2047 के समृद्ध भारत का लक्ष्य 140 करोड़ भारतीयों का दृढ़ संकल्पः नायब सिंह सैनी
कृषि क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएंः विक्रम साहनी
हरियाणा का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदानः प्रो. सोमनाथ सचदेवा
कुवि एवं स्वदेशी शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन सम्पन्न
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि 2047 के समृद्ध और महान भारत का लक्ष्य हम सभी 140 करोड़़ भारतीयों का सामूहिक दृढ़ संकल्प है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत से अभिप्राय ऐसे भारत से है जो आर्थिक, सामाजिक, और तकनीकी दृष्टिकोण से प्रगति करे तथा जहां उच्च जीवन स्तर, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार के अवसर, और सामाजिक समानता शामिल हो। भारत के यशस्वीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने हम सभी की जिम्मेवारी है। वे शुक्रवार को नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं स्वदेशी शोध संस्थान, नई दिल्ली, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार, इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च, नई दिल्ली, यूनिवर्सिटी ऑफ अगदर, नार्वे, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक तथा आर्गेनाइजर मैगेजीन, मीडिया पार्टनर के संयुक्त तत्वावधान में “विजन 2047ः समृद्ध और महान भारत” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन ‘रोजगार के लिए जनसांख्यिकी और रणनीतियों का उपयोग करना’ विषय पर आयोजित प्लेनरी सेशन में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जनसंख्या का सही उपयोग करने के लिए शिक्षा, उद्यमिता, नवाचार और युवा जनसंख्या स्थायित्व कारगर उपकरण है। युवा शक्ति विकसित भारत का मुख्य स्तंभ है। हरियाणा में इसी मंत्र को लेकर काम किया जा रहा है। हरियाणा में 65 प्रतिशत की आबादी 35 वर्ष से कम युवाओं की है। हरियाणा सरकार द्वारा गुणवत्तापरक शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता व नवाचार को बढ़ावा दे रही है। युवाओं को कौशल युक्त कर उन्हें आत्मनिर्भर व स्वरोजगार करने का कार्य किया जा रहा है ताकि राज्य का प्रत्येक युवा हुनरमंद हो।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पलवल में पहली स्किल यूनिवर्सिटी में युवाओ का कौशल विकास किया जा रहा है तथा उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि युवा रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बने।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के इस बजट में सभी वर्गो का परामर्श लेकर स्टार्टअप, आर्थिक, तकनीकी और पर्यावरणीय, महिला सशक्तिकरण, उद्योग, नवाचार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी सहित प्रत्येक वर्ग को जगह दी गई है। नवाचार आज की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का मूल मंत्र है। एक लाख 75 हजार युवाओं को बिना पर्ची और खर्ची के नौकरियां दी गई हैं। हरियाणा की पहचान कृषि अर्थव्यवस्था है। खेती में भी नवाचार को विकसित किया गया है। बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, खेल नीति जैसी योजनाओं से देश का विकास किया जा रहा है। युवाओं को नशे से मुक्त करने के अभियान चलाए जा रहे है ताकि विकसित भारत का स्वप्न पूरा किया जा सके।
