तीन बच्चों की मां थी मृतका
रमेश मूल रूप से बागपत के गांव रमाला का रहने वाला है। गीता दो बेटों और एक बेटी की मां थी। छह साल पहले रमेश और गीता में घरेलू कलेश हुआ था। गीता बेटी तन्नू के साथ अलग रहने लगी थी। रमेश बेटे मुकुल के साथ रहता था। छोटा बेटा अंशु पत्नी के साथ दूसरी जगह रहता था।
कमरे से बरामद हुई सल्फास की खाली डिब्बी
पड़ोसी ने यहां पहुंच लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा और पुलिस व रमेश को इसकी सूचना दी। कमरे में मां-बेटी चारपाई पर बेसुध पड़ी थी। इनके पास सल्फास की खाली डिब्बी रखी थी। पड़ोसी दोनों को जिला नागरिक अस्पताल में लेकर आए यहां डाक्टरों ने बेटी को मृत घोषित कर दिया।
कमरे में मेज पर मिला सुसाइड नोट
कमरे में मेज पर सुसाइड नोट रखा था। इसमें बीए पास तन्नू ने लिखा था कि वह पिता रमेश और बड़े भाई मुकुल से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं। उनकी मौत का जिम्मेदार ये दोनों ही है। इस पर दोनों ने अपने हस्ताक्षर भी किए थे।
हमारा कसूर नहीं, हम तो बात भी नहीं करते थे आरोपित रमेश कुमार ने बताया कि वह 2018 से गीता से अलग रहते थे। वह तो उन्हें कॉल तक भी नहीं करते थे। उनको गीता व तन्नू से कोई लेना देना नहीं था। उन्हें सुबह तीन बजे दोनों के जहर खाने की सूचना पड़ोसी संजय से मिली थी।