चंडीगढ़। हरियाणा में रासायनिक खाद पर किसानों की निर्भरता कम करने के लिए प्रदेश सरकार हरित खाद को प्रोत्साहित करेगी। अपनी जमीन पर ढेंचा उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1000 रुपये दिए जाएंगे। यह प्रोत्साहन राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।
3 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने शनिवार को बताया कि प्रदेश में चार लाख एकड़ भूमि पर फसल विविधिकरण का लक्ष्य है, जिसमें ढेंचा की फसल को प्रमुखता दी जा रही है। इस योजना से तीन लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा।
पहली बार लागू हुई योजना
ढेंचा एक प्राकृतिक खाद है जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, नमी बनाए रखने और उत्पादन लागत घटाने में सहायक है। यह योजना पहली बार प्रदेशभर में लागू की जा रही है, जिससे हजारों किसानों को लाभ होगा। ढेंचा एक फलीदार फसल है, जिसे कटाई से पहले मिट्टी में जोतकर जैविक खाद तैयार की जाती है।
यह फसल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में भी सहायक होती है क्योंकि यह नाइट्रोजन स्थिरीकरण करती हैं और नाइट्रोजन की पूर्ति करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मिट्टी की संरचना बेहतर होती है और लंबे समय तक उत्पादकता बनी रहती है।