राज्य सभा सांसद विक्रम साहनी ने कहा कि आज का युवा कृषि की तरफ नहीं जाना चाहता। कृषि क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। अपना करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार एग्रीकल्चर के पाठ्यक्रमों का विकल्प चुन सकते हैं। स्वदेशी जागरण मंच के दीपक शर्मा ने कहा कि वर्ष 1980 में चीन की जीडीपी 307 डालर प्रति व्यक्ति थी और भारत की 580 डालर प्रति व्यक्ति थी। चीन ने इसके बाद व्यवस्थित तरीके से उन्नति की और भारत पीछे रह गया। पर 2014 के बाद देश आगे बढ़ा है। आज हमें अनोर्गनाइज्ड सेक्टर को ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में कन्वर्ट करने की आवश्यकता है तभी हम विकसित और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि अक्सर हमें तीन समस्याओं का सामना करना पड़ता है कि आदमी के पास काम नहीं है, दूसरा काम के लिए आदमी नहीं मिल रहे और तीसरा काम के लिए रखे हुए आदमी किसी काम के नहीं है। आदमी के पास काम बेरोजगारी के कारण नहीं है। रोजगार 2 प्रतिशत सरकारी क्षेत्र से आता है। 6 से 7 प्रतिशत कॉरपोरेट क्षेत्र से आता है। 62 प्रतिशत रोजगार स्वरोजगार के माध्यम से आता है। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कौशल विकास, संस्कार विकसित करने की आवश्यकता है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निहित है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने सर्वप्रथम एनईपी-2020 को इसके सभी प्रावधानों साथ पूरे देश में सर्वप्रथम लागू किया है।
राजकुमार चतुर्वेदी ने कहा कि समृद्ध और महान भारत बनाना अब प्रत्येक युवाओं के जीवन का लक्ष्य बन चुका है। एमडी राजकुमार गोयल ने कहा कि सर्विस सेक्टर उद्योगों पर आधारित है यदि उद्योग ठीक चलेगा तो सर्विस सेक्टर ठीक चलेगा। मंच का संचालन प्रो. प्रदीप चौहान ने किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय संयोजक, स्वदेशी जागरण मंच के आर सुंदरम, स्वावलंबी भारत अभियान की अखिल भारतीय महिला सह समन्वयक अर्चना मीणा, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संगठक सतीश कुमार, तकनीकी शिक्षा विभाग हरियाणा के सचिव राजेश गोयल, प्रो. भगवती प्रकाश, प्रो. अश्विनी महाजन, सीए हर्षित, प्रो. आरके मित्तल, डॉ. आरसी अग्रवाल, अनुराधा, मनोज, प्रो. सुशील शर्मा, प्रो. अनिल मित्तल, प्रो. विवेक चावला, डॉ. राजन शर्मा, डॉ. सलोनी दिवान, डॉ. जे.के. चंदेल, डॉ. महेश सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।
कृषि क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएंः विक्रम साहनी
हरियाणा का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदानः प्रो. सोमनाथ सचदेवा
कुवि एवं स्वदेशी शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन सम्पन्न
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि 2047 के समृद्ध और महान भारत का लक्ष्य हम सभी 140 करोड़़ भारतीयों का सामूहिक दृढ़ संकल्प है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत से अभिप्राय ऐसे भारत से है जो आर्थिक, सामाजिक, और तकनीकी दृष्टिकोण से प्रगति करे तथा जहां उच्च जीवन स्तर, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं, रोजगार के अवसर, और सामाजिक समानता शामिल हो। भारत के यशस्वीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने हम सभी की जिम्मेवारी है। वे शुक्रवार को नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एवं स्वदेशी शोध संस्थान, नई दिल्ली, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार, इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च, नई दिल्ली, यूनिवर्सिटी ऑफ अगदर, नार्वे, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक तथा आर्गेनाइजर मैगेजीन, मीडिया पार्टनर के संयुक्त तत्वावधान में “विजन 2047ः समृद्ध और महान भारत” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन ‘रोजगार के लिए जनसांख्यिकी और रणनीतियों का उपयोग करना’ विषय पर आयोजित प्लेनरी सेशन में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जनसंख्या का सही उपयोग करने के लिए शिक्षा, उद्यमिता, नवाचार और युवा जनसंख्या स्थायित्व कारगर उपकरण है। युवा शक्ति विकसित भारत का मुख्य स्तंभ है। हरियाणा में इसी मंत्र को लेकर काम किया जा रहा है। हरियाणा में 65 प्रतिशत की आबादी 35 वर्ष से कम युवाओं की है। हरियाणा सरकार द्वारा गुणवत्तापरक शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता व नवाचार को बढ़ावा दे रही है। युवाओं को कौशल युक्त कर उन्हें आत्मनिर्भर व स्वरोजगार करने का कार्य किया जा रहा है ताकि राज्य का प्रत्येक युवा हुनरमंद हो।