प्रकृति संरक्षण में केयू निभा रहा अग्रणी भूमिका : प्रो. सोमनाथ सचदेवा
केयू को मिला पर्यावरण संरक्षण चैम्पियन अवार्ड 2025, कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई
कुरुक्षेत्र, 10 जून। 
भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को पर्यावरण चैम्पियन अवार्ड-2025 दिए जाने पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि प्रकृति संरक्षण में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है। पर्यावरण संरक्षण चैम्पियन अवार्ड 2025 प्राप्त करने वाला कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा का एकमात्र विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के 40 एकड़ क्षेत्र को संरक्षित किया गया है। इसके साथ केयू ने पर्यावरण संरक्षण नीति को अपनाते हुए विद्यार्थियों द्वारा पौधारोपण करना पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा भी बनाया है। गौरतलब है कि केयू द्वारा पिछले तीन वर्षो संस्थागत एवं शैक्षणिक पर्यावरण गतिविधियों का संकलन करके वाईल्ड लाइफ वॉरियर कैटेगरी में आवेदन किया था जिसके आधार पर केयू को पर्यावरण संरक्षण चैम्पियन अवार्ड 2025 मिला है।
अवार्ड मिलने पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण चैम्पियन अवार्ड 2025 मिलना केयू के पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए अहम योगदान को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण् संरक्षण के लिए केयू ने एक वर्ष में 75हजार पेड़ लगाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है जो पिछले वर्ष से संचालित है। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि केयू सदैव पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियों में सामाजिक जागरूकता के लिए अग्रणी रहा है। इसी दिशा में हमारे शिक्षक भी समाज को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने कहा कि यह अवार्ड निश्चय की हमारे शिक्षक, कर्मचारियों व विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक व प्रेरित करेगा।
लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अभियान में केयू महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2010-11 में केयू को ग्रीन कैम्पस अवार्ड भी मिला था।
इस अवसर पर केयू छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी व जूलोजी विभाग के शिक्षक प्रो. दीपक राय बब्बर मौजूद रहे।
 
कर्मचारी शैक्षणिक संस्थान की मजबूत नींव : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा
कुवि के चार गैर-शिक्षक सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्रशासन की ओर से विदाई पार्टी
कुरुक्षेत्र, 10 जून। 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में मंगलवार को चार गैर-शिक्षक कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विदाई पार्टी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि कर्मचारी शैक्षणिक संस्थान की मजबूत नींव होती है जो संस्थान के उत्थान एवं विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय में बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए सेवानिवृत्त गैर-शिक्षक कर्मचारियों से सुझाव लिए व उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों के लिए सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण रखेगा तथा भविष्य में भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अनुभव विश्वविद्यालय के काम आएंगे।
कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने सेवानिवृत्त होने वाले गैर-शिक्षक कर्मचारियों से औपचारिक बातचीत करते हुए अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। इस अवसर पर सेवानिवृत्त होने वाले गैर-शिक्षक कर्मचारियों ने अपने विचार व अनुभव साझा किए तथा इस विदाई पार्टी के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार प्रकट किया।
सेवानिवृत्त होने वालों में एनएसएस से उप-अधीक्षक मनोज कुमार, कॉलेज ब्रांच से सहायक सुरेन्द्र कुमार, अकाउंट्स ब्रांच से क्लर्क रमेश कुमार तथा आईआईएचएस से एसएलए मुनीष कुमार शामिल हैं।
