तंबाकू व धूम्रपान का सेवन जानलेवा हो सकता है। अगर लंबे समय तक प्रयोग किया जाए तो कैंसर के रोगी भी बन सकते है। इसी को ध्यान में रखते हुए नागरिक अस्पताल में तंबाकू नियंत्रण केंद्र खोला गया।
लेकिन तीन साल में 672 लोग दवाई लेने के लिए आए, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि केवल दो लोगों ने तंबाकू छोड़ा है। दरअसल नशा मुक्ति केंद्र में आने वाले मरीज ही काउंसलिंग करवाते है जिससे यह आंकड़ा नहीं बढ़ा।
अब यह की गई व्यवस्था
तंबाकू व धूम्रपान से सबसे अधिक दांत खराब होने के साथ गले में दर्द हो सकता है। नागरिक अस्पताल में दंत व गला रोग विशेषज्ञ की ओपीडी भी अधिक होती है। ऐसे में इन दोनों ओपीडी के अंदर स्पेशल पर्ची रखी जाएगी।
अगर डॉक्टरों को लगता है कि धूम्रपान व तंबाकू के कारण उसे प्री कैंसर की शिकायत है तो उसे नशा मुक्ति केंद्र में बने टीसीसी सेंटर पर भेजना होगा। उस पर्ची पर नाम आदि भी लिखना होगा। वहां से वापस आने के बाद ही दवाइयां दी जाएगी। इसका फायदा ये होगा कि स्वास्थ्य विभाग ने जो अभियान शुरू किया है उसमें सफल भी हो सकेगा।
तंबाकू उत्पादों से दूर रहने के लिए दिलवाई गई शपथ
मंगलवार को नागरिक अस्पताल में इसको लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें डिप्टी सिविल सर्जन एवं नोडल अधिकारी डॉ. मेजर शरद तूली मौजूद रहे। उन्होंने डॉक्टरों व स्टाफ से बात भी की गई। वहीं शपथ भी दिलाई गई है। तंबाकू से बने उत्पाद बीड़ी सिगरेट जर्दा गुटखा इत्यादि से दूर रहना चाहिए और इनके सेवन से बचना चाहिए उन्होंने कहा कि नशे के शिकार व्यक्ति को भी दृढ़ निश्चय लगन कर बुरी आदतों को छोड़ा सकता है।