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पलवल में पहली स्किल यूनिवर्सिटी में युवाओ का कौशल विकास किया जा रहा है तथा उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि युवा रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बने।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के इस बजट में सभी वर्गो का परामर्श लेकर स्टार्टअप, आर्थिक, तकनीकी और पर्यावरणीय, महिला सशक्तिकरण, उद्योग, नवाचार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी सहित प्रत्येक वर्ग को जगह दी गई है। नवाचार आज की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का मूल मंत्र है। एक लाख 75 हजार युवाओं को बिना पर्ची और खर्ची के नौकरियां दी गई हैं। हरियाणा की पहचान कृषि अर्थव्यवस्था है। खेती में भी नवाचार को विकसित किया गया है। बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, खेल नीति जैसी योजनाओं से देश का विकास किया जा रहा है। युवाओं को नशे से मुक्त करने के अभियान चलाए जा रहे है ताकि विकसित भारत का स्वप्न पूरा किया जा सके।
राज्य सभा सांसद विक्रम साहनी ने कहा कि आज का युवा कृषि की तरफ नहीं जाना चाहता। कृषि क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। अपना करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार एग्रीकल्चर के पाठ्यक्रमों का विकल्प चुन सकते हैं। स्वदेशी जागरण मंच के दीपक शर्मा ने कहा कि वर्ष 1980 में चीन की जीडीपी 307 डालर प्रति व्यक्ति थी और भारत की 580 डालर प्रति व्यक्ति थी। चीन ने इसके बाद व्यवस्थित तरीके से उन्नति की और भारत पीछे रह गया। पर 2014 के बाद देश आगे बढ़ा है। आज हमें अनोर्गनाइज्ड सेक्टर को ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में कन्वर्ट करने की आवश्यकता है तभी हम विकसित और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरियाणा का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि अक्सर हमें तीन समस्याओं का सामना करना पड़ता है कि आदमी के पास काम नहीं है, दूसरा काम के लिए आदमी नहीं मिल रहे और तीसरा काम के लिए रखे हुए आदमी किसी काम के नहीं है। आदमी के पास काम बेरोजगारी के कारण नहीं है। रोजगार 2 प्रतिशत सरकारी क्षेत्र से आता है। 6 से 7 प्रतिशत कॉरपोरेट क्षेत्र से आता है। 62 प्रतिशत रोजगार स्वरोजगार के माध्यम से आता है। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कौशल विकास, संस्कार विकसित करने की आवश्यकता है जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निहित है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने सर्वप्रथम एनईपी-2020 को इसके सभी प्रावधानों साथ पूरे देश में सर्वप्रथम लागू किया है।
राजकुमार चतुर्वेदी ने कहा कि समृद्ध और महान भारत बनाना अब प्रत्येक युवाओं के जीवन का लक्ष्य बन चुका है। एमडी राजकुमार गोयल ने कहा कि सर्विस सेक्टर उद्योगों पर आधारित है यदि उद्योग ठीक चलेगा तो सर्विस सेक्टर ठीक चलेगा। मंच का संचालन प्रो. प्रदीप चौहान ने किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय संयोजक, स्वदेशी जागरण मंच के आर सुंदरम, स्वावलंबी भारत अभियान की अखिल भारतीय महिला सह समन्वयक अर्चना मीणा, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संगठक सतीश कुमार, तकनीकी शिक्षा विभाग हरियाणा के सचिव राजेश गोयल, प्रो. भगवती प्रकाश, प्रो. अश्विनी महाजन, सीए हर्षित, प्रो. आरके मित्तल, डॉ. आरसी अग्रवाल, अनुराधा, मनोज, प्रो. सुशील शर्मा, प्रो. अनिल मित्तल, प्रो. विवेक चावला, डॉ. राजन शर्मा, डॉ. सलोनी दिवान, डॉ. जे.के. चंदेल, डॉ. महेश सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।
