालसा जिला कुरुक्षेत्र आजीवन कठोर कारावास व क्रमश 1 लाख 3 हजार व 48 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
जानकारी देते हुए उप जिला न्यायवादी प्रदीप मालिक ने बताया कि दिनांक 25 मार्च 2021 को बिट्टू पुत्र राजकुमार वासी तिगरी खालसा जिला कुरुक्षेत्र ने थाना केयूके पुलिस को दि अपनी शिकायत में बताया कि 24 मार्च 2021 को वह अपने परिवार के साथ अपने घर पर था। उसी समय गली में फूल सिंह व उसके लडके गाली गलौच करते हुए उनके घर में आए। घर में आते ही उन्होंने उसके परिवार पर लाठी डंडों से हमला कर दिया । जब उसकी माता बिमला देवी बीच-बचाव करने के लिए आई तो आरोपियों ने उनके ऊपर भी लाठी डंडों से हमला किया। हमले की वजह से उसकी माता जी बेहोश हो गई। जिनको ईलाज के लिए एलएनजेपी हस्पताल ले जाया गया,जहां से उनको पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया । जहां पर ईलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। जिसकी शिकायत पर थाना केयूके में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज करके जांच की गई। तफ्तीश के दौरान आरोपी महाबीर पुत्र फूल सिंह व फूल सिंह पुत्र मामचन्द वासीयान तिगरी खालसा जिला कुरुक्षेत्र को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था। मामले का चालान माननीय अदालत में कर दिया गया था।
दिनांक 18 अक्टूबर 2024 को मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पैशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सैशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी महाबीर पुत्र फूल सिंह व फूल सिंह पुत्र मामचन्द वासीयान तिगरी खालसा जिला कुरुक्षेत्र को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कठोर कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 12 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा,आईपीसी की धारा 323 के तहत आजीवन कठोर कारावास व 1 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 15 दिन के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 460 के तहत 10 साल कठोर कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 9 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा, आईपीसी की धारा 506 के तहत 1 साल कठोर कारावास व 2 हजार रुपये जुर्माना तथा जुर्माना न भरने की सूरत में 1 माह के अतिरिक्त कठोर कारवास की सजा सुनाई।