इस मौके पर कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, डीन ऑफ कॉलेजिज प्रो. ब्रजेश साहनी, केयू छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, कुटा प्रधान प्रो. दीपक राय बब्बर, डॉ. नीरज बातिश, कुंटिया प्रधान राजवंत कौर, उपकुलसचिव डॉ. जितेन्द्र जांगड़ा, सहायक कुलसचिव प्रेम कुमार व अजमेर सिंह, विकास कांतिवाल, हरपाल सिंह, पंकज जांगड़ा, मोहन बिष्ट सहित सेवानिवृत्त कर्मचारियों के परिवारजन मौजूद रहे।
नवाचार एवं उद्यमिता विकसित भारत का आधार : डॉ. वीरेन्द्र पाल
कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने किया केयू कुटिक सेंटर का अवलोकन
कुरुक्षेत्र, 10 जून।
 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का टेक्नोलॉजी इंक्यूबेशन सेंटर निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है जहां विद्यार्थी अपने आइडिया की संकल्पना को उत्पाद स्तर पर लाकर नवाचार एवं उद्यमिता की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का टेक्नोलॉजी इंक्यूबेशन सेंटर का अवलोकन करते हुए कहा कि नवाचार एवं उद्यमिता विकसित भारत का आधार है तथा यह सेंटर भारत के ‘प्रौद्योगिकी विजन 2035’ के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने केन्द्र के विकास के लिए मूल्यवान सुझाव दिए तथा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए इस केन्द्र की गतिविधियों की सराहना की।
कुटिक समन्वयक प्रो. अनुरेखा शर्मा ने कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल का स्वागत करते हुए बताया कि केन्द्र में संचालित परियोजनाओं की जानकारी साझा की। इस मौके पर डॉ. अश्वनी मित्तल, डॉ. रीटा देवी, डॉ. हरदीप राय शर्मा व इंक्यूबेशन कंसलटेंट मनोज कुमार उपस्थित रहे।
‘केयू न्यूज लेटर’ विश्वविद्यालय की एकेडमिक सूचनाओं को आगे बढ़ाने का आंतरिक माध्यमः प्रोफेसर दिनेश कुमार
‘केयू न्यूज़ लेटर’ के तृतीय अंक का हुआ विमोचन
कुरुक्षेत्र, 10 जून। 
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर दिनेश कुमार ने मंगलवार को केयू जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा संचालित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ‘केयू न्यूज़ लेटर’ के तृतीय अंक का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि ‘केयू न्यूज लेटर’ विश्वविद्यालय की तमाम एकेडमिक सूचनाओं को आगे बढ़ाने का आंतरिक माध्यम है उसमे विभागों एवं संस्थानों मे आपसी गतिविधियों की सूचना मिलती हैं और एक बेहतर सामजस्य स्थापित होता है। उन्होंने कहा कि ‘केयू न्यूज़ लेटर’ के तृतीय एडिशन में विश्वविद्यालय के एकेडमिक गतिविधयों के साथ विभिन्न विभागों एवं संस्थानों के कोर्सो के दाखिलों के संबंध में विस्तृत सूचना प्रदान की गई है जो विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के लिए सहायक सिद्व होगी। इस अवसर पर प्रो. दिनेश कुमार ने ‘केयू न्यूज लेटर’ प्रकाशन के लिए जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर महासिंह पूनिया और उनकी समस्त टीम को बधाई दी।
केयू जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि न्यूज लेटर विश्वविद्यालयों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो सूचना के प्रवाह को सुचारू बनाता है, समुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है, और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा में योगदान करता है। यह न केवल वर्तमान छात्रों और कर्मचारियों के लिए, बल्कि पूर्व छात्रों और अन्य हितधारकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
इस मौके पर डीन प्रो. संजीव अग्रवाल, प्रो. संजीव बंसल, जनंसचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, डॉ. अभिनव कटारिया, डॉ. तपेश किरण, डॉ. प्रदीप राय, राहुल अरोड़ा व अमित जांगड़ा मौजूद रहे।
बायोकेमिस्ट्री में दाखिले के बाद छात्रों का बहुआयामी दायरा : प्रो. जसबीर सिंह
केयू बायोकेमिस्ट्री विभाग में दाखिले हेतु ऑनलाइन आवेदन की अन्तिम तिथि 15 जून
कुरुक्षेत्र, 10 जून। 
कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार वर्ष 2025-26 के लिए केयू के विभिन्न विभागों में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 24 मई से शुरू जारी है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री विभाग के अध्यक्ष प्रो. जसबीर सिंह ने मानवीय स्वास्थ्य एवं रोगों से बचाव के लिए ध्यान में रखते हुए बायोकेमिस्ट्री पर आधारित नई खोज का दायरा असीम है। वहीं बायोकेमिस्ट्री विभाग द्वारा क्रियान्वित पाठ्यक्रम एवं बहुआयामी अध्यापन में व्याख्यान, सेमीनार, असाइनमेंट्स और औद्योगिक प्रशिक्षण को महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा कि बायोकेमिस्ट्री एक विशाल अनुशासन है जिसकी उपयोगिता जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि बायोकेमिस्ट्री विभाग से उर्त्तीण छात्र देश ही नहीं अपितु विदेशों के विभिन्न संस्थानों और विभागों में कार्यरत है। बायोकेमिस्ट्री के विशिष्ट दायरे में दवा, कृषि, पोषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, फॉरेंसिक साइंस, उद्योग जैसे कई अन्य पहलू शामिल हैं।
कुवि के लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार के बायोकैमिस्ट्री विभाग में दो वर्षीय एमएससी बायोकैमिस्ट्री की 60 सीट निर्धारित है। इसके साथ ही 4 वर्षीय बीएससी ऑनर्स इन बायोकैमिस्ट्री/बीएससी (ऑनर्स विद रिसर्च) डिग्री इन बायोकैमिस्ट्री 80 केडिट्स वाले विद्यार्थी सीधे द्वितीय वर्ष में दाखिला ले सकता है इसमें 50 प्रतिशत नंबर या समानांतर एकीकृत सीजीपीए भी जरूरी है। दाखिले के लिए इच्छुक आवेदक 15 जून 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार विद्यार्थियों की दाखिला सम्बंधी जानकारी के लिए ऑनलाइन हेल्पडेस्क भी गठित किया गया है। ऑनलाईन एडमिशन से सम्बन्धित जानकारी के लिए विद्यार्थी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की वेबसाईट से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
 
संगीत एवं नृत्य क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं : प्रो. कृष्णा देवी
केयू संगीत एवं नृत्य विभाग में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन की अन्तिम तिथि 15 जून
कुरुक्षेत्र, 10 जून।
 कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रोग्राम्स में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 24 मई 2025 से जारी है। संगीत एवं नृत्य विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो. कृष्णा देवी ने बताया कि संगीत एवं नृत्य के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। सन 1975 में स्थापित संगीत विभाग ने संगीत के क्षेत्र में अनेकों राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कलाकार दिए है, जिन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। इसके साथ ही फिल्म इंडस्ट्री में भी हमारे बहुत सारे पूर्व विद्यार्थी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। संगीत एवं नृत्य विभाग में वर्ष भर में संगीत एवं नृत्य संबंधित गतिविधियां आयोजित की जाती है जिनमें विभाग के छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर प्रतिभागिता करते हैं और अपनी प्रतिभा को निखारते रहते हैं। विभाग के विद्यार्थी युवा उत्सवों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए हुए हैं, जिसका लाभ उन्हें रोजगार के क्षेत्र में आवेदन करते हुए प्राप्त होता है। अतः संगीत एवं नृत्य के क्षेत्र में रुचि रखने वाले विद्यार्थी विश्वविद्यालय के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
केयू लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि संगीत एवं नृत्य विभाग के एम.ए. संगीत (गायन-वादन) के लिए 36 सीटों पर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक अभ्यर्थी 15 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त एम.पी.ए. (मास्टर आफ परफॉर्मिंग आर्ट्स) के लिए 40 सीटों पर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। संगीत एवं नृत्य में रुचि रखने वाले छात्र-छात्राएं ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। संगीत एवं नृत्य विभाग शास्त्रीय संगीत सीखने का अवसर प्रदान करता है। एम.पी.ए. (मास्टर आफ परफॉर्मिंग आर्ट्स) कोर्स में 12वीं कक्षा के बाद प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। इसमें गायन, सितार, तबला तथा कथक नृत्य सीखने का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही संगीत एवं नृत्य विभाग में ऑडियो रिकॉर्डिंग स्टूडियो को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है तथा इसके लिए विभाग में ही रिकॉर्डिंग स्टूडियो की व्यवस्था भी उपलब्ध है।

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