पांच दिवसीय डलहौजी शिविर में केयू आईआईएचएस प्रतिभागियों ने किया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में आयोजित राज्य स्तरीय 5 दिवसीय शिविर में आईआईएचएस की टीम सर्वश्रेष्ठ रही। शिविर में महिला सर्वश्रेष्ठ कैम्परर का खिताब संजना को मिला। वहीं ईशु ने प्रश्नोत्तरी स्पर्धा में प्रथम, संजना ने द्वितीय व निशा ने तृतीय स्थान प्राप्त कर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आईआईएचएस संस्थान को गौरवान्वित किया। इसके साथ ही वर्षा ने नृत्य व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में द्वितीय, मोहित ने भाषण में तृतीय स्थान प्राप्त किया। नाटक प्रतियोगिता में आईआईएचएस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। शिविर में श्वेता को योग प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
शिविर के दौरान प्रो. निरुपमा भट्टी काउंसलर यूथ रेड क्रॉस आईआईएचएस ने पांच दिवसीय शिविर में उर्जावान योग प्रशिक्षण देकर प्रतिदिन योग करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर आईआईएचएस की प्राचार्या प्रो. रीटा दलाल ने प्रतियोगिता में सराहनीय उपलब्धियों के लिए प्रतिभागियों को बधाई दी व भविष्य में जारी रखने के लिए प्रेरित किया। प्रो. निरुपमा भट्टी ने प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. दिनेश राणा व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन का विद्यार्थियों को प्रतिभागिता में अवसर देने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में आयोजित राज्य स्तरीय 5 दिवसीय शिविर में आईआईएचएस की टीम सर्वश्रेष्ठ रही। शिविर में महिला सर्वश्रेष्ठ कैम्परर का खिताब संजना को मिला। वहीं ईशु ने प्रश्नोत्तरी स्पर्धा में प्रथम, संजना ने द्वितीय व निशा ने तृतीय स्थान प्राप्त कर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आईआईएचएस संस्थान को गौरवान्वित किया। इसके साथ ही वर्षा ने नृत्य व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में द्वितीय, मोहित ने भाषण में तृतीय स्थान प्राप्त किया। नाटक प्रतियोगिता में आईआईएचएस ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। शिविर में श्वेता को योग प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
शिविर के दौरान प्रो. निरुपमा भट्टी काउंसलर यूथ रेड क्रॉस आईआईएचएस ने पांच दिवसीय शिविर में उर्जावान योग प्रशिक्षण देकर प्रतिदिन योग करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर आईआईएचएस की प्राचार्या प्रो. रीटा दलाल ने प्रतियोगिता में सराहनीय उपलब्धियों के लिए प्रतिभागियों को बधाई दी व भविष्य में जारी रखने के लिए प्रेरित किया। प्रो. निरुपमा भट्टी ने प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. दिनेश राणा व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन का विद्यार्थियों को प्रतिभागिता में अवसर देने हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।
केयू एमएमटीटीसी द्वारा 26वें ओरिएंटेशन और संवेदीकरण कार्यक्रम में नैक मूल्यांकन एवं उच्च शिक्षा और समाज के साथ सहभागिता पर हुआ व्याख्यान
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र, के 26वें ओरिएंटेशन और संवेदीकरण कार्यक्रम के 6वें दिन ऑनलाइन माध्यम से “उच्च शिक्षा और समाज“ विषय पर बतौर रिसोर्स पर्सन केयू डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार ने नैक मूल्यांकन में बाइनरी फ्रेमवर्क पर व्याख्यान देते हुए एनईपी 2020 के अनुसार बाइनरी प्रत्यायन फ्रेमवर्क के तहत दस मानदंडों पर प्रकाश डाला तथा दोनों फ्रेमवर्क में अंतर को समझाया। इसके साथ ही उन्होंने बाइनरी प्रत्यायन फ्रेमवर्क के बारे में इनपुट, प्रक्रिया और परिणाम के बारे में भी जानकारी दी जिसकी पाठ्यक्रम डिजाइन करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रो. दिनेश कुमार ने प्रोग्राम आउटकम, प्रोग्राम विशिष्ट आउटकम, पाठ्यक्रम आउटकम के बीच अंतर के बारे में भी चर्चा की।
