बसंती माता मंदिर खरींडवा में आयोजित ग्रामीण कुश्ती दंगल में अनेक पहलवानों ने दिखाया अपना दमखम

बाबैन, 22 मार्च

माता बसंती मंदिर खरींडवा में आयोजित दंगल में सैकड़ों पहलवानों ने अपने दांव-पेंच से दर्शकों को रोमांचित किया। इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आकर अपने बच्चों की सुख शांति व समृद्धि के लिए बसंती माता के मंदिर में माथा टेका। शानदार मुकाबले में अनुज पहलवान खरींडवा ने सन्टी पहलवान करनाल को चित कर झंडी की कुश्ती अपने नाम की। इस दंगल का शुभारंभ विश्वकर्मा पांचाल धर्मशाला एवं महासभा के प्रदेशाध्यक्ष एंव समाजसेवी साहब सिंह ठेकेदार खरींडवा ने किया व अध्यक्षता विनोद शर्मा ने की। दंगल में गौतम दुखेड़ी, निर्मल सुरखपुर, बलवान राजेमाजरा, ताजा पाडलू, सोनू चम्मू, गोपाल जगाधरी, राजन गौरीपुर, भीम व हैप्पी पिंजौर, अशोक दिल्ली, अनुराग अम्बाला जैसे नामचीन पहलवानों ने हिस्सा लिया। विजेता पहलवानों को साहब सिंह ठेकेदार खरींडवा ने पुरस्कार और सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्घ पहलवान श्यामसुन्दर यारा, स्वर्ण सिंह चममू, भूरा राजेमाजरा व चन्नी दुखेड़ी को पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए साहब सिंह ठेकेदार खरींडवा ने कहा कि ग्रामीण कुश्ती जैसे आयोजन से ग्रामीण खेल संस्कृति को मजबूत करने के साथ-साथ युवा प्रतिभाओं को आगे बढऩे का मौका देते हैं। उन्होंने कहा कि आज मोबाइल व इंटरनैट के अंधाधुंध प्रयोग के कारण शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी युवावर्ग इस खेल से दूरी बनाते जा रहे हैं क्योंकि पढाई व आधुनिकता की दौड में हर कोई पैसा कमाना चाहता है। आज के बच्चे प्राचीन भारतीय संस्कृति के प्रतीक खेलों की ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं जो एक गंभीर चिंता की विषय है। खेलों से दुर होने के कारण ही आज के युवाओं के शरीर को अनेक बीमारियों व नशों जैसी सामाजिक बुराई ने जकडा हुआ है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे परंपरागत खेलों को अपनाकर अपने कौशल का उम्दा प्रदर्शन करें और गांव व देश का नाम रोशन करें। इस अवसर पर सरपंच पवन ढांडा, देव राज शर्मा, सुरेश कुमार, हरदीप सिंह, गंगा राम शर्मा सहित मंदिर प्रबंधक कमेटी के सभी सदस्य मौजूद  रहे।

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