अंबाला। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से अंबाला छावनी हाई अलर्ट पर है। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद से छावनी में चौकसी बढ़ गई है और सेना क्षेत्र के मिलिट्री प्वाइंट पर चेक पोस्ट बनाए गए हैं। 

यहां सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी है कि कोई संदिग्ध व्यक्ति यहां एंट्री नहीं कर सकता। यहां तक कि मिलिट्री एरिया में कई जगहों पर आम लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में वहां लगे सीसीटीवी से भी नजर रखी जा रही है। इस सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सेना के जवान हाई अलर्ट पर हैं। 

भारत की पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक के बाद से लोगों में काफी उत्साह है और हर कोई सेना की इस कार्रवाई की तारीफ कर रहा है। अंबाला छावनी से पाकिस्तान की दूरी बोर्डर की दूरी करीब 719 किलोमीटर है और ऐसे में सेना हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

भारत-पाक के बीच की दूरी कम होने के चलते खासकर आसमान में पैनी नजर रखे हुए है और 1971 के युद्ध के दौरान भी अंबाला छावनी में सेना के एयरबेस को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए सेना के जवान पूरी तरह से सतर्क है। 

जब गिरा दिए थे बम

भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध 1971 में शुरू हुआ था। पहला हमला तीन दिसंबर को भारत पर किया गया था। ऐसे में काफी पंजाब व साथ लगते अंबाला तक स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। इस दौरान युद्ध के नौ दिन बाद पाकिस्तान के फाइटर जेट ने नौ दिसंबर को मध्य रात्रि अंबाला के एयरबेस को निशाना बनाया था। 

जिसमें पाकिस्तान का मकसद था कि भारतीय सेना के विमान को उड़ान भरने से रोकना था। लेकिन पाकिस्तान का यह पैतरा भी फेल हो गया और पाक जहाजों ने एयरबेस से करीब छह किलोमीटर दूर शाहपुर गांव के खेतों में बम गिराये और चले गए। पाकिस्तान का जो प्लान था वह कामयाब नहीं हो पाया था। इस तरह बड़ी तबाही से अंबाला उस समय बच गया था।

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