लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए हाल में सोमवार को आयोजित समाधान शिविर में समस्याएं सुनते हुए डॉ. मनीष नागपाल उस समय हैरान हो गए जब परिवार पहचान पत्र में मृत दिखाई गई गांव धनाना की बुजुर्ग महिला बाला देवी ने अपने जिंदा होने का प्रमाण सामने कुर्सी पर बैठकर दिया। 

बुजुर्ग महिला ने एडीसी को बताया कि वे दो बार तहसीलदार से अपने जिंदा होने के बारे में हलफनामा भी दे चुकी हैं। इसके बावजूद भी परिवार पहचान पत्र को दुरूस्त नहीं किया जा रहा है। 

इस वजह से उनको पेंशन लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। इस पर एडीसी ने समाधान शिविर में मौजूद संबंधित विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द परिवार पहचान पत्र दुरुस्त करने के निर्देश दिए
एडीसी डॉ. नागपाल ने निर्देश देते हुए कहा कि सरकार की अधिकांश सेवाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं। इसके साथ-साथ सरकार की योजनाओं की लाभ राशि पात्र लोगों के खाते में सीधे रूप से भेजी जाती हैं। सभी योजनाएं परिवार पहचान पत्र और आधार कार्ड से जुड़ी हुई हैं।

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