अंबाला। राज्य सरकार में नंबर दो पर मंत्री अनिल विज। सरकारी कार्यक्रमों का शेड्यूल पहले ही जिला प्रशासन के अफसरों तक पहुंच जाता है, लेकिन प्रोटोकाल की अनदेखी हुई। नगर परिषद के एक जेई को सस्पेंड कर दिया, जबकि दूसरे जेई पर कार्रवाई के लिए लिखा गया है। 

इसके अलावा एक्सईएन को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दरअसल कार्यक्रम स्थल से पहले प्रोटोकाल के तहत व्यवस्था जांची जाती है। रविवार को परिवहन मंत्री का कार्यक्रम अंबाला छावनी के बब्याल में था। जिस मंच से विज अंबाला छावनी में हुए विकास कार्यों से लोगों को रूबरू करवा रहे थे, उसी पोडियम के एक हिस्से में विपक्षी की दो तस्वीरें लगी हुईं थीं। 

कार्यक्रम के बाद वीडियो वायरल हुआ, तो मंत्री का भी गुस्सा भड़क गया। अफसरों की अनदेखी की गूंज चंडीगढ़ तक पहुंच गई, जिसके बाद जिला स्तर पर भी अफसरों ने जिम्मेदारी तय करने के लिए छानबीन शुरू कर दी। 

हालांकि विज की ओर से किसी विभाग का नाम नहीं लिया गया, लेकिन प्रोटोकाल में जिन विभागों की जिम्मेदारी है, उनके कर्मियों व अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो सकती है। विज का अफसरों को तर्क था कि सुरक्षा जैड प्लस है, लेकिन पोडियम में यदि कोई विस्फोटक सामग्री या कुछ अन्य सामान रख जाता तो क्या होता। यह मामला गंभीर है। 

15 करोड़ की लागत से एसटीपी का किया था उद्घाटन

विज ने अंबाला छावनी के बब्याल में 15 करोड़ रुपए की लागत से 10 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का उद्घाटन किया था। इस प्लांट से कई कालोनियों में लगभग 140 किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन से जुड़े 15 हजार घरों को सीवरेज सुविधा मिलनी है।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट आधुनिक एसबीआर तकनीक पर तैयार किया गया है जोकि भविष्य के 25 वर्षों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस ट्रीटमेंट प्लांट से पानी ट्रीट होने के बाद इसे पास टांगरी नदी में छोड़ा जाएगा। 

पहले सुरक्षा खतरे में पड़ी और अब पोडियम विवाद

हरियाणा के विधानसभा चुनावों के दौरान भी विज की सुरक्षा को लेकर मामला सुर्खियों में रहा है। इसको लेकर विज ने अफसरों को शिकायत भी की थी और बाद में अफसरों पर गाज भी गिरी। विज अनुमति लेकर चुनाव प्रचार के लिए शाहपुर और गरनाला जा रहे थे। 

इस दौरान उनके काफिले को देखकर ग्रामीणों ने विरोध में नारेबाजी की थी। विज समर्थक और ग्रामीण आमने सामने हो गए थे। इसी तरह शाहपुर में भी जनसभा के बीच कुछ लोग पहुंच गए जिन्होंने उत्पात मचा दिया था। इस पर विज ने चुनाव आयोग से लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी को शिकायत दी थी। 

अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब पोडियम का विवाद सामने आ गया। सूत्रों का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान भी कई अधिकारी नदारद थे। बताया जाता है कि प्रोटोकाल के तहत कार्यक्रम के शुरू होने से पहले व्यवस्थाओं को चेक किया जाना चाहिए। 

चंडीगढ़ से अफसरों की जवाब तलबी सूत्रों का कहना है कि मामला चंडीगढ़ पहुंचने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने जिले के अफसरों से जवाब तलब किया। फिलहाल तीन अफसरों पर शिकंजा कसा गया है और अन्य विभागों के अधिकारियों की भी जवाबदेही तय हो सकती है।

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