वयोवृद्ध पत्रकार हैं 98 वर्षीय अमरनाथ बागी
वर्ष 1971 में पाकिस्तान के साथ जब युद्ध छिड़ा तो सिविल डिफेंस के रूप में शहर के बुजुर्ग अमरनाथ बागी ने अहम भूमिका निभाई थी। अब 98 वर्षीय अमरनाथ बागी शहर के वयोवृद्ध पत्रकार हैं और इस समय एनआइटी में पांच नंबर ए ब्लॉक स्थित घर में ही आराम फरमाते हैं, पर अब जब युद्ध वाली बात हो रही है तो उनके बाजू फिर से फड़कने लगे और उनमें सेवा का वही जोश व जज्बा दिखाई दियाबागी के अनुसार तब वह 44 वर्ष थे। तब फरीदाबाद अलग जिला नहीं था और यह गुरुग्राम जिले का हिस्सा था। बागी बताते हैं कि गुरुग्राम के जिला उपायुक्त की ओर से सिविल डिफेंस की जिम्मेदारी दी गई थी, इसके तहत अपने साथियों के साथ युद्ध के दिनों में आसपास के नागरिकों की सुरक्षा करने के उपाय बताते और उनका मनोबल बढ़ाते थे।
घर-घर जाकर किया था जागरूक
लोगों को बताया जाता था कि दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें। खाद्य पदार्थ व पेय पदार्थों का इस्तेमाल कम करने के लिए कहते थे, ताकि कहीं अगर युद्ध लंबा खिंच जाए तो फिर लंबे समय तक उनके पास कुछ न कुछ खाने की व्यवस्था हो।