वहीं दूसरे सत्र में “उच्च शिक्षा और समाज के साथ इसकी सहभागिता“ विषय पर केयू छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी ने कहा कि उच्च शिक्षा उन्नत शिक्षा और तकनीकी प्रगति के इंजन के रूप में कार्य करती है, जो विश्वविद्यालयों को ज्ञान सृजन के प्राथमिक चालक के रूप में स्थापित करती है। उन्होंने समग्र विकास पर जोर देते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य स्नातकों को न केवल अपने व्यवसायों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाना है, बल्कि जिम्मेदार नागरिकों के रूप में देश हित में अच्छे निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाना भी है।
सत्र में एनईपी के तहत अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए जोर पर चर्चा की जिसमें संयुक्त डिग्री कार्यक्रम, वर्चुअल एक्सचेंज क्लासरूम और अनुसंधान समझौते शामिल रहे।
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र, के 26वें ओरिएंटेशन और संवेदीकरण कार्यक्रम के 6वें दिन ऑनलाइन माध्यम से “उच्च शिक्षा और समाज“ विषय पर बतौर रिसोर्स पर्सन केयू डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. दिनेश कुमार ने नैक मूल्यांकन में बाइनरी फ्रेमवर्क पर व्याख्यान देते हुए एनईपी 2020 के अनुसार बाइनरी प्रत्यायन फ्रेमवर्क के तहत दस मानदंडों पर प्रकाश डाला तथा दोनों फ्रेमवर्क में अंतर को समझाया। इसके साथ ही उन्होंने बाइनरी प्रत्यायन फ्रेमवर्क के बारे में इनपुट, प्रक्रिया और परिणाम के बारे में भी जानकारी दी जिसकी पाठ्यक्रम डिजाइन करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रो. दिनेश कुमार ने प्रोग्राम आउटकम, प्रोग्राम विशिष्ट आउटकम, पाठ्यक्रम आउटकम के बीच अंतर के बारे में भी चर्चा की।
वहीं दूसरे सत्र में “उच्च शिक्षा और समाज के साथ इसकी सहभागिता“ विषय पर केयू छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी ने कहा कि उच्च शिक्षा उन्नत शिक्षा और तकनीकी प्रगति के इंजन के रूप में कार्य करती है, जो विश्वविद्यालयों को ज्ञान सृजन के प्राथमिक चालक के रूप में स्थापित करती है। उन्होंने समग्र विकास पर जोर देते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य स्नातकों को न केवल अपने व्यवसायों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाना है, बल्कि जिम्मेदार नागरिकों के रूप में देश हित में अच्छे निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाना भी है।
सत्र में एनईपी के तहत अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए जोर पर चर्चा की जिसमें संयुक्त डिग्री कार्यक्रम, वर्चुअल एक्सचेंज क्लासरूम और अनुसंधान समझौते शामिल रहे।
केयू विधि संस्थान के डॉ. रमेश कुमार के उपनिदेशक कार्यकाल में वृद्धि
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के आदेशानुसार केयू विधि संस्थान के डॉ. रमेश कुमार के उपनिदेशक के कार्यकाल में एक वर्ष/आगामी आदेशों तक की वृद्धि की गई है। यह जानकारी देते हुए लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि यह वृद्धि आगामी 28 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस वृद्धि के लिए विधि संस्थान के डॉ. रमेश कुमार ने कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का आभार व्यक्त करते हुए अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करने की बात कही।
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के आदेशानुसार केयू विधि संस्थान के डॉ. रमेश कुमार के उपनिदेशक के कार्यकाल में एक वर्ष/आगामी आदेशों तक की वृद्धि की गई है। यह जानकारी देते हुए लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने बताया कि यह वृद्धि आगामी 28 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस वृद्धि के लिए विधि संस्थान के डॉ. रमेश कुमार ने कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का आभार व्यक्त करते हुए अपना कार्य पूर्ण निष्ठा से करने की बात कही।
छात्रवृत्ति विद्यार्थियों के लिए प्रोत्साहन का कार्य करती है : डॉ. वीरेन्द्र पाल
केयू शिक्षा विभाग में पहली केशोराज छात्रवृत्ति – 2025 कार्यक्रम आयोजित
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में कुवि के शिक्षा विभाग में विशेष एवं समेकित शिक्षा के तहत छात्रवृत्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने कहा कि छात्रवृत्ति विद्यार्थियों के लिए प्रोत्साहन का कार्य करती है तथा जीवन में आगे बढ़ने के लिए मदद करती है। उन्होंने केशोराज छात्रवृत्ति को शुरू करने के लिए उद्यन केयर की संस्थापक व केयू में डीन एवं विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग के पद पर रह चुकी प्रो. सुषमा शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि केयू एलुमनी का इस शैक्षणिक संस्थान के उत्थान में अमूल्य योगदान है। इस अवसर कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल द्वारा छात्रवृत्ति कार्यक्रम में बीएड स्पेशल एजुकेशन सत्र 2023-25 में सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने पर विद्यार्थी रितिक चौधरी को 15000 रुपए की नगद राशि, मेडल व स्मृति चिह्न भी दिया गया। शिक्षा विभाग की अध्यक्ष प्रो. ज्योति खजूरिया ने कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल को उदयन केयर संस्था की ओर स्मृति चिह्न भेंट किया गया । प्रोफेसर सुषमा शर्मा ने बताया कि वे 20 वर्षों से उदयन केयर संस्था के लिए अपनी सेवाएं दे रही है। उन्होंने कहा कि केशोराज स्कॉलरशिप विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। मंच संचालन डॉ. रजनी नागपाल ने निभाई। कार्यक्रम में प्रो. रामनिवास, पूर्व चेयरपर्सन, अंग्रेजी विभाग, ने मुख्य अतिथि सहित सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर डॉ. उपेन्द्र कुमार, डॉ. नेहा टीवाना, डॉ. सुषमा कालरा, डॉ. रांझणा, उदयन केयर संस्था की उप समन्वयक पूजा देवी व कंप्यूटर ट्रेनर गीतांजलि मौजूद रहे।
केयू शिक्षा विभाग में पहली केशोराज छात्रवृत्ति – 2025 कार्यक्रम आयोजित
कुरुक्षेत्र, 25 अप्रैल। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में कुवि के शिक्षा विभाग में विशेष एवं समेकित शिक्षा के तहत छात्रवृत्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल ने कहा कि छात्रवृत्ति विद्यार्थियों के लिए प्रोत्साहन का कार्य करती है तथा जीवन में आगे बढ़ने के लिए मदद करती है। उन्होंने केशोराज छात्रवृत्ति को शुरू करने के लिए उद्यन केयर की संस्थापक व केयू में डीन एवं विभागाध्यक्ष शिक्षा विभाग के पद पर रह चुकी प्रो. सुषमा शर्मा को बधाई देते हुए कहा कि केयू एलुमनी का इस शैक्षणिक संस्थान के उत्थान में अमूल्य योगदान है। इस अवसर कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल द्वारा छात्रवृत्ति कार्यक्रम में बीएड स्पेशल एजुकेशन सत्र 2023-25 में सर्वोत्तम अंक प्राप्त करने पर विद्यार्थी रितिक चौधरी को 15000 रुपए की नगद राशि, मेडल व स्मृति चिह्न भी दिया गया। शिक्षा विभाग की अध्यक्ष प्रो. ज्योति खजूरिया ने कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में कुवि कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल को उदयन केयर संस्था की ओर स्मृति चिह्न भेंट किया गया । प्रोफेसर सुषमा शर्मा ने बताया कि वे 20 वर्षों से उदयन केयर संस्था के लिए अपनी सेवाएं दे रही है। उन्होंने कहा कि केशोराज स्कॉलरशिप विद्यार्थियों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। मंच संचालन डॉ. रजनी नागपाल ने निभाई। कार्यक्रम में प्रो. रामनिवास, पूर्व चेयरपर्सन, अंग्रेजी विभाग, ने मुख्य अतिथि सहित सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर डॉ. उपेन्द्र कुमार, डॉ. नेहा टीवाना, डॉ. सुषमा कालरा, डॉ. रांझणा, उदयन केयर संस्था की उप समन्वयक पूजा देवी व कंप्यूटर ट्रेनर गीतांजलि मौजूद रहे।