हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की फर्जी वेबसाइट बनाकर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं से ठगी करने के एक सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है।
अब तक 77 युवाओं से 22530 रुपये की ठगी की जा चुकी थी। पंचकूला पुलिस ने मामले का राजफाश करते हुए छह लोगों को हिरासत में लिया है। ठगों ने https://onetimeregn.haryana.gov.in की तरह दिखने वाली एक फर्जी वेबसाइट https://onetimeregn.examinationservices.in बनाई थी और इस पर सीईटी टेस्ट के लिए पंजीकरण करने के नाम पर क्यूआर कोड से रुपये लिए जा रहे थे।

 

इस फर्जी वेबसाइट को हाल ही में होस्टिंगर डोमेन पर रजिस्टर्ड किया गया था। मामले की जानकारी मिलते ही एचएसएससी विभाग ने तुरंत संज्ञान लिया और पंचकूला के सेक्टर-5 थाने में मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने अब फर्जी वेबसाइट को भी गूगल से हटवा दिया है, ताकि और युवा ठगी का शिकार न हो सकें।

इस मामले में पुलिस आयुक्त सिबास कविराज जांच टीमों से अपडेट ले रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना द्वारा तीन टीमें गठित की गईं, जिनकी कार्रवाई के तहत चार लोगों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से, एक को हरियाणा के कुरुक्षेत्र से और एक को फतेहाबाद से हिरासत में लिया गया है। जिसमें से पुलिस ने मुख्य आरोपित जिसने फर्जी वेबसाइट लिंक बनाया था उसको भी हिरासत में ले लिया है। 

77 लोगों को बनाया ठगी का शिकार

साइबर एक्सपर्ट्स की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि ठगों ने फर्जी वेबसाइट के माध्यम से कम से कम 77 अभ्यर्थियों से करीब 22,530 रुपये की ठगी की है। डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ जारी है। साथ ही इसमें शामिल अन्य लोगों की भागीदारी के बारे भी पता किया जा रहा है। 

आरोपितों के मोबाइल व बैंक खातों की जांच की जा रही है। जांच का नेतृत्व कर रही पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने उम्मीदवारों को सलाह देते हैं कि वे केवल ‘-gov-in’ डोमेन वाली आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें और क्यूआर कोड या यूपीआई आईडी के माध्यम से भुगतान करने से बचें। 

हमारे युवाओं की आकांक्षाओं का शोषण करने वाले किसी भी व्यक्ति को सख्त कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा। यदि किसी अभ्यर्थी को कोई संदिग्ध लिंक या भुगतान अनुरोध मिलता है, तो उन्हें तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर अपराध हेल्पलाइन पर मामले की सूचना देनी चाहिए। 

खतरनाक रैकेट को बेअसर कर दिया

हरियाणा पुलिस ने फर्जी एचएसएससी वेबसाइट के माध्यम से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को निशाना बनाने वाले साइबर क्राइम रैकेट पर नकेल कसी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बिना देरी किए कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश ने सुनिश्चित किया कि एक खतरनाक रैकेट को बेअसर कर दिया